इंडिया में बैडमिंटन का फेस यानी सायना नेहवाल (Saina Nehwal). 2012 लंदन ओलंपिक (London Olympic) में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली सायना देश की करोड़ों लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं. वह बैडमिंटन में वर्ल्ड नंबर वन बनने वाली पहली इंडियन हैं. सायना के चैंपियन बनने के इस सफर में उनकी मम्मी का बहुत बड़ा हाथ है. बचपन में जब सायना का कोई फिजियो नहीं था. मां खुद गेम के बाद मालिश करती थीं. ताकि सायना रिकवर हो सकें. ये बातें खुद सायना ने लल्नटॉप के साथ इंटरव्यू के दौरान बताईं.
'मां रात भर मालिश करती थीं...', सायना ने बताया कैसे मां ने बनाया चैम्पियन
2012 London Olympics में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली Saina Nehwal देश की करोड़ों लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं. पर सायना के चैंपियन बनने के इस सफर में उनकी मम्मी का बहुत बड़ा हाथ है. बचपन में मां खुद गेम के बाद उनकी मालिश करती थीं.

सायना ने लल्लनटॉप के प्रोग्राम ‘गेस्ट इन द न्यूजरूम’ (Guest in the Newsroom) में बताया,
मुझे फिजियो ट्रेनर्स का कुछ पता नहीं था. मम्मी पूरी रात बैठ के मसाज करती थीं. ताकि मैं नेक्स्ट डे के लिए रिकवर हो जाऊं. लेकिन अब मैं ये सोचती हूं तो हैरान हो जाती हूं. क्योंकि मम्मी को कैसे पता था कि नेक्स्ट डे के लिए मुझे रिकवर भी होना है. उनको इतनी नॉलेज कैसे थी. मुझे लगता है कि मैं बहुत लकी थी. क्योंकि उन्हें पता था कि कैसे हेल्प करना है. अच्छा खाना खिलाना है. स्ट्रांग बनाना है. क्योंकि उस समय ये आईडिया पैरेंट्स को नहीं होता था.
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दोस्त छूट जाने का अफसोस नहींसाथ ही सायना ने बताया कि उन्हें देश के लिए खेलने पर गर्व है. बचपन में मौज-मस्ती नहीं कर पाने और दोस्त के छूट जाने का अफसोस नहीं है. सायना ने कहा,
पोडियम पे खड़े होकर इतने सारे लोगों को प्राउड फील करवाना. अपनी कंट्री के लिए कुछ कर पाना. कितने लोगों को मौका मिलता है. मुझे इसके लिए गर्व है. मुझे लगता है कि अगर फिर से जन्म लूं तो मुझे देश के लिए ही कुछ करना है. मुझे ये इतना पसंद है. नॉर्मल फ्रेंड्स या स्कूल जाना, कॉलेज जाना सब करते ही है. वो नॉर्मल है. वो मैं भी शायद करती अगर वो होता. लेकिन कुछ अलग किया मैंने उसकी वजह से सायना हूं.
2012 लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली सायना की उपलब्धियां भी बहुत खास हैं. उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो मेडल जीते हैं. साथ ही उबर कप में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली टीम का दो बार हिस्सा रही हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में सायना ने सबसे ज्यादा पांच मेडल्स जीते हैं. इनमें तीन गोल्ड मेडल हैं. वह एशियन गेम्स में भी दो बार मेडल जीतने में सफल रही हैं.
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