अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उनकी सहयोगी तुलसी गबार्ड ने सिडनी के बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले को कट्टरपंथी इस्लामी हमला बताया है. तुलसी गबार्ड ने तो यहां तक कहा कि इस्लामवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है और इस्लामिस्ट पूरी दुनिया का इस्लामीकरण करना चाहते हैं. कहा कि यूरोप और शायद ऑस्ट्रेलिया के लिए बहुत देर हो चुकी है, लेकिन अमेरिका चाहे तो अभी बच सकता है.
'इस्लामवाद सबके लिए खतरा... ', ऑस्ट्रेलिया आतंकी हमले पर ट्रंप और तुलसी का बयान सुना क्या?
Donal Trump ने White House में उसी Hanukkah Festival पर रिसेप्शन रखा, जिसे मनाते समय Australia में Terror Attack हुआ था. इस दौरान उन्होंने हमले में मारे गए लोगों और खासकर कि यहूदियों के प्रति संवेदना जाहिर की. साथ ही इसे यहूदी विरोधी आतंकवादी हमला बताया.


अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के आवास व्हाइट हाउस में मंगलवार, 16 दिसंबर को हनुक्का त्योहार के अवसर पर रिसेप्शन रखा गया था. मालूम हो कि यह वही त्योहार है, जिसे मनाते समय ऑस्ट्रेलिया में आतंकी हमला हुआ था. ट्रंप ने कार्यक्रम में अपने स्पीच की शुरुआत सिडनी हमले में मारे गए लोगों को याद करते हुए की. उन्होंने कहा,
थोड़ा समय निकालकर हम ऑस्ट्रेलिया और खासकर इस भयानक यहूदी-विरोधी आतंकवादी हमले से प्रभावित सभी लोगों के लिए प्यार और प्रार्थनाएं भेजें. सिडनी में हनुक्का सेलिब्रेशन के दौरान हुआ हमला यहूदी-विरोधी था. कितनी भयानक, कितनी बुरी बात है. हम उन सभी लोगों के दुख में शामिल हैं, जो मारे गए हैं और हम घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं.
इसके बाद ट्रंप ने इस हमले के लिए कट्टरपंथी इस्लाम को जिम्मेदार ठहराया और सभी देशों से इसके खिलाफ खड़े होने की अपील की. उन्होंने कहा,
सभी देशों को कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद की बुरी ताकतों के खिलाफ एक साथ खड़ा होना चाहिए और हम ऐसा कर रहे हैं.

वहीं अमेरिका के नेशनल इंटेलीजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने तो सिडनी की घटना को सीधे तौर पर इस्लामी आतंकी हमला करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस्लामवाद पूरी दुनिया के लिए एक खतरा है. अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए तुलसी गबार्ड ने कहा,
ऑस्ट्रेलिया में हनुक्का सेलिब्रेशन में लोगों पर हुआ दुखद इस्लामी आतंकी हमला किसी के लिए भी हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए. यह ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में इस्लामिस्टों के आने का सीधा नतीजा है. उनका मकसद सिर्फ ऑस्ट्रेलिया का इस्लामीकरण नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का इस्लामीकरण है - जिसमें यूनाइटेड स्टेट्स भी शामिल है. इस्लामिस्ट और इस्लामवाद यूनाइटेड स्टेट्स और पूरी दुनिया की आजादी, सुरक्षा और खुशहाली के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं.
उन्होंने आगे कहा कि यूरोप के लिए बहुत देर हो चुकी है यानी वहां पहले ही इस्लामीकरण हो चुका है. उन्होंने आशंका जताई कि शायद ऑस्ट्रेलिया में भी स्थिति हाथ से निकल चुकी है. तुलसी गबार्ड ने आगे लिखा,
शायद यूरोप के लिए बहुत देर हो चुकी है और शायद ऑस्ट्रेलिया के लिए भी. यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के लिए अभी बहुत देर नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही हो जाएगी. शुक्र है, प्रेसिडेंट ट्रंप ने हमारी सीमाओं को सुरक्षित करने और जाने-माने और संदिग्ध आतंकवादियों को देश से निकालने, और बड़े पैमाने पर बिना जांच-पड़ताल के होने वाले माइग्रेशन को रोकने को प्राथमिकता दी है, जो अमेरिकियों को खतरे में डालता है.
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ट्रंप और उनके प्रशासन में शामिल लोग पहले भी इस्लाम से जुड़े आतंकवाद को दुनिया के लिए खतरा बताते आए हैं. हालांकि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका ने आतंक की सबसे बड़ी फैक्ट्री माने जाने वाले पाकिस्तान से नजदीकियां बढ़ाई हैं और पाक के प्रधानमंत्री और आर्मी चीफ को कई बार व्हाइट हाउस भी बुला चुके हैं. ऐसे में इस मामले में अमेरिका का दोहरा रवैया भी नजर आता है.
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