The Lallantop

राज करेगा ललित मोदी का लड़का, थैंक्स टु वसुंधरा आंटी

आपके शहर में पहली बार.

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
आईपीएल. राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन. बीसीसीआई. लंडन. सुषमा स्वराज. वसुंधरा राजे. ऋषि कपूर. इन सभी बिन्दुओं को जोड़ने वाला एक नाम. ललित मोदी. छोटा मोदी के नाम से कुख्यात. कुछ वक़्त पहले भयानाक रूप से ख़बरों में थे. कोई कहता है कि भगोड़ा है, कोई कहता है कि कोर्ट ने क्लीन चिट दी हुई है. कोई कहता है कि भाजपा के सगे हैं. भाजपा नकारती है. हालांकि दोस्ती इनकी सबसे है. हर पार्टी से. हर ऐक्टर से. हर बिज़नेसमैन से. ललित मोदी मोहल्ले का वो खलिहर लड़का है जो नए नए मोबाइल रखने का शौक रखता है, जिसकी हर दुकानदार से अच्छी दोस्ती रहती है और जिसे सभी कम्पनियों के टैरिफ के बारे में मालूम होता है. अगस्त 2015 में सुषमा स्वराज के ललित मोदी को मदद करने को लेकर बवाल हुआ था. महीनों इस बात पर सवाल जवाब हुए. फिर सब ठंडा हो गया. इधर बीसीसीआई से मोदी की रार चलती ही आ रही थी. लेकिन दिसंबर 2015 में ललित मोदी राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन के दोबारा प्रेसिडेंट चुन लिए गए थे. छोटे मोदी से चल रही रार की ही वजह से राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन को बीसीसीआई ने सस्पेंड कर दिया था. modi अब आलम ये है कि राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन में छोटा मोदी से भी छोटा मोदी आ रहा है. ललित मोदी के सुपुत्र रुचिर मोदी. रुचिर मोदी को अलवर जिला क्रिकेट संघ का प्रेसिडेंट बनाया गया है. आरसीए के सेक्रेटरी सोमेन्द्न तिवारी हैं. उन्होंने बताया कि 23 अगस्त को अलवर जिला संघ के इलेक्शन हुए थे. तब रुचिर मोदी उन्हीं इलेक्शन में जीत गए. बात ये है कि रुचिर मोदी नॉमिनेट हुए, इलेक्शन हुआ, वो जीत गए, इसकी किसी को खबर नहीं हुई. रुचिर ने अपना ग्रेजुएशन खतम करके मुंबई में बसेरा बना लिया. वहां वो खलिहर बैठे हुए थे. शायद पापा ने उनके भविष्य के लिए उन्हें ये आइडिया दिया होगा. इससे ये भी फ़ायदा होगा कि राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन की रद्द हो चुकी मान्यता भी अब दोबारा चलायमान हो सकती है. ruchir modi1 इसमें अब पेंच ये है कि ये सब कुछ राजस्थान की मुख्मंत्री वसुंधरा राजे के 2004 में लाये गए खेल अध्यादेश की बदौलत हुआ है. उनके 2003 में मुख्मंत्री बनते ही उन्होंने ये काम किया था. उस वक़्त तक ललित मोदी दूर-दूर तक राजस्थान क्रिकेट के नज़दीक नहीं फटक पाते थे. उस वक़्त नागौर में ललित कुमार मान के नाम से ज़मीन खरीदी गयी. और दिसंबर 2004 में ललित कुमार नागौर जिला क्रिकेट संघ के  प्रेसिडेंट बन गए. और आनन-फानन में 21 मई को ललित मोदी को आरसीए का प्रेसिडेंट डिक्लेयर कर दिया गया. ये सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि विरोध करने वालों को मौका ही नहीं मिला. मामला कोर्ट में भी पहुंचा क्यूंकि ललित कुमार और ललित मोदी के साइनों में अंतर आ रहा था. लेकिन कोर्ट में भी ललित मोदी ही जीते. और तबसे लेकर अब तक, ललित मोदी पीछे मुड़कर देखने का वक़्त भी नहीं निकाल पाए हैं. अब तो हालात ये हैं कि ललित मोदी को इंडिया आने की भी फुरसत नहीं है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement