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पश्चिम बंगाल में स्विमर के घर पर चोरी, टोंटी से लेकर पद्म श्री तक उठा ले गए चोर

Bula Chowdhury House Robbed: घटना को लेकर बुला चौधरी के भाई ने निराशा जताई है. उन्होंने कहा कि पहले हुई तीन चोरियों और बार-बार पुलिस में शिकायत के बावजूद, ये घटनाएं जारी हैं.

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भारतीय तैराकी की दिग्गज खिलाड़ी बुला चौधरी के घर में चौथी बार चोरी हुई है. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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अनिर्बन सिन्हा रॉय

पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में तैराकी (Swimming) की दिग्गज भारतीय खिलाड़ी बुला चौधरी के घर में चोरी हुई है. आरोप है कि चोरों ने बुला चौधरी के पद्मश्री और राष्ट्रपति पुरस्कार तो चुराए ही. साथ ही, गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल समेत कई विदेश सम्मान और घरेलू सामान भी चुरा ले गए.

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ये चोरी, हुगली जिले के देबाईपुकुर में मौजूद स्विमर बुला चौधरी के पैतृक घर में हुई चौथी चोरी है. इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक, बुला चौधरी के परिवार वालों ने बताया कि चोर पिछले दरवाजे से घुसे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि चोरों ने बाथरूम के बेसिन का नल और लक्ष्मी घाट भी चुरा लिया. और फर्नीचर को भी नुकसान पहुंचाया.

कोलकाता में अपने परिवार के साथ रहने वाली बुला चौधरी कभी-कभार अपनी पुश्तैनी संपत्ति देखने हुगली जाती हैं. उनके भाई डोलन चौधरी घर की देखभाल करते हैं और अपने दादा-दादी के साथ वहीं रहते हैं. घटना को लेकर डोलन चौधरी ने निराशा जताई है. उन्होंने कहा कि पहले हुई तीन चोरियों और बार-बार पुलिस में शिकायत के बावजूद, ये घटनाएं जारी हैं.

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उत्तरी उत्तरपाड़ा थाने के IC अमिताभ सान्याल का कहना है कि पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और आगे जांच शुरू कर दी है. परिवार का कहना है कि अब वो असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. डोलन चौधरी ने सवाल उठाया कि आम लोग इस तरह की बार-बार होने वाली चोरियों का सामना कैसे कर पाएंगे.

Bula Chowdhury का खेल करियर

1970 में पश्चिम बंगाल के हुगली में जन्मी बुला चौधरी भारत की सबसे प्रतिष्ठित तैराकों यानी स्विमर्स में से एक हैं. उन्हें छोटी दूरी के रेस और मुश्किल ओपन-वाटर मैराथन, दोनों में बेहतरीन प्रतिभा के लिए जाना जाता है. बुला ने मात्र नौ साल की उम्र में पहली बार नेशनल लेवल पर अपना दबदबा बनाया. नेशनल लेवल स्विमिंग में उनके नाम 6 गोल्ड मेडल हैं.

12 साल की उम्र तक बुला चौधरी ने सीनियर स्तर के कॉम्पिटीशंस के लिए क्वालीफाई कर लिया था. और 1982 के राष्ट्रमंडल खेलों की रिले टीम में जगह बनाई थी. उनके शानदार स्विमिंग करियर के चलते उन्हें भारत के कई सर्वोच्च खेल सम्मान मिले. इनमें अर्जुन पुरस्कार (1990), तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार (2002) और पद्म श्री शामिल हैं.

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