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मैक्सवेल का धमाल सेलिब्रेट कर रहे एशियंस को ये बयान सुन बहुत बुरा लगेगा!

ग्लेन मैक्सवेल. नाम तो याद ही होगा. इन जनाब ने अभी World Cup 2023 में चेज़ करते हुए डबल सेंचुरी मार दी. और अब इस बारे में कुछ ऐसा कहा है, जो एशिया के लोगों को बहुत बुरा लगेगा.

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मैक्सवेल ने अफ़ग़ानिस्तान को पीटकर, एशियन टीम्स पर क्या बोल दिया! (एपी फ़ाइल)

ग्लेन मैक्सवेल. नाम तो याद ही होगा. इन जनाब ने अभी World Cup 2023 में चेज़ करते हुए डबल सेंचुरी मार दी. यूं तो अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ़ स्कोर हुए रन्स की वैल्यू जनता कम ही करती है. चाहें तो कोहली से पूछ लें. लेकिन इस बार वैल्यू मिली, क्योंकि इसी अफ़ग़ानिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया को लगभग ध्वस्त ही कर दिया था. हां, तो मैक्सी इसी मैच में चेज़ करते हुए वनडे में डबल सेंचुरी मारने वाले पहले बल्लेबाज बने. अपनी टीम को जीत दिलाई. और बहुत से लोगों को निराश किया.

इस पारी के बाद मैक्सी ने कुछ ऐसा कहा है, जिससे क्रिकेट खेलने वाले एशियन देश बहुत नाराज़ होंगे. मैक्सी की बात निश्चित रूप से उन्हें चुभेगी. मैक्सी ने एडम गिलक्रिस्ट और माइकल वॉन के साथ एक पॉडकास्ट में ये बातें कहीं. उन्होंने अपनी ऐतिहासिक 201 रन की पारी का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्हें पता था कि उप-महाद्वीप की टीम्स का फायदा कैसे उठाना है. मैक्सवेल बोले कि वो जानते थे कि अगर वह लगातार ओवर्स में कुछ बड़े शॉट्स खेलने में क़ामयाब रहे, तो अफ़ग़ान प्लेयर्स कनफ़्यूज होकर आपस में ही भिड़ जाएंगे. मैक्सवेल बोले,

'पहले 15-20 ओवर्स में उन्होंने जो एनर्ज़ी दिखाई, वो तारीफ के क़ाबिल थी. और हमने उनकी ओर से ऐसा कई बार देखा. मैं उप-महाद्वीप की बहुत सी टीम्स के खिलाफ़ खेला हूं. और मैंने हमेशा ही देखा है कि अगर आप रन ना भी बनाएं. बस खड़े रहें और हर एक-दो ओवर में कुछ शॉट्स जड़ते रहें तो आप देखेंगे कि चीजें आसान होती जाएंगी. उनके अंदर कलह आने लगती है, एक-दूसरे पर उंगलियां उठाने लगते हैं, हाथ उठने लगते हैं, फ़ील्डर्स अटेंशन नहीं देते. चीजें उधड़नी शुरू हो जाती हैं.'

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मैक्सवेल ने इसी बातचीत में उस पारी का क्रेडिट गोल्फ़ को भी दिया. वह बोले,

'गोल्फ़ खेलते हुए किसी पेड़ के पीछे फंसने पर मुझे बहुत सी पोजिशंस देखनी होती हैं. मुझे अपनी कलाइयां घुमानी पड़ती हैं. फ़्लिक करना होता है. इससे आपको नई चीजें ट्राई करने की छूट मिलती है. हर BBL गेम की तैयारी के वक्त मैं एक अनोखा काम करता था. मैं पहली 12 गेंदों को एकदम खड़े-खड़े खेलता था. और कोशिश करता था कि उन्हें जितनी दूर हो सके, उतनी दूर मार पाऊं. पैरों के इस्तेमाल के बिना शरीर के ऊपरी हिस्से पर काम करना, बोलर्स के साथ खिलवाड़ करना जैसी चीजें.'

बात उस मैच की करें तो ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ़ 49 पर चार विकेट खो दिए थे. और फिर आए मैक्सवेल. टीम को जीत के लिए 292 रन बनाने थे. और 91 तक उन्होंने सात विकेट गंवा दिए. लेकिन यहां से मैक्सवेल ने कप्तान पैट कमिंस के साथ मिलकर मैच ही पलट दिया. ऑस्ट्रेलिया ने 19 गेंदें बाक़ी रहते ही मैच अपने नाम कर लिया.

मैक्सवेल 128 गेंदों पर 201 बनाकर नाबाद लौटे. जबकि कमिंस ने 68 गेंदों पर 12 रन बनाए. मैक्सवेल ने बोलिंग करते हुए एक विकेट भी निकाला था. उन्हें इस प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया.