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14 साल बाद युवराज सुना गए सचिन-कर्स्टन का वो किस्सा जिसकी खबर किसी को नहीं थी

Yuvraj Singh ने ICC वर्ल्ड कप 2011 का एक किस्सा शेयर कर इंडिया की महिला क्र‍िकेट टीम को मोटिवेट किया. उन्होंने बताया कि कैसे Sachin Tendulkar और कोच Garry Kirsten की इस बात ने टीम को वर्ल्ड कप जीतने में मदद की थी.

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2011 में टीम इंडिया ने 28 साल बाद जीता था ICC वनडे वर्ल्ड कप. (फोटो-PTI)

पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने ICC वर्ल्ड कप 2011 का एक किस्सा शेयर कर इंडिया की महिला क्र‍िकेट टीम को मोटिवेट किया. ICC वीमेंस वर्ल्ड कप 2025 (ICC Women's World Cup) के शुरू होने में अब दो महीने भी नहीं हैं. बतौर मेज़बान टीम इंडिया (Team India) इस ICC टूर्नामेंट के लिए पूरी तरह से तैयार है. टीम इंडिया ने अभी तक वीमेंस वर्ल्ड कप का खिताब नहीं जीता है. ऐसे में कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) की अगुवाई में टीम अपने घर पर इतिहास रचने के इरादे से उतरेगी. टूर्नामेंट की शुरुआत 30 सितंबर से होनी है. इसे लेकर 11 अगस्त को ICC चेयरपर्सन जय शाह (Jay Shah) ने पूर्व क्रिकेटरों युवराज सिंह और मिताली राज (Mithali Raj) के साथ मुंबई में ट्रॉफी का अनावरण किया.

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इस दौरान युवाराज ने बताया कि 2011 मेन्स वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया साउथ अफ्रीका के खिलाफ हार गई थी और इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच टाई हो गया था. इसके बाद, एमएस धोनी की अगुवाई वाली टीम पर फैन्स भड़क गए थे. इस दौरान महान सचिन तेंदुलकर और गैरी कर्स्टन ने प्लेयर्स को क्या सलाह दी थी.

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युवराज ने कौन सी कहानी सुनाई?

युवराज ने कार्यक्रम के दौरान कहा, 

मैं आपको उस समय की हमारी भावनाओं का एक एग्जांपल देता हूं. उस समय तक, किसी भी टीम ने अपने घर में वर्ल्ड कप नहीं जीता था. हमें वर्ल्ड कप जीते हुए 28 साल हो गए थे. मुझे याद है कि हमने इंग्लैंड के खिलाफ मैच बराबरी पर छोड़ा था और साउथ अफ्रीका से जीत की स्थिति में होने के बावजूद हार गए थे. हमें काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी.

उन्होंने आगे बताया, 

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मुझे याद है कि सचिन तेंदुलकर और कोच गैरी कर्स्टन हमारे पास आए और हमसे बात की. उन्होंने टूर्नामेंट जीतने के लिए हमें आगे क्या करना होगा इस पर बात की. उन्होंने कहा, कोई भी टीवी नहीं देखेगा. कोई भी अखबार नहीं पढ़ेगा. जब आप ग्राउंड पर जाएं तो ग्राउंड पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने हेडफ़ोन लगाएं. अपने कमरे में वापस जाते समय, अपने हेडफ़ोन वापस लगाएं. शोर पर ध्यान न दें और टूर्नामेंट जीतने के लिए जो करना है, वह करने की कोशिश करें.

दोनों दिग्गजों की ये सलाह वास्तव में टीम इंडिया के काम आई. टीम फाइनल में पहुंची तथा श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद खिताब जीत लिया.

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