25 साल की उम्र. सामने हरा भरा इंटरनेशनल क्रिकेट करियर. लेकिन भाई ने संन्यास ले लिया. क्यों? भाई को अब वकील बनना है. बात हो रही है इंग्लैंड के क्रिकेटर जफर अंसारी की, जिन्होंने इस उम्र में नए पेशे के लिए क्रिकेट छोड़कर सबको चौंका दिया है. पिछली सर्दियों में ही उन्होंने इंटरनेशनल डेब्यू किया था और अभी सिर्फ 3 टेस्ट मैच ही खेले थे. लेकिन उन्हें ढंग से जानने वालों के लिए यह फैसला चौंकाने वाला नहीं है. जफर अंसारी कभी 'सिर्फ क्रिकेटर' थे ही नहीं. असली ऑलराउंडर थे. ये बात किसी से छिपी नहीं थी कि क्रिकेट उनकी विविधतापूर्ण जिंदगी का एक हिस्सा भर था.
उन्होंने क्रिकेट छोड़ने के ऐलान के साथ अपने बयान में कहा, 'मुझे पता था कि सही समय पर मुझे मूव ऑन करना होगा और अब वो समय आ गया है. लोग शायद इस टाइमिंग को सरप्राइज की तरह देख रहे हों, लेकिन मैंने हमेशा कहा है कि क्रिकेट हमेशा मेरी जिंदगी का एक हिस्सा ही था. मेरे और भी अरमान हैं, जिन्हें मैं पूरा करना चाहता हूं. उसे जेहन में रखते हुए मैं कानून के क्षेत्र में एक नया करियर एक्सप्लोर कर रहा हूं.'
अंसारी 8 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे थे, लेकिन इसके साथ बहुत कुछ कर रहे थे. क्रिकेट में आने से पहले उन्होंने इतिहास के एक विषय पर 40 हजार शब्दों की रिसर्च लिखी. टॉपिक था, 'The origins of African-American armed self-defense and its relationship with the Black Power movement in the 1960s.' इस टॉपिक को समझने के लिए दो बार पढ़ना पड़े. पियानो बजाने में माहिर. नामी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एकेडमिक्स का शानदार रिकॉर्ड. और ये सब क्रिकेट के साथ साथ चलता रहा. पिछले 13 सालों में वो कैम्ब्रिज से जुड़े पहले शख्स हैं जो इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेल सका. https://twitter.com/my_surrey/status/857241765279039488 ज़फर के परिवार का बैकग्राउंड भी पढ़ाई-लिखाई वाला है. ज़फर के पाकिस्तानी मूल के पिता ख़िज़ार हुमायूं अंसारी लंदन यूनिवर्सिटी में इस्लाम और कल्चरल डाइवर्सिटी के प्रोफेसर हैं. ज़फर की मां सारा इस डिपार्टमेंट की हेड हैं. हुमायूं अंसारी को ये डर लगता था कि कहीं उनका बेटा बस एक आम इंसान न बना रह जाये. मगर अब वो उसे एक नॉर्मल लड़का ही मानते हैं. बताते हैं कि ज़फ़र खुद को कोई बहुत बड़ी तोप नहीं समझता. उसका लाइफ को लेकर बैलेंस्ड अप्रोच है. उसकी लाइफ सिर्फ क्रिकेट या सिर्फ पढ़ाई लिखाई के इर्द-गिर्द नहीं घूमती.

अंसारी आगे कहते हैं कि जब हम डिनर टेबल पर इकट्ठे होते हैं तो बहुत सी चीजों पर चर्चा करते हैं. डेविड अटेनबरो की डॉक्यूमेंट्री 'लाइफ ऑन अर्थ' से लेकर कॉस्टयूम ड्रामा सीरीज विक्टोरिया तक. नए-नए विचारों, इतिहास और विरासत से लेकर जेम्स बॉन्ड की हल्की-फुल्की बातें भी होती हैं. जफर के पापा का एक पुराने बयान के मुताबिक, उसकी स्पिन बॉलिंग उसकी पर्सनालिटी को सूट करती है. जब आप स्पिन बॉल का सामना करते हैं और उसका इंतज़ार करते हैं तब आपको इसके बारे में सोचना पड़ता है. स्पिन का रिलेशन सोचने की प्रक्रिया से है. लेकिन अब इसी सोचने की प्रक्रिया ने उन्हें क्रिकेट और बोलिंग से दूर कर दिया है. 13 साल पहले कैम्ब्रिज से जुड़े एडम स्मिथ ने इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेला था. मुरली कार्तिक ने उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर किया था और मुरली कार्तिक ने ज़फर को भी स्पिन के बारे में टिप्स दिए हैं. वो कहते हैं ”ज़फर बहुत शांत लड़का है. उससे बात करके आप हैरान होंगे कि वो कितना इंटेलिजेंट है.”

ज़फर के बड़े भाई अकबर भी कैम्ब्रिज से हैं. उन्होंने भी कुछ दिनों तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला. इस समय इंग्लैंड की टीम में तीन स्पिनर हैं जो मूल रूप से पाकिस्तान से आते हैं. ज़फर और उसके भाई भारत-पाकिस्तान घूमने आते रहे हैं. इससे पहले ज़फर जब भारत आए थे तो दिल्ली, आगरा, जयपुर घूमे थे. जफर ने 8 साल की उम्र में इंग्लिश क्रिकेट क्लब सरे के लिए खेलना शुरू किया था. सरे के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट एलेक स्टीवर्ट का एक बयान काबिल-ए-गौर है. वह कहते हैं, 'जब जफर नॉवेल पढ़ था, हमारे बाकी लड़के अपनी ड्रॉइंग बुक में रंग भर रहे थे.' जफर अंसारी के रिटायरमेंट से क्रिकेट की दुनिया के उनके कुछ सीनियर हैरान हैं और कुछ ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. https://twitter.com/MontyPanesar/status/857319567386959872 https://twitter.com/KP24/status/857192952048869376
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