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बिहार SIR के फाइनल आंकड़े जारी, 7.24 करोड़ लोगों ने भरे फॉर्म, 36 लाख वोटर नहीं मिले

चुनाव आयोग ने 24 जून से 25 जुलाई तक Bihar SIR के आंकड़े जारिए किए. 24 जून 2025 तक बिहार में 7 करोड़ 89 लाख वोटर थे. इनमें से 91.69 फीसदी यानी 7 करोड़ 24 लाख वोटरों ने गणना फॉर्म जमा किए.

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ECI बिहार में वोटर रिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कर रहा है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के फाइनल आंकड़े जारी कर दिए हैं. चुनाव आयोग ने बताया कि 7 करोड़ 89 लाख वोटरों में से 7 करोड़ 25 लाख वोटरों ने मतदाता गणना फॉर्म भरा है. 65 लाख वोटर या तो मिले नहीं या उन्होंने मतदाता गणना फॉर्म नहीं भरा. इनमें से कई लोग मर चुके हैं. इसके अलावा कई लोग कहीं और जाकर बस गए हैं. SIR की कवायद का मकसद सभी वैध वोटरों की जांच करना है, ताकि उन्हें चुनावी प्रक्रिया में शामिल किया जा सके.

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भारतीय चुनाव आयोग ने रविवार, 27 जुलाई को एक प्रेस रिलीज जारी की. 24 जून से 25 जुलाई तक के पहले आंकड़े सार्वजनिक किए गए. 24 जून 2025 तक बिहार में 7 करोड़ 89 लाख वोटर थे. इनमें से 91.69 फीसदी यानी 7 करोड़ 24 लाख लोगों ने मतदाता गणना फॉर्म जमा किए हैं. ECI के मुताबिक इन वोटरों में 2.83 फीसदी यानी लगभग 22 लाख वोटर मर चुके हैं. 36 लाख वोटर ऐसे हैं जो लापता मिले. ये या तो कहीं और जाकर बस गए, या हैं ही नहीं. वहीं, 0.89 फीसदी यानी 7 लाख लोगों के नाम डुप्लिकेट पाए गए. इनका नाम एक से ज्यादा जगह की वोटर लिस्ट में दर्ज है.

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ECI

चुनाव आयोग ने कहा कि बिना जांच एक भी नाम नहीं हटाया जाएगा. आयोग ने इसे पूरी तरह डिजिटल सत्यापन, घर-घर सर्वे और ब्लॉक लेवल एजेंट्स (BLA) रिपोर्ट पर आधारित बताया है. विपक्ष ने इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए तो चुनाव आयोग ने 12 राजनीतिक दलों के BLA का डेटा भी जारी कर दिया है. इस प्रक्रिया में राजनीतिक दलों के BLA भी शामिल रहे थे.

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चुनाव आयोग ने कहा कि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक गलत नामों को हटाने या जोड़े जाने के लिए दावे और आपत्ति का समय दिया गया है. ECI ने साफ किया कि SIR आदेशों के अनुसार यह फाइनल लिस्ट नहीं है.

SIR रिपोर्ट की बड़ी बातें

लोगों की भागीदारी: बिहार के 7.89 करोड़ वोटरों में से 7 करोड़ से ज्यादा लोगों ने गणना फॉर्म जमा किए. इस काम में जिलाधिकारी, निर्वाचन अधिकारी, BLA, लाखों स्वयंसेवक और 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के लोग अहम भूमिका निभा रहे हैं.

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राजनीतिक दलों से BLA की संख्या

हर वोटर तक पहुंच: मोबाइल नंबर के माध्यम से 5 करोड़ 7 लाख लोगों को SMS भेजा गया. BLO ने लोगों के घर-घर जाकर गणना फॉर्म दिए. इस दौरान तीन बार मिलकर उनके फॉर्म भरवाए गए, ताकि एक भी मतदाता का नाम छूट न जाए. BLA ने भी इस काम में मदद की.

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विज्ञापन जारी किए गए: बिहार के बाहर रहने वाले लोगों के लिए देश भर में 246 अखबारों में विज्ञापन दिए गए. चुनाव आयोग की ऑनलाइन वेबसाइट और ऐप के जरिए 29 लाख फॉर्म भरे गए. इसके अलावा राज्य के 261 नगर निकायों के 5 हजार 683 वार्डों में स्पेशल सिटी कैंप लगाए गए, ताकि शहरी इलाके का कोई भी वोटर न छूटे.

युवा वोटरों की भागीदारी: जो युवा 1 जुलाई 2025 तक 18 साल के हो गए या 1 अक्टूबर 2025 तक 18 साल के हो रहे हैं, उन्हें फॉर्म 6 भरने के लिए प्रेरित किया गया है. इसके लिए 1 अगस्त से 1 सितंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा.

लगातार संपर्क: फॉर्म सबमिट करने वाले वोटरों को कन्फर्मेशन के लिए SMS मैसेज भेजे गए. इसके अलावा मर चुके लोगों, या फिर कहीं और बसे लोगों की जानकारी राजनीतिक दलों को भेजी गई है, ताकि वे भी अपनी तरफ से जानकारी कर सकें.

जरूरतमंदों की सहायता: वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग और जरूरतमंद लोगों को चुनावी डॉक्यूमेंट जुटाने में मदद की गई. इसके अलावा प्रशासन मीडिया और सोशल मीडिया से मिली हर शिकायत को व्यक्तिगत रूप से सुलझाया गया.

बिन वजह कोई नाम नहीं हटेगा: रिपोर्ट के मुताबिक 1 अगस्त को बिहार में नई वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी की जाएगा. 1 अगस्त से 1 सितंबर तक इस लिस्ट में कोई भी ऑब्जेक्शन लेने का समय दिया गया है, या फिर छूटे हुए नामों को जोड़े जाने का आवेदन किया जा सकता है.

वीडियो: Voter ID- Aadhar Link पर चुनाव आयोग के पोस्ट पर क्या बोले Rahul Gandhi?

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