The Lallantop

2011 वर्ल्ड कप खेलने के लिए प्रवीण कुमार ये कर सकते थे, लेकिन...

प्रवीण कुमार ने बताया कि एल्बो में ज्यादा लग गई थी तो वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए. इसके बाद मेरी जगह श्रीसंत आए, उनका डेब्यू हुआ.

Advertisement
post-main-image
प्रवीण ने बताया कि जब मैंने सेलेक्टर्स को फोन किया तो मन में सिर्फ इतना ही था कि टीम का नुकसान नहीं होना चाहिए, अपना हो जाए तो हो जाए. (फोटो- आजतक)

इस बार लल्लनटॉप के स्पेशल शो 'गेस्ट इन द न्यूजरूम' में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार (Praveen Kumar GITN) आए. कुमार ने अपने करियर से लेकर 2011 वर्ल्ड कप में न खेल पाने पर बात की. साथ ही महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और सुरेश रैना से जुड़े सवालों के जवाब दिए.

Advertisement

2011 वनडे वर्ल्ड कप न खेल पाने के सवाल पर प्रवीण कुमार ने बताया,

“उस समय मेरी एल्बो में चोट लगी थी. एल्बो की हड्डी बढ़ गई थी. पहले मैंने सोचा कि चलने दो, बड़ा टूर्नामेंट है. कई खिलाड़ी बड़े टूर्नामेंट के लिए चोट छिपा लेते हैं, मैंने भी यही सोचा. मैं NCA (नेशनल क्रिकेट अकादमी) चला गया. मैंने कोशिश की कि सब सही हो जाए. फिर वहां बेंगलुरु में आशीष कौशिक हमारे फीजियो थे. उसी समय NCA के डायरेक्टर थे संदीप पाटिल सर. संदीप सर ने कहा कि पीके ये दिमाग से सोचने का समय है, दिल से नहीं. उन्होंने कहा कि तू देख ले फिर.”

Advertisement

प्रवीण ने आगे बताया कि इसके बाद उन्होंने बॉल फेंकने की कोशिश की. उन्होंने कहा,

“हाथ से थ्रो ही नहीं हो रहा था. फिर आशीष ने मुझसे पूछा कि क्या करना है, मैंने कहा कि अब क्या कर सकते हैं. इसके बाद मैं घर आ गया. लेटा रहा. एल्बो में ज्यादा लग गई थी तो वर्ल्ड कप नहीं खेल पाया. इसके बाद मेरी जगह श्रीसंत आया, उसका डेब्यू हुआ. एल्बो की चोट सर्जरी के बाद ही सही हुई फिर. जब मैंने सेलेक्टर्स को फोन किया तो मन में सिर्फ इतना ही था कि टीम का नुकसान नहीं होना चाहिए, अपना हो जाए तो हो जाए.”

इंडियन टीम से आई पहली कॉल पर रिएक्शन

प्रवीण कुमार ने इंडियन टीम से खेलने के लिए आई पहली कॉल पर भी बात की. उन्होंने बताया,

Advertisement

“हम अहमदाबाद में चैलेंजर खेल रहे थे. उस दिन मैंने 5 विकेट लिए थे. वहां हम एयरपोर्ट जा रहे थे, तो रास्ते में पता लगा कि मेरा नाम आ गया है. तब ऐसा था कि पता लग जाता था कि नाम आ जाएगा. होता ये था कि आप अच्छा खेलते रहते हो, तो पता लग ही जाता है. जब पता लगा मुझे तो मेरा यही रिएक्शन था कि ठीक है.”

तेज गेंदबाज ने बताया कि फिर जब 18 नवंबर को जयपुर में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू हुआ, तो धोनी भाई ने पहली बार हाथ में बॉल दी. उन्होंने कहा कि वहां से डालनी है, तब भी मेरा यही रिएक्शन था कि ओके. बहुत उत्साहित नहीं होता मैं.

वीडियो: Rohit Sharma Captaincy में Team India ने सिर्फ Cape Town नहीं जीता, WTC Points Table भी टॉप कर ली

Advertisement