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सचिन ने बताया टीम इंडिया में आने के लिए उन्हें कैसी-कैसी कुर्बानियां देनी पड़ी?

बताया कैसे तय किया टीम इंडिया तक का सफर

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टीनेजर सचिन तेंडुलकर.
सचिन तेंडुलकर. दुनिया में क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में से एक. उन्होंने बताया कि टीम इंडिया तक पहुंचने की उनकी जर्नी इतनी भी आसान नहीं रही. उन्होंने बताया कि किस तरह से बचपन में खेल पर फोकस करने के लिए वो खुद पर कंट्रोल करते थे. इंडिया टुडे के शो इंस्पिरेशन में सचिन ने कहा,
''तिरंगे के लिए खेलना बेहद गर्व की बात है. बचपन से ही मैं सिर्फ यही पाना चाहता था. मैंने जीवन में और कुछ नहीं चाहा. मैं सिर्फ भारत के लिए खेलना चाहता था. यही मेरा सपना था और मैंने अपने सपने का पीछा करना शुरू किया. इस रास्ते में कई चैलेंज और प्रलोभन, जैसे 12-13 साल के लड़के लिए नॉर्मल सी चीजें हैं. जैसे- आप अपने दोस्तों के साथ वक्त बिताना चाहते हैं. शाम में फिल्म देखना चाहते हैं या अपनी बिल्डिंग के आगे खेलना चाहते हैं. लेकिन मुझे फील्ड पर रहने के लिए इन तमाम चीजों की क़ुर्बानी देनी पड़ी.''
India vs Australia मैच में जब धोनी ने सचिन-सहवाग वाली टीम को सेलीब्रेट करने से रोका: सचिन ने बताया कि कई बार उनका मन भी इस रास्ते से भटका लेकिन आखिरकार वो इस पर ही चलते रहे. सचिन ने कहा,
''कई बार मुझे महसूस हुआ कि मैं प्रैक्टिस से बंक मार अपने दोस्तों के साथ वक्त बिता सकता हूं. ऐसे हाल में मेरे कोच शिवाजी पार्क से अपने स्कूटर पर बांद्रा आते थे, मुझे मेरी किट के साथ प्रैक्टिस के लिए लेकर जाते थे. जब मैं उन तमाम प्रैक्टिस सेशंस को एकसाथ रखता हूं तो मुझे लगता है कि मैंने काफी चीजें सीखी हैं. मेरे लिए उससे (भारत के लिए खेलने) बड़ा कुछ नहीं था और जब मेरा सपना साकार हुआ तो मैं भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े स्टार्स के साथ खेल रहा था.''
इसके बाद जब सचिन को टीम इंडिया में अपना पहला मौका मिल गया तो उन्होंने तीन चीज़ों को अपना लिया. उन्होंने बताया कि
''जब मैं अपना पहला टेस्ट खेलकर वापस लौटा, मैंने दो-तीन चीजों पर खासा ध्यान दिया. अभी हम कोविड-19 काल में PPE एक जाना-पहचाना शब्द हो गया है, लेकिन मैंने इसे काफी पहले सीख लिया था. यह 1989 की बात है. मेरे लिए P का मतलब पैशन, दूसरे P का मतलब प्रीपरेशन और E का मतलब एग्ज़िक्यूशन था.''
इसी मंत्र की वजह से सचिन आज दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ कहलाते हैं.
सचिन तेंडुलकर ने बताया कैसे तय किया टीम इंडिया तक का सफर:

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