The Lallantop

कप्तान बाबर की ऐसी वाली बातें तो पाकिस्तान क्रिकेट टीम को डुबो देंगी!

बाबर आज़म ऐसे करेंगे तो कैसे चलेगा?

Advertisement
post-main-image
बाबर आज़म की कप्तानी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं

‘पिछले कुछ टेस्ट मैचेज में हमने डॉमिनेट किया है.’

सर्वश्री बाबर आज़म जी

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

बाबर ने ये बात हाल ही में की थी. जी हां, एकदम रीसेंट की बात है. लेकिन उन्होंने ये जो बात कही, वो सच कब थी? शायद बाबर भी नहीं जानते. और इसीलिए हम उनको याद दिला देते हैं. पाकिस्तानी टीम शायद, जी हां मैं श्योर नहीं हूं. लेकिन पाकिस्तानी टीम शायद उनके डेब्यू से पहले किसी जमाने में डॉमिनेट करती थी. बाबर के डेब्यू के बाद से तो इनका हाल मोमबत्ती जैसा हो रखा है. मतलब वही, घटते ही जा रहे हैं.

और आज हम इनके घटने का एरियल व्यू लेंगे.

Advertisement

छह साल पुरानी बात है. अगस्त का महीना, साल 2016. पाकिस्तानी क्रिकेट टीम पहली बार ICC टेस्ट रैंकिंग्स में नंबर वन पोजिशन पर पहुंची. पाकिस्तान ने यहां इंडिया को रिप्लेस किया था. और इसके पीछे बड़ी वजह बनी बारिश और श्रीलंकाई टीम का प्रदर्शन. बारिश ने भारत और वेस्ट इंडीज़ के बीच तय त्रिनिदाद टेस्ट को धोया. और श्रीलंका ने अपने घर में ऑस्ट्रेलिया को कायदे से फींचा. इन सबके गुरुत्वाकर्षण ने पाकिस्तान को टॉप की ओर खींचा.

# Captain Babar Azam और पाकिस्तान

और इसके बाद, अक्टूबर के महीने में बाबर जी ने पाकिस्तान के लिए टेस्ट डेब्यू किया. तबसे अब तक कराची की नदियों में बहुत सारा पानी बह चुका है. और बाबर के बल्ले से कई रिकॉर्ड्स भी टूट चुके हैं. लेकिन जो चीज नहीं टूटी, वो है पाकिस्तान की टेस्ट में खराब खेलने की आदत.

पहली बार वर्ल्ड नंबर वन बनने के बाद पाकिस्तानी टीम ने कुल 51 टेस्ट खेले हैं. इनमें से उन्हें 18 में जीत मिली. लेकिन अगर इन जीतों में से ज़िम्बाब्वे, बांग्लादेश और आयरलैंड जैसी ‘दिग्गज’ टीम्स निकाल दें. तो पाकिस्तान 44 में से सिर्फ 12 मैच जीत पाया है. ऐसा भी नहीं है कि ये टीम जीत नहीं पा रही तो मैच ड्रॉ करा ले रही है.

Advertisement

पाकिस्तानी टीम को 2016 से अब तक 26 मैच में हार मिली है. और इनका हार-जीत का रेशियो सिर्फ वेस्ट इंडीज़ से बेहतर है. और ये वेस्ट इंडीज़ कैसी टीम है, आप जानते ही हैं. यानी टेस्ट खेलने वाले टॉप के देशों में पाकिस्तान नीचे से सेकेंड है. हार-जीत के रेशियो पर ही अटके हैं तो जान लीजिए कि इसका फॉर्मूला है जीते हुए मौकों में हारे हुए मौकों से भाग देना. यानी पाकिस्तान के केस में 12 को 26 से भाग दिया जाएगा. बोले तो 12 को 26 से डिवाइड करेंगे.

इसके बाद जो आएगा, आप लोग कमेंट में लिखें. मैं आगे बढ़ता हूं. और ऐसा करते हुए मैं साफ देख पाता हूं कि पाकिस्तान अपने इतिहास में पहली बार अपने घर में चार टेस्ट मैच हारा है.जी हां, इससे पहले ये लोग अपने घर में कभी भी एक साल में चार टेस्ट नहीं हारे थे. और पाकिस्तानी पत्रकारों की मानें तो समस्याएं और भी हैं. और इन समस्याओं में टीम सेलेक्शन जैसी कॉमन चीजें भी शामिल हैं.

हां जी, बॉर्डर पार भी परफेक्ट कंबिनेशन की तलाश चले ही जा रही है. वहां भी कभी कोई सेलेक्ट होता है, तो कभी कोई. और इस कोई-कोई के चक्कर में कई बार ऐसे फैसले हो जाते हैं कि मुल्क की अवाम सर पीट लेती है. और इसके बाद किंग बाबर की कप्तानी. ये तो माशाल्लाह ही है. पेस बोलिंग से लेकर स्पिनर्स तक को बाबर ऐसा यूज करते हैं जैसे मांगकर लाई गई नई-नवेली बाइक.

और बाबर इस बाइक के साथ जो कर रहे हैं, वो पाकिस्तानी फ़ैन्स को ना चैन से सोने दे रहा है और ना जगने. फ़ैन्स करें तो क्या ही करें. समस्याएं तो सॉल्व भी कर ली जाएं लेकिन ये तभी होगा ना जब आप इन समस्याओं को स्वीकारेंगे. सचिन की तरह मानेंगे कि कवर ड्राइव समस्या है, तभी तो इससे पार पाने का रास्ता निकलेगा. अगर आप समस्या को स्वीकार ही नहीं करेंगे, तो रास्ता तो दूर... रास्ते का पत्थर भी सर पटकने के अलावा किसी और काम नहीं आएगा.

वीडियो: FIFA फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप जीतने पर अर्जेंटीना के खिलाड़ियों को कितना पैसा मिला, कहां जमा होगा ये?

Advertisement