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ब्रेंडन टेलर के साथ अंपायर ने ऐसा क्या किया कि सोशल मीडिया पर बवाल मच गया?

बांग्लादेश के खिलाफ 'हादसे' का शिकार हुए टेलर.

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ज़िम्बाब्वे टीम के कप्तान Brendan Taylor (कर्टसी: ट्वीटर)
रविवार, 18 जुलाई 2021 को क्रिकेट के मैदान में एक दिलचस्प घटना घटी. बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान ज़िम्बाब्वे के कप्तान ब्रेंडन टेलर को हिट विकेट आउट दे दिया गया. और यह फैसला कुछ ऐसा था कि जिसने भी इसे देखा, इस पर बात किए नहीं रह नहीं पाया. हरारे में हुए वनडे सीरीज के दूसरे मुकाबले में ज़िम्बाब्वे की टीम पहले बल्लेबाजी कर रही थी. पारी का 25वां ओवर. स्ट्राइक पर थे ज़िम्बाब्वे के कप्तान ब्रेंडन टेलर. गेंदबाज़ ने बाउंसर मारी और टेलर ने इसे कीपर के सर के ऊपर से निकालने की कोशिश की. लेकिन गेंद और बल्ले का संपर्क नहीं हुआ, गेंद कीपर के दस्तानो में पहुंच गयी. इसके बाद टेलर उठे और हवा में ही शॉट की प्रैक्टिस करते हुए बैटिंग क्रीज़ के दूसरी तरफ जाने लगे. और इसी प्रोसेस के दौरान उनका बल्ला गिल्लियों पर जा लगा. बांग्लादेश के एक फील्डर की इस घटना पर नज़र पड़ी और उसने अपील की. फील्ड में खड़े अम्पायर मराइस इरासमस ने टीवी अम्पायर की तरफ इशारा किया और उन्होंने 46 के स्कोर पर टेलर को आउट दे दिया. और देखते ही देखते इस घटना ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया. नियमों के हिसाब से देखा जाए तो विकेट कीपर के हाथों में जाते ही गेंद को डेड मान लिया जाता है. इसके बाद ना तो कोई रन लिया जा सकता है और ना ही किसी को आउट किया जा सकता है. जबकि हिट विकेट के नियम देखें तो साफ है कि यह फैसला नियमों के मुताबिक सही नहीं कहा जा सकता. #क्या कहता है नियम क्रिकेट के नियम संख्या 35.1 में हिट विकेट के बारे में बताया गया है. नियम नंबर 35.1.1.1 की बात करें तो इसमें लिखा है कि अगर कोई बल्लेबाज़ गेंद को खेलने की प्रक्रिया में अपने बल्ले या अपने शरीर से गिल्लियां गिरा देता है तो वह आउट करार दिया जाएगा. वहीं नियम नंबर 35.1.1.2 यह कहता है कि अगर एक बल्लेबाज गेंद को खेलने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद बेल्स को गिराता है तो वह आउट करार नहीं दिया जा सकता. ब्रेंडन टेलर के हिटविकेट होने के तरीके को देखकर साफ दिखता है कि वह गेंद को खेलने की प्रक्रिया पूरी कर चुके थे. लेकिन यहां पेंच यह है कि अक्सर ऐसे मामलों में काफी कुछ अंपायर के विवेक पर निर्भर करता है. भले ही ICC के नियम इस बारे में खुलकर कुछ ना कहते हों लेकिन आमतौर पर चीजें अंपायर पर निर्भर करती हैं. ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है और लगभग हर बार बल्लेबाज को नॉटआउट करार दिया गया था. सबसे हालिया घटनाओं की बात करें तो 1998 में एडिलेड के मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के मार्क वॉ को ऐसे ही हालात में नॉटआउट दिया गया था. साथ ही 2019 के वर्ल्ड कप में वेस्ट इंडीज के ओशेन थॉमस को भी नॉट आउट दिया गया था.

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