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बुमराह को मिला भुवी का साथ, वर्कलोड मैनेजमेंट की बहस पर तेज़ गेंदबाज़ ने कहा- 'रेस्ट जरूरी है'

पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और मोहम्मद अजरूद्दीन ने जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर सवाल उठाया था. बुमराह ने इंग्लैंड दौरे पर पांच में से तीन ही मैच खेले थे.

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जसप्रीत बुमराह मौजूदा समय में भारत के सबसे अहम और कामयाब पेसर माने जाते हैं. (PHOTO-PTI)

भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पांच में से केवल तीन ही टेस्ट मैच खेले. कहा गया कि बुमराह का वर्कलोड मैनेज करने के लिए ऐसा किया गया है. कई दिग्गज खिलाड़ी इस बात से सहमत नहीं थे. सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) तक बोर्ड के इस फैसले से सहमत नहीं थे. बुमराह का प्रदर्शन इस सीरीज में वैसा नहीं था जैसी की उम्मीद थी. इस कारण ये चर्चा और ज्यादा होने लगी. इन सबके बीच बुमराह को अब अपने पुराने साथी भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) का साथ मिला है.

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बुमराह को मिला भुवी का साथ

भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार इस बात को समझते हैं कि एक तेज गेंदबाज को रेस्ट की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि बुमराह के लिए ये क्यों सही है. उन्होंने में कहा,

आप ये देखें कि बुमराह कितने सालों से सभी फॉर्मेट में खेल रहे हैं. किसी के लिए भी इसे बरकरार रखना मुश्किल है. बुमराह का गेंदबाजी एक्शन जिस तरह का है, उसे देखते हुए उन्हें या किसी को भी चोट लग सकती है. मुझे उनके पांच में से तीन मैच खेलने में कोई समस्या नहीं थी.

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मुश्किल है तीनों फॉर्मेट में खेलना

भुवनेश्वर ने अपील की है कि लोगों को समझना चाहिए कि बुमराह अगर तीन ही मैच में खेल रहे हैं. उसमें बेस्ट कर रहे हैं. तो ये उनके लिए सही है. उन्होंने कहा,

सलेक्टर्स को पता है कि बुमराह क्या कर सकते हैं और इससे सहज हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें पता है कि बुमराह तीन मैचों में भी बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं. अगर कोई खिलाड़ी सभी पांच मैच नहीं खेल पाता है, लेकिन तीन में अहम योगदान दे सकता है, तो इसे माना जाना चाहिए. लोग यह नहीं समझते कि इतने सालों तक अलग-अलग फॉर्मेट में खेलते रहना कितना मुश्किल होता है.

भुवनेश्वर के मुताबिक बुमराह के करियर को लंबा करने के लिए ये जरूरी है कि उनका वर्कलोड ठीक तरह मैनेज हो. इस तेज गेंदबाज ने कहा,

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दबाव भी होता है. अगर आप चाहते हैं कि कोई लंबे समय तक खेले, तो आपको उसे अच्छी तरह से मैनेज करना होगा. इसलिए, मुझे कुछ गलत नहीं लगा. खिलाड़ियों को आराम और मैचों को सेलेक्ट करने देना, उनकी फिटनेस, फॉर्म और लंबे करियर के लिए बेहद जरूरी है. यही वजह है कि बुमराह जैसे बड़े खिलाड़ी का वर्कलोड मैनेज करना भारतीय क्रिकेट के लिए एक पॉजीटिव रणनीति है.

जसप्रीत बुमराह का वर्कलोड

जसप्रीत बुमराह ने 2024 से अब तक टेस्ट क्रिकेट में 486.4 ओवर डाले हैं. इस दौरान सबसे ज्यादा ओवर डालने वाले भारतीय तेज गेंदबाजों में वो दूसरे नंबर पर है. उनसे आगे केवल मोहम्मद सिराज हैं, जिन्होंने 500 ओवर डाले हैं. अगर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी की बात करें तो बुमराह ने यहां 3 मैचों में 14 विकेट लिए. उनके दो पांच विकेट हॉल भी थे. हालांकि ये सवाल लगातार उठता रहा कि बुमराह की गेंदबाजी उतनी पैनी नजर नहीं आ रही है जिसकी उनसे उम्मीद की जाती है.

बुमराह के केवल तीन ही टेस्ट मैच खेलने के बावजूद भारत ने सीरीज 2-2 से ड्रॉ कराई. शुभमन गिल की कप्तानी में भारत के युवा खिलाड़ियों ने कमाल का प्रदर्शन किया. इस सीरीज में पेसर मोहम्मद सिराज सबसे कामयाब गेंदबाज रहे. उन्होंने पांचों मैच खेले और 22 विकेट अपने नाम किए.

वीडियो: बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर बोले दिग्गज खिलाड़ी, 'मैं मुकेश अंबानी से बात...'

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