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'1000 बार बोलो जय श्री राम...' मोहम्मद शमी की ये बात सबको सुननी चाहिए

Mohammad Shami ने 'जय श्री राम' और 'अल्लाह हू अकबर' के नारे और सोशल मीडिया पर उनके धर्म पर होने वाली बयानबाजी पर बहुत कुछ बोला है.

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मोहम्मद शमी (फाइल फोटो)

टीम इंडिया के स्टार पेसर मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) ने 'जय श्री राम' और 'अल्लाह हू अकबर' बोलने पर बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखी है. मोहम्मद शमी ने एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें जय श्री राम या अल्लाह हू अकबर के नारे से कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. शमी का यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि बीते सालों में उनकी खराब परफॉर्मेंस या मैदान पर छोटी सी गलती को भी बार-बार उनके धर्म से जोड़ा गया है.

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न्यूज 18 चैनल के एक इंटरव्यू में जब मोहम्मद शमी से मुसलमानों की बदहाली और सांप्रदायिक माहौल के बारे मे पूछा गया तो उन्होंने कहा,

'जहां तक सवाल हिंदु और मुसलमान का है. दोनों को बराबर का हक मिला है. अगर यहां पर दिक्कत होती या परेशानी होती तो हम ही नहीं होते. या जहां पर किसी गैर-मुस्लिम को परेशानी होगी वो वहां नहीं रह सकता. सीधी सी बात है. लेकिन कुछ चीजें ऐसी क्रिएट हो रही हैं सोशल मीडिया पर. जय श्री राम के नारे लगे हैं. दंगे फसाद हो रहे हैं. वो लोग तो यही चाहते हैं. और कुछ नहीं चाहते.'

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जय श्री राम और अल्लाह हू अकबर के नारे पर मोहम्मद शमी ने कहा,

‘हर धर्म में 5-10 लोग ऐसे मिल जाएंगे जो सामने वाले को पसंद नहीं करते. मुझे उस चीज से कोई ऑब्जेक्शन नहीं है. जैसे वो सजदे वाली बात आई थी. अगर आपका राम मंदिर बन रहा है तो मुझे जय श्री राम के नारे से क्या दिक्कत है. 1000 बार बोलो. अगर मुझे अल्लाह हू अकबर बोलना है तो हजार बार बोलूंगा. क्या ही फर्क पड़ने वाला है? इसमें किसी का कुछ जाता नहीं है और किसी को कुछ आता नहीं है. लेकिन भाई जो गेम खेलता है तो वो खेल सकता है.’

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जब मोहम्मद शमी से सोशल मीडिया पर टार्गेट करने के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था, 'क्या ही फर्क पड़ता है. सबसे पहली बात मैं देखता ही नहीं हूं. जो बोलना है बोलो. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.'

मोहम्मद शमी के इस बयान को अब थोड़े फ्लैशबैक से जोड़ते हैं. Shami ने World Cup 2023 में कमाल की बोलिंग की थी. उन्होंने सिर्फ़ सात मैचों में 24 विकेट निकाल लिए थे. लेकिन इन विकेट्स से ज्यादा चर्चा उनके एक एक्शन की हुई. एक मैच के दौरान शमी विकेट लेने के बाद ग्राउंड पर ही घुटनों के बल बैठ गए थे. और इसी के बाद सोशल मीडिया, खास तौर पर पाकिस्तान में चर्चा शुरू हो गई कि वह सजदा करने जा रहे थे, लेकिन किसी से डर कर रुक गए.

इस विवाद पर भी शमी ने बड़ी बेबाकी से एजेंडा आजतक के मंच पर कहा था कि अगर वो कोई सजदा करना चाहेंगे तो कौन रोकेगा? उन्होंने कहा था,

‘मुझे करना होगा तो मैं कर लूंगा ना. इसमें दिक्कत क्या है. मैं मुस्लिम हूं. मैं गर्व से कहता हूं कि मैं मुस्लिम हूं. मैं इंडियन हूं मैं फ़ख्र से कहता हूं कि मैं इंडियन हूं. अगर मुझे सजदा करने के लिए किसी की परमिशन की जरूरत पड़ेगी, तो मैं यहां रहूंगा ही क्यों? लोगों ने बहुत सारे ऑब्जेशन किए, मैंने भी इंस्टाग्राम और ट्विटर पर देखा कि मैं सजदा करना चाह रहा था, लेकिन नहीं किया.’

 शमी ने साफ कहा था कि वो किसी और धर्म के लोगों को नहीं रोकेंगे और न ही कोई अन्य धर्म वाला उन्हें रोकेगा.

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