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पहलगाम हमले का सबसे घिनौना पहलू, 26 हत्याओं के बाद आतंकियों ने मनाया था 'जश्न'

जांच में ‘स्टार विटनेस के बयान के आधार पर ही NIA ने घटनास्थल से चार खाली कारतूस बरामद किए थे.

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घटना से एक दिन पहले, तीनों हमलावर दोपहर करीब साढ़े तीन बजे परवेज के घर गए और खाना मांगा. (फोटो- PTI)

नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही है. इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी, जिनमें ज्यादातर टूरिस्ट थे. अब NIA की जांच में एक स्थानीय गवाह ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है. इस गवाह को ‘स्टार विटनेस’ कहा जा रहा है. NIA को इस विटनेस ने बताया कि 26 लोगों की हत्या के बाद आतंकियों ने हवा में चार राउंड फायर कर ‘जश्न मनाया’ था.

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इंडियन एक्सप्रेस ने जांच से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि गवाह ने NIA को जानकारी दी कि हमलावरों ने उसे रोका था. उसको रोककर ‘कलमा’ पढ़ने को कहा. जब उसने स्थानीय लहजे में कलमा पढ़ा, तो हमलावरों ने उसे छोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने हवा में गोलियां चलाईं. ये गोलियां जश्न मनाने के तौर पर चलाई गई थीं.

NIA ने दो स्थानीय लोगों को किया था गिरफ्तार

आतंकी हमले की जांच कर रही NIA ने पिछले महीने हमलावरों को पनाह देने के आरोप में दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया था. इनकी पहचान परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद के रूप में हुई थी. NIA के एक प्रवक्ता ने कहा था,

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"उन्होंने तीन बंदूकधारी आतंकवादियों की पहचान की, और पुष्टि की कि वो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे."

जांच में ‘स्टार विटनेस' के बयान के आधार पर ही एजेंसी ने घटनास्थल से चार खाली कारतूस बरामद किए थे. गवाह ने NIA को ये भी बताया था कि परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद हमलावरों के सामान की देखभाल कर रहे थे. जो कि हमले के बाद आतंकियों ने उससे ले लिए थे.

आतंकियों ने परिवार को 500 रुपये दिए

रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी के सूत्र ने बताया,

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"परवेज ने दावा किया है कि घटना से एक दिन पहले, तीनों हमलावर दोपहर करीब साढ़े तीन बजे उसके घर आए और खाना मांगा. उनके पास हथियार थे. उसकी पत्नी ने उन्हें खाना परोसा और वो करीब चार घंटे तक बैठे रहे. वो उनसे बैसरन में सुरक्षा व्यवस्था, पर्यटक स्थलों, रास्तों और टाइमिंग्स से जुड़े सवाल पूछते रहे."

जाने से पहले, उन्होंने कुछ मसाले और कच्चा चावल पैक करने को कहा और परिवार को 500 रुपये भी दिए. सूत्र ने बताया,

“इसके बाद, वो बशीर से मिले. उन्होंने दोनों स्थानीय लोगों से 22 अप्रैल को दोपहर लगभग 12:30 बजे बैसरन पहुंचने को कहा और हिल पार्क में एक मौसमी ढोक (झोपड़ी) के लिए निकल पड़े.”

सूत्रों की मानें तो हमलावरों में से एक सुलेमान शाह है. जो पिछले साल 20 अक्टूबर को श्रीनगर-सोनमर्ग राजमार्ग पर जेड-मोड़ सुरंग का निर्माण कर रही एक कंपनी के सात कर्मचारियों की हत्या में शामिल था.

बता दें कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी. जिसे लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन माना जाता है. TRF ने दावा किया कि ये हमला कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद गैर-स्थानीय लोगों के बसने के विरोध में था. जांच में ये भी सामने आया कि हमलावरों ने धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाया.

वीडियो: पहलगाम हमले के बाद भारी सुरक्षा के बीच शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, लोगों ने बताया कैसे हैं हालात

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