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हरमनप्रीत कौर को कप्तानी से हटा देना चाहिए..., वर्ल्ड कप जीते 4 दिन ना हुए, उठ गई ये मांग

Women world cup 2025 के लीग मैचों में लगातार तीन हार के बाद भी अगर भारत विश्व कप जीत पाया तो इसमें Harmanpreet Kaur की कप्तानी का अहम रोल था. हालांकि वर्ल्ड कप जीतते ही हरमन को कप्तानी से हटाने की मांग की गई है. यह मांग की है पूर्व खिलाड़ी शांता रंगास्वामी (Shantha Rangaswamy) ने. उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई है.

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हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. (Photo-PTI)

भारत ने हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) की कप्तानी में पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता. पूर्व क्रिकेटर रीमा मल्होत्रा ने टीम की कामयाबी का बड़ा श्रेय हरमनप्रीत कौर को दिया. उनके मुताबिक टूर्नामेंट में लगातार तीन हार के बाद भी अगर भारत जीत पाया तो इसमें हरमन की कप्तानी का अहम रोल था. हालांकि वर्ल्ड कप जीतते ही हरमन को कप्तानी से हटाने की मांग की गई है. यह मांग की है पूर्व खिलाड़ी शांता रंगास्वामी (Shantha Rangaswamy) ने.

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हरमनप्रीत कौर को कप्तानी से हटाया जाए

रंगास्वामी को लगता है कि हरमन के लिए यह अहम है कि वह अब कप्तानी के बोझ से मुक्त हो जाएं. इससे हरमन के खेल को फायदा मिलेगा. रंगास्वामी ने एक न्यूज एजेंसी से कहा,

यह हो जाना चाहिए, क्योंकि हरमन एक बल्लेबाज और एक फील्डर के रूप में शानदार हैं. लेकिन टैक्टिली, वह कई बार लड़खड़ा सकती हैं. मुझे लगता है कि अगर उन पर कप्तानी का बोझ न हो, तो वह और अधिक योगदान दे सकती हैं. देखिए, जब यह इस तरह की सफलता (विश्व कप जीत) के बाद आता है, तो इसे अच्छी तरह से नहीं लिया जाएगा, लेकिन भारतीय क्रिकेट और हरमन के अपने हित में, मुझे लगता है कि यही सही होगा.

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स्मृति बनें तीनों फॉर्मेट की कप्तान

रंगास्वामी के मुताबिक अब समय आ गया है कि तीनों फॉर्मेट में स्मृति मंधाना को कप्तान बनाया जाए. उन्होंने कहा,

 स्मृति को सभी प्रारूपों में कप्तान बनाया जाना चाहिए. आपको भविष्य के विश्व कप के लिए भी योजना बनाने की आवश्यकता है.

शांता ने यहां टीम के प्रदर्शन की तारीफ की लेकिन कमजोरियों पर भी बात की. उन्होंने कहा,

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ऑस्ट्रेलिया केवल इसलिए हारी क्योंकि उनके पास अच्छी गेंदबाजी नहीं थी. मैं कहूंगी कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के पास भी हमसे बेहतर गेंदबाजी आक्रमण था. बल्लेबाजों ने हमारे लिए काम किया.

सीनियर खिलाड़ियों को जाता है सफलता का श्रेय

रीमा मल्होत्रा ने तो पूरा श्रेय ही टीम की सीनियर खिलाड़ियों को दिया. लीग राउंड मुकाबले में लगातार तीन हार के बाद लोगों ने टीम इंडिया पर सवाल उठाए थे. हालांकि रीमा के मुताबिक ऐसे समय में सीनियर खिलाड़ियों ने टीम को एकजुट रखा. उन्होंने कहा, 

इस टीम की बहुत आलोचना हुई. कोच आए और गए. बहुत सारे उतार-चढ़ाव आए. लोग कह रहे थे कि जब बीसीसीआई उनके लिए सब कुछ कर रहा है तब भी वे हारते रहते हैं. लोगों ने कहा कि वे हर बार ऑस्ट्रेलिया से हार जाते हैं लेकिन सीनियर खिलाड़ियों (हरमन, स्मृति मंधाना, जेमिमा रोड्रिग्स, दीप्ति शर्मा) ने टीम को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाई. जब आपकी आलोचना होती है तो आपको बुरा लगता है लेकिन उन्होंने (हरमन, स्मृति, जेमी, दीप्ति) इसे सकारात्मक तरीके से लिया. अगर वे नकारात्मक हो जातीं तो शायद वे वापसी नहीं कर पातीं. नतीजा आपके सामने है.

हरमनप्रीत, स्मृति मंधाना, जेमिमा रोड्रिग्स सहित सीनियर खिलाड़ियों की अहम मौकों पर अच्छा न खेलने के लिए आलोचना हुई थी. घरेलू दर्शकों के सामने भारत ने हालांकि परीकथा जैसा अंत किया और किस्मत और हिम्मत के सही मेल से आखिरकार ट्रॉफी जीत ली.

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