The Lallantop

ये तीन बंदे टीम इंडिया पर 'दफा 302' लगवाएंगे!

Team India कत्लेआम मचा रही है. Shami, Bumrah और Siraj ने पूरा इलाका धुआं-धुआं कर दिया है.

Advertisement
post-main-image
तीन तिगाड़ा, दूसरी टीमों का काम बिगाड़ा (तस्वीर : PTI)

सावधान! ख़बरदार! होशियार! इस वक्त भारतवर्ष में क़ातिलों का एक गिरोह घूम रहा है. झुंड बनाकर क़त्लेआम मचाता फिर रहा है. यूं तो ये 15 लोगों का कुनबा है लेकिन शिकार पर एक बार में सिर्फ 11 लोग ही निकलते हैं. और फिर जो भी सामने पड़ता है, उसकी मुलाक़ात तबाही से करवा देते हैं. खौफ का आलम ये है कि दुनिया के नौ मुल्क दहशत के साए में जी रहे हैं. नौ में से सात तो बर्बादी का मंज़र भुगत भी चुके. दो और घरों पर दस्तक बस पड़ने ही वाली है. डर का माहौल है. इस गिरोह से मुठभेड़ कोई नहीं चाहता. कोई इनके सामने नहीं पड़ना चाहता. अहिंसा के उपासक गांधी के मुल्क से एक नीली आंधी उठ खड़ी हुई है. दहशत का पर्यायवाची बनते जा रहे इस गिरोह का नाम है, 'टीम इंडिया'.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

वर्ल्ड कप 2023 में अपने सातों मुकाबले जीत चुकी टीम इंडिया. 
किसी भी चेज़ को मक्खन मलाई बना देने वाली टीम इंडिया. 
डिफेंड करते वक्त अभेद्य किला बन जाने वाली टीम इंडिया. 
बल्लेबाज़ी में धमाल और गेंदबाज़ी में कमाल करती जा रही टीम इंडिया.

वो टीम इंडिया, जो भारतवर्ष का गर्व और विरोधी टीमों के लिए शोक पर्व साबित हो रही है. पूरा हिंदुस्तान कह रहा है कि ऐसी कमाल क्रिकेट टीम ने पहले कभी खेली हो, ऐसा याद नहीं आ रहा. वो भी क्रिकेट वर्ल्ड कप जैसे सबसे बड़े मंच पर. इतनी ख़ुशी!... इतनी ख़ुशी महसूस कर रहा है समूचा भारत कि सरकार को चाहिए इस वक्त हैपीनेस इंडेक्स वालों से सर्वे करवा लें. रैंकिग में शर्तिया सुधार आवेगा. आजकल भारत का मैच देखते वक्त क्रिकेट फैन्स ये नहीं सोचते कि जीतेंगे या हारेंगे. वो ये सोचते हैं कि जीत का मार्जिन कितना बड़ा रहेगा. ऐसा सुनहरा वक्त तो इंडियन फैन्स के लिए सपना ही रहा है हमेशा. भारत न सिर्फ जीत रहा है, धमाके से जीत रहा है. एकदम ब्रूटल तरीके से. जैसे कभी ऑस्ट्रेलिया जीता करती थी. पूरी बेरहमी के साथ.

Advertisement
इस समय ये तस्वीर ही इंडियन टीम का असल चेहरा है (तस्वीर : PTI)

2 नवंबर का मैच भारत के इसी एटीट्यूड की बानगी था. इंडिया ने श्रीलंका को जिस तरह हराया, वो किसी क़त्ल से, किसी मर्डर से हरगिज़ भी कम सनसनीखेज़ नहीं था. 302 रनों के मार्जिन से जीत हंसी-खेल की बात नहीं है. मुझे हैरानी हुई कि किसी ने भारत पर 'दफा 302' लगाने वाला जोक नहीं मारा. (कोई बात नहीं, हम हेडिंग बना लेंगे. थंब लगा देंगे). खैर, इस मैच के हाफ टाइम में इस बात की चर्चा थी कि इंडियन बैटिंग कितनी मज़बूत है. बिना कोई शतक लगाए इंडिया ने 350+ का स्कोर टांग दिया था. ये बड़ी बात थी. लेकिन किसको पता था कि दूसरी पारी के 20 ओवर पूरे होते-होते इस बल्लेबाज़ी का ज़िक्र महज़ फुटनोट्स के काबिल रह जाएगा! पहली इनिंग्स अगर एफर्टलेस बैटिंग की प्रदर्शनी थी, तो दूसरी इनिंग्स ने तेज़ गेंदबाज़ी की सुनामी का विनाशकारी नज़ारा पेश कर दिया. विनाशकारी, ऑफ़ कोर्स विरोधी टीम के लिए. फास्ट बोलिंग का ऐसा कहरबरपा रूप देखकर टीवी स्क्रीन्स के आगे जमे बैठे भारतीय फैन्स की आंखें मारे हैरानी के कम से कम आधा इंच बाहर निकल आई थीं. (खुदा कसम झूठ नहीं बोल रहे, हमने अपनी आंखों से देखा है ये). कुछ चुनिंदा आंखें तो नम भी हुईं. तेज़ बोलिंग के नाम पर हमने सदा ही किसी इंडिविजुअल के ओकेजनल स्पेल्स सराहे थे. यूं पूरा पेस अटैक ही विध्वंसकारी हो, ऐसा इतिहास के किसी दौर में नहीं हुआ.

हमने वो दौर देखा है जब मैकग्रा, ब्रेट ली, वसीम अकरम, चमिंडा वास, डोनाल्ड जैसे बोलर्स हमारे महान बैटिंग लाइनअप को तहस-नहस करके रख दिया करते थे. क्या ओपनर्स, क्या मिडल ऑर्डर, क्या निचला क्रम! कोई रफ़्तार का सौदागर आता… और... हमारी बल्लेबाज़ी और हमारे सपनों पर बुलडोज़र फेरकर चला जाता. हम ये ख्वाब देखते हुए ज़िंदगी काटते रहे कि ऐसा करामाती पेस अटैक अपने पास भी कभी होगा. अब जाकर ये ख्वाब पूरा हुआ है. अब जाकर उस सुकून से हमारा वास्ता पड़ा है, जो स्विंगिंग यॉर्कर से बल्लेबाज़ के स्टंप्स छितराते हुए देखकर हासिल होता है. अपने पूरे ज़लाल पर आग उगलती तेज़ गेंदबाज़ी को देखने से ज़्यादा बड़ा सुख शायद ही कुछ और होगा. ये सुख आजकल हमें लगातार हासिल हो रहा है. ख़ुशी तो होती ही है, कमबख्त मज़ा बहुत आता है.

ये भी पढ़ें: स्पीड, स्विंग, सीम... कैसे बनी शमी, सिराज और बुमराह की तिकड़ी इतनी खतरनाक?

Advertisement

आज टीम इंडिया इस वर्ल्ड कप की सबसे बैलंस्ड टीम लग रही है. हमारे पास पहले तीन नंबर पर रोहित, शुभमन और कोहली जैसे बल्लेबाज़ हैं. दो वर्तमान के किंग और तीसरा भविष्य का सितारा. मिडल ऑर्डर में राहुल, श्रेयस, सूर्यकुमार काफी भरोसेमंद साबित हो रहे हैं. पंड्या तो पंड्या हैं ही. स्पिन डिपार्टमेंट में कुलदीप और जडेजा इतना कमाल काम कर रहे हैं कि अश्विन जैसा धुरंधर टीम में जगह नहीं बना पा रहा. और फिर हमारी पेसर तिकड़ी. बुमराह शमी, सिराज. सदके जावां! नज़र न लगे! ये तीनों जो कर रहे हैं, वो अरब से ज़्यादा लोगों के कलेजे को ठंडक पहुंचा रहा है. फास्ट बोलिंग की दुनिया में अपना टाइम आ गया है. इससे ज़्यादा सुकूनदेह बात और क्या होगी भला! ब्लू इज़ डेफिनेटली दी वार्मेस्ट कलर धिस सीज़न ब्रो...

वीडियो: मोहम्मद शमी 5 विकेट लेकर बड़े-बड़े रिकॉर्ड तोड़ गए

Advertisement