The Lallantop

सचिन ने ये कांड न किया होता तो 664 रन की पार्टनरशिप कभी न बनती

सचिन ने भी कहा था - शाम तक खेलेंगे...

Advertisement
post-main-image
सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की 664 रन की पार्टनरशिप कौन भूल सकता है.
दो लड़के. पक्के वाले दोस्त. एक की उम्र 16. दूसरे की 14. हपक के वड़ा पाव खा रहे थे और अगले दिन होने वाले मैच की प्लानिंग बना रहे थे. अगले दिन नहा-धोकर मैदान में पहुंच गए. टॉस हुआ. टीम की बैटिंग आ गई. ओपनर जितनी तेजी से बल्लेबाजी करने गए उतनी ही तेजी से लौट आए. फिर मैदान पर पहुंचे यही दोनों लड़के. अब वड़ा पाव की ताकत मैदान में निकालने का वक्त था.
दोनों का बल्ला ऐसा चला, ऐसा चला कि क्या बताएं कैसा चला. दोनों ने मार-मार के भूसा भर दिया. इन दोनों लड़कों का नाम था विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर. तारीख थी 23 फरवरी, 1988. खेल रहे थे श्रद्धाश्रम विद्यामंदिर स्कूल टीम के लिए. मैच था सेंट जेवियर्स (फोर्ट) के खिलाफ. हैरिस शील्ड क्रिकेट का सेमीफाइनल. आजाद मैदान. पहले दिन का खेल खत्म होते-होते सचिन ने 192 और कांबली ने 182 रन बनाए. नाबाद वापस लौटे.
फिर हुआ कांड. दरअसल टीम के कोच रमाकांत आचरेकर ने पहले दिन के बाद पारी घोषित करने की बात कही थी. मगर टीम के कप्तान सचिन तेंदुलकर इसके मूड में बिल्कुल नहीं थे. उनके बल्ले में आग जो लगी हुई थी. वो इस आग को पूरी तरह से आजमाना चाहते थे. ये हुआ भी.
वो ऐसे कि कोच रमाकांत मैच के दूसरे दिन कहीं चले गए. और सचिन ने इसका फायदा उठाया 24 फरवरी यानि अगले दिन. और मैदान में उतर गए. फिर बल्ले के दो प्रेमियों का मिलन हो गया. कांबली और सचिन. दोनों ने फिर बॉलरों की तुड़ईया शुरू की. मैदान के हर कोने पर दोनों के छक्के, चउवों के निशान छपने शुरू हो गए.
विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर ने की थी रिकॉर्ड पार्टरनशिप.
विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर ने की थी रिकॉर्ड पार्टरनशिप.

अब रमाकांत तो मैदान में थे नहीं. तो उनके सहायक लक्ष्मण चौहान पर ही जिम्मेदारी थी कि उनके आदेश की तामील करवाएं. सो वो थोड़ी-थोड़ी देर में ट्वेल्थ मैन को सचिन-कांबली के पास भेजें कि पारी घोषित की जाए. पर सचिन हर बार उसे लौटा दें. वो आज अपना बल्ला रोकने को तैयार नहीं थे. खुद का सारा तेल निकाल देना चाहते थे.
दुनिया को बता देना चाहते थे कि मैं. हां मैं सचिन तेंदुलकर, क्रिकेट का भगवान आ चुका हूं. पर भगवान की ये एंट्री लक्ष्मण. रामायण वाले नहीं. मैच वाले. बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे. खुद ही बाउंडरी के पास आ गए. इशारा किया कि पारी घोषित कर दें. पर सचिन तो मानने को तैयार नहीं थे. खुद भी नजरअंदाज कर दिया. कांबली से भी इशारे से कहा- उधर मत देखना. # फोन पर हौंके गए कांबली खिसिआए लक्ष्मण को कुछ नहीं सूझा तो वो रमाकांत आचरेकर के ऑफिस पहुंच गए. बताया कि दोनों लड़के तिहरा शतक लगा चुके हैं, पर वापस आने को तैयार नहीं हैं. पारी घोषित ही नहीं कर रहे हैं. फिर हुआ लंच ब्रेक. सचिन की आचरेकर से फोन पर बात करवाई गई. उधर से आवाज आई - डिक्लेयर.
जब मामला संभल नहीं रहा हो तो दोस्त क्या करते हैं. दूसरे पर टोपी कर देते हैं. सर हम नहीं ये था. सचिन ने भी वही किया. कांबली को फोन पकड़ा दिया. कांबली ने कोच से कहा- सर मैं 350 रन बनाने से बस एक रन दूर हूं. आचरेकर खिसिया गए और कांबली हौंक दिए गए. बोले- मैंने कहा डिक्लेयर मतलब डिक्लेयर. मरता क्या ना करता. पारी घोषित कर दी गई.
सचिन ने 3 रन बनाए थे.
सचिन ने 326 रन बनाए थे.

पर सचिन और कांबली तो अपना काम कर चुके थे. सचिन ने नाबाद 326 रन बनाए. कांबली ने 349 रन. तीसरे विकेट के लिए दोनों के बीच 664 रन की नाबाद पार्टनरशिप हुई. ये उस वक्त तक क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में की गई सबसे बड़ी पार्टनरशिप थी.  इन दो लड़कों ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के 641 रन की पार्टनरशिप का रिकॉर्ड तोड़ा था. टी पैटन और ए रिप्पन ने 1913-14 में ये रिकॉर्ड बनाया था. मैच भी उनकी श्रद्धाश्रम विद्यामंदिर की टीम ने जीत लिया था. मैच में विनोद कांबली ने गेंदबाजी भी एकदम गदर वाली की थी. 37 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे.
दो दिन इंतजार करता रहा ये खिलाड़ी
पर कांड एक और खिलाड़ी के साथ हुआ था. नाम है अमोल मुज़ुमदार. बेचारे दो दिन तक पैड बांधकर बैठे रहे. कि अब बैटिंग आए. अब बैटिंग आए. मगर बैटिंग नहीं ही आई. सचिन-कांबली ऐसे खेल रहे थे कि वो कभी ना आउट होने वाले थे. अब ऐसी हालत में हिंदुस्तान का कोई भी लौंडा आमतौर पर भगवान को ही याद करेगा. कि हे भगवान इनको आउट करवाओ.
पता नहीं मजूमदार क्या कर रहे थे. खैर इस दिन ने भारत को एक अनमोल नगीना दिया. सचिन तेंदुलकर इस पारी के बाद सब जगह छा गए थे. इस पारी ने पहले उनके लिए मुंबई और फिर टीम इंडिया के रास्ते खोल दिए. फिर जो हुआ, उसकी तो पूरी दुनिया गवाह है. ऐसे में कायदे से इसी तारीख को सचिन का असली अवतरण दिवस कहना चाहिए. क्रिकेट के भगवान का अवतरण दिवस. जय हो.


ये भी पढ़ें-
साउथ अफ्रीका में कोहली ने वो किया है, जो अब तक सिर्फ सचिन ने किया था

अगर बुमराह का बाउंड्री पर लिया कैच कंफ्यूज़िंग था, ये उसका भी बाप है

इस कैच का वीडियो देखकर आप शाहिद अफ्रीदी से दोबारा प्यार करने लगेंगे

हर्शल गिब्स: इस सिरफिरे की वो दो पारियां जिनमें वो पागल हो गया था

अब इन्हें DSP हरमनप्रीत कौर कहिए, पंजाब पुलिस जॉइन करने जा रही है ये क्रिकेटर

लल्लनटॉप वीडियो देखें-

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement