हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की अगुवाई में वाइट बॉल क्रिकेट में तो टीम इंडिया का ट्रांजिशन काफी अच्छा रहा है. लेकिन, रेड बॉल क्रिकेट में टीम इंडिया काफी कमजोर नज़र आ रही है. साउथ अफ्रीका के खिलाफ घर पर दो मैचों की सीरीज में सूपड़ा साफ होने के बाद अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. इसमें टीम मैनेजमेंट पर भी ये सवाल उठाए जा रहे हैं कि रोहित शर्मा (Rohit Sharma), विराट कोहली (Virat Kohli) और रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को संन्यास लेने पर मजबूर किया गया. खुद अश्विन भी यही मानते हैं कि अगर ये तिकड़ी टीम में मौजूद होती और टीम को ट्रांजिशन में हेल्प करती तो ये बेहतर विकल्प होता. हालांकि, दिग्गज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) का मानना इससे बिल्कुल उलट है.
अश्विन बोले- 'कोहली-रोहित नए प्लेयर्स को सिखा सकते थे', गावस्कर ने न्यूजीलैंड सीरीज याद दिला दी
साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सूपड़ा साफ होने के बाद R Ashwin, Virat Kohli और Rohit Sharma के रिटायरमेंट को लेकर मैनेजमेंट को घेरा जा रहा है. लेकिन, दिग्गज Sunil Gavaskar का मानना इससे बिल्कुल अलग है.


अपने YouTube चैनल पर अश्विन ने एक वीडियो में इस ओर इशारा किया कि उन्हें, कोहली और रोहित को अपने फ्यूचर को लेकर क्लैरिटी नहीं मिल रही थी. यही वजह है कि उन्होंने क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट को अलविदा कहने का फैसला इतनी जल्दी ले लिया. अश्विन ने तो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के बीच में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. अश्विन ने कहा,
ट्रांजिशन का एक तरीका होना चाहिए. जब क्लैरिटी नहीं होती, तो इंडिविजुअल फैसले करने पड़ते हैं. विराट प्लेयर्स को ग्रूम कर सकते थे. रोहित ये कर सकते थे. मैं खुद ये कर सकता था. मैंने हमेशा नॉलेज ट्रांसफर की अहमियत पर बात की है. ये हमारी ताकत रही है.
अश्विन के इस इमोशन से कई फैंस भी इत्तेफाक रखते हैं. उनके अनुसार, अगर रोहित, कोहली और अश्विन साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज का हिस्सा होते तो शायद टीम इंडिया की ये हालत नहीं होती. हालांकि, गावस्कर का मानना इससे अलग है.
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गावस्कर ने क्या कहा?गावस्कर के मुताबिक, कोहली, रोहित और अश्विन का संन्यास लेने उनका निजी फैसला था. इसके लिए मैनेजमेंट पर आरोप लगाना गलत है. गावस्कर ने इसके साथ ही न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले साल 0-3 से हुए क्लीन स्वीप की भी याद दिलाई. उनके अनुसार, उस सीरीज में तीनों टीम इंडिया का हिस्सा थे. इसके बावजूद, टीम को ऐसी हार का सामना करना पड़ा था. इसलिए ये कहना सही नहीं होगा कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में अगर वो टीम में होते तो रिजल्ट अलग होता.
आजतक के साथ बातचीत में गावस्कर ने कहा,
रिटायरमेंट लेने का फैसला उनका निजी फैसला था. शायद उन्हें भविष्य को ध्यान में रखकर फैसला लेने के लिए कहा जा सकता था. लेकिन, हम ये नहीं कह सकते कि अगर वो यहां होते तो हम जीत जाते. वो तब टीम में थे, जब हम न्यूजीलैंड के खिलाफ हारे थे. उनके होने से तब क्या हो गया था? हम 0-3 से हारे थे न? ऑस्ट्रेलिया में क्या हो गया था? हमें ऐसे नहीं सोचना चाहिए. हम ये नहीं सोच सकते कि शायद उन्हें रिटायरमेंट लेने के लिए मजबूर किया गया. ये सही तरीका नहीं है.
वहीं, इन तीनों प्लेयर्स की बात करें तो, अश्विन ने तीनों ही फॉर्मेट को अलविदा कह दिया है. लेकिन, रोहित और विराट अब भी वनडे फॉर्मेट खेलते हैं. 30 नवंबर से साउथ अफ्रीका के खिलाफ रांची में शुरू होने वाली तीन मैचों की सीरीज में भी दोनों टीम इंडिया का हिस्सा हैं. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुई वनडे सीरीज में उन्होंने अपनी लय ढूंढ़ ली थी. दोनों ने सिडनी वनडे में नाबाद पारियां खेली थीं और टीम इंडिया को जीत दिलाई थी.
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