Kajol तब 10-11 साल की थीं जब मां Tanuja ने उन्हें Panchgani के Boarding School में डाल दिया था. कुछ वक्त बीता ही था कि एक दिन काजोल बोर्डिंग स्कूल से भाग गईं. हालांकि वो अपने घर पहुंचने में कामयाब नहीं हो सकीं. उनकी इस हरक़त पर टीचर्स और उनकी मां ने उन्हें ज़बरदस्त झाड़ लगाई. बीते दिनों जब काजोल The Lallantop के ख़ास कार्यक्रम Guest in The Newsroom में आईं, तब ये पूरा किस्सा बड़े दिलचस्प अंदाज़ में सुनाया.
11 साल की उम्र में बोर्डिंग स्कूल से झूठ बोलकर क्यों भाग गई थीं काजोल?
बोर्डिंग स्कूल से भागकर मुंबई की बस में बैठी थीं काजोल. मगर ऐन वक्त पर पूरा प्लान फेल हो गया.

बोर्डिंग स्कूल से भागने के बारे में काजोल ने कहा,
“उस वक्त मेरी नानी की मां बहुत बीमार थीं. मुझे पता चला था कि वो बहुत बीमार हैं. मैंने मम्मी को फोन किया. मम्मी ने बोला नहीं तुम घर नहीं आओगी. वो बोलीं- ‘तुम्हारा स्कूल चल रहा है. तुम्हारी एग्ज़ाम है. छुट्टियां तो दिसंबर में लगेंगी. तुम दिसंबर में ही आना’. तब मेरी उम्र कोई 11-साढ़े 11 साल रही होगी.”
बोर्डिंग स्कूल से काजोल अकेली नहीं भागीं. उनकी एक दोस्त भी साथ थीं. पूरी किस्सा सुनाते हुए काजोल ने कहा,
"मेरी एक और दोस्त थी. वो भी बोर्डिंग स्कूल से बड़ी नाख़ुश की उस वक्त. मुझे पता नहीं, क्या वजह थी. मगर वो भी नाख़ुश थी. तो हम दोनों ने तय किया कि हम जाएंगे. हम यहां से भाग जाएंगे. हम बॉम्बे जाएंगे. अगली सुबह हम दोनों निकल भी गए. पंचगनी में मेरे मामा रहते थे. वो मेरे गार्डियन थे. मैं उनके पास गई और बोला कि अरे आपको पता है- मम्मी ने मुझे घर बुलाया है! मैंने मामा से बोला कि जल्दी से मुझे बस पर बैठा दो. बेचारे मेरे मामा ने मेरी बात मान ली. और उन्होंने मुझे बस में बैठा दिया. अब मैं इंतज़ार कर रही हूं कि बस अभी चलेगी. अभी चल जाएगी. मगर इतने में ही हमारी नन आईं वहां पर और मुझे कान से खींचकर वापस लेकर गईं."
काजोल बोर्डिंग स्कूल से निकलने में तो कामयाब रहीं, मगर घर नहीं पहुंच सकीं. उनकी इस हरक़त की जानकारी तनुजा को भी लगी. फिर क्या हुआ, उसके बारे मं काजोल ने कहा,
“टीचर्स मुझे स्कूल वापस ले गईं. फिर मेरी मां आईं. बहुत ड्रामा हुआ. मुझे बहुत डांट पड़ी. बहुत ज्यादा डांट पड़ी. इतनी डांट पड़ने के बाद हम शांत हो गए. हालांकि इस घटना के बाद मैं सेटल हो गई बोर्डिंग स्कूल में. हर बच्चे को वक्त लगता है बोर्डिंग स्कूल में सsटल होने में.”
बकौल काजोल, बोर्डिंग स्कूल का उनका तजुर्बा बहुत अच्छा रहा. उन्होंने अपनी बेटी निसा को भी बोर्डिंग स्कूल में डाला है. काजोल ने कहा,
"बोर्डिंग स्कूल का मेरा तजुर्बा तो बहुत अच्छा रहा. मैंने अपनी बेटी को भी भेजा है. कुछ वक्त बेटे को भी भेजना चाहती हूं. बोर्डिंग स्कूल में बच्चे को एक तो मां-बाप की अहमियत समझ आती है. वो अपने काम ख़ुद करना सीखते हैं. इतने सारे लोगों के साथ रहते हैं. और इससे समझ आता है कि दुनिया में अलग-अलग किस्म के लोग हैं. तो बच्चे समाज में एडजस्ट आसानी से हो जाते हैं. बच्चों में आत्मविश्वास आ जाता है. वो आत्मनिर्भर हो जाते हैं."
काजोल के वर्कफ्रंट की बात करें, तो काजोल स्टारर हॉरर फिल्म 'मां' 27 जून को सिनेमाघरों में लगी हुई है. इसके बाद वो फिल्म ‘सरज़मीन’ में नज़र आएंगी. ये 25 जुलाई को रिलीज़ होगी. इसमें पृथ्वीराज सुकुमारन, इब्राहिम अली खान और तारा शर्मा भी ज़रूरी किरदारों में नज़र आएंगी.
वीडियो: गेस्ट इन द न्यूजरूम: काजोल का ऐसा इंटरव्यू पहले न देखा होगा, शाहरुख और अजय के कई किस्से सुनाए