भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2 और तीन नवंबर की दरमियानी रात में इतिहास रच दिया. टीम ने पहली बार आईसीसी वर्ल्ड कप की ट्रॉफी उठाई. खिलाड़ियों ने जमकर इस जीत का जश्न मनाया. इस दौरान स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) व्हील चेयर पर बैठी प्रतिका रावल (Pratika Rawal) को मैदान पर लेकर आईं. प्रतिका भले ही फाइनल के दौरान मैदान पर नहीं थीं, लेकिन टीम को वहां तक पहुंचाने में प्रतिका का रोल बहुत अहम है.
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सेंचुरी, वर्ल्ड कप में टॉप स्कोरर...फिर भी टीम इंडिया की इस खिलाड़ी को नहीं मिला मेडल
भारतीय महिला टीम की ओपनर Pratika Rawal ने महज 10 महीने पहले ही अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था. वह शानदार फॉर्म में थीं. इस वर्ल्ड कप में वह सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में चौथे नंबर पर रहीं.
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प्रतिका चोट के कारण टीम से बाहर हो गईं. वह सेमीफाइनल और फाइनल नहीं खेल सकीं, लेकिन इसके बावजूद वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों में शामिल रहीं. उन्होंने सात मैचों में 77.77 के औसत से 308 रन बनाए. उनके बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक निकला. रावल टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में चौथे नंबर पर रहीं. भारतीय टीम में केवल स्मृति मंधाना ने उनसे ज्यादा रन बनाए हैं. इसके बावजूद प्रतिका को वर्ल्ड कप मेडल नहीं मिला. दरअसल, आईसीसी का नियम यह कहता है कि मेडल केवल उन खिलाड़ियों को दिया जाता है को फाइनल के समय स्क्वाॅड का हिस्सा होते हैं. टीम ने प्रतिका की जगह शेफाली वर्मा को रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम में शामिल किया. यही कारण था कि शेफाली को मेडल मिला.
जीत के बाद प्रतिका भावुक हो गईं. उन्होंने कहा,
प्रतिका का प्रदर्शनमैं इसे बयां भी नहीं कर सकती. शब्द नहीं हैं. मेरे कंधे पर ये झंडा बहुत मायने रखता है. अपनी टीम के साथ यहां होने पर मुझे भरोसा नहीं हो रहा है. चोटें खेल का हिस्सा हैं, लेकिन मैं बहुत खुश हूं कि मैं फिर भी इस टीम का हिस्सा बन सकी. मुझे इस टीम से प्यार है. मैं जो महसूस कर रहा हूं उसे बयां नहीं कर सकता. हमने वाकई कर दिखाया! हम इतने लंबे समय में विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय टीम हैं. पूरा भारत इसका हकदार है. सच कहूं तो, इसे खेलना देखने से ज़्यादा मुश्किल था. हर विकेट, हर बाउंड्री ने मेरे रोंगटे खड़े कर दिए. ऊर्जा, दर्शक, भावनाएं. ये सब अविश्वसनीय था,
प्रतिका ने महज 10 महीने पहले ही अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था. वह शानदार फॉर्म में थीं. स्मृति मंधाना के साथ उनकी जोड़ी काफी हिट रही. इसी प्रदर्शन के कारण उन्हें वर्ल्ड कप के लिए टीम में चुना गया. प्रतिका ने यहां भी निराश नहीं किया और अपना फॉर्म जारी रखा. प्रतिका ने श्रीलंका के खिलाफ टूर्नामेंट के पहले मैच में 37 रन बनाए और एक विकेट लिया.
इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 31, और साउथ अफ्रीका के खिलाफ 37 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत भले ही लीग राउंड का मुकाबला हार गया हो, लेकिन इस मैच में प्रतिका का बल्ला चला था. उन्होंने 75 रन की अहम पारी खेली थी. इंग्लैंड के खिलाफ प्रतिका केवल 6 ही रन बना सकींं, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने सारी कसर पूरी कर दी.
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प्रतिका ने न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक लगाया था. यह उनके करियर का दूसरा शतक था. भारत के लिए मैच करो या मरो की स्थिति का था और प्रतिका ने टीम की जीत तय करने में अहम योगदान दिया. इसके बाद भारत को अपना आखिरी लीग राउंड का मुकाबला बांग्लादेश के खिलाफ खेलना था. मुंबई में खेले गए इस मुकाबले में बारिश का खलल रहा था. प्रतिका मैच के दौरान बाउंड्री पर फील्डिंग कर रही थीं. उसी समय गेंद रोकने की कोशिश में वह फिसल गईं. उनके पैर में चोट लगी और वह मैदान से बाहर चली गईं. बाद में अपडेट आया कि वह अब वर्ल्ड कप का कोई मैच नहीं खेल पाएंगी. इसके बाद शेफाली वर्मा उन्हीं की जगह टीम में शामिल हुईं.
हालांकि, फाइनल जीतने के बाद स्मृति प्रतिका को स्टेज पर लेकर गईं, जहां टीम ने ट्रॉफी के साथ फोटो खिंचाई. सभी खिलाड़ियों ने प्रतिका को गले भी लगाया. पूर्व खिलाड़ी मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा भी प्रतिका से मिलीं.
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