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ऐसा इंतजाम करके ये ICC वाले चाहते क्या हैं?

इनका मेजबान चुनने का प्रोसेस क्या है?

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बारिश ने बर्बाद किया वर्ल्ड कप का जरूरी मैच (स्क्रीनग्रैब, एपी)

ICC. मतलब दुनियावी क्रिकेट की मालकिन संस्था. ये क्रिकेट के सबसे बड़े इवेंट्स कराती है. इनमें वनडे वर्ल्ड कप. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप, T20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट आते हैं. इन टूर्नामेंट्स में दुनिया की बेस्ट क्रिकेट टीम्स खेलती हैं. लोग बड़े चाव से इन्हें देखने दुनिया के इस छोर से उस छोर तक चले जाते हैं.

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क्रिकेट के टिकट्स कितने महंगे होते हैं, दुनिया जानती है. यानी अगर आप ग्राउंड जाकर कोई मैच देखना चाहें, तो इसमें वक्त के साथ पैसे भी खूब लगते हैं. और मार्केट के नियम कहते हैं कि आप जितने पैसे देते हैं, आपको उतनी ही बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए. इन सुविधाओं में तमाम तरह की चीजें हो सकती हैं. लेकिन आज सिली पॉइंट में बात उस एकदम बेसिक चीज, यानी क्रिकेट की करेंगे.

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वर्ल्ड कप. हर चार साल पर होने वाला बड़ा इवेंट. जिसकी तैयारियां सालों पहले शुरू हो जाती हैं. इन तैयारियों की शुरुआत मेजबान देश चुनने से होती है. और मेजबान देश चुनते वक्त तमाम चीजें ध्यान में रखी जानी चाहिए. ऐसी उम्मीद हम सभी लोग करते हैं. और ध्यान रखी जाने वाली चीजों में मौसम भी आना चाहिए. आना चाहिए कि नहीं गाइज?

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लेकिन ICC वाले हैं, कि क्लाउड का बेनिफिट लेना ही नहीं जानते. ऐवें ही इवेंट शुरू कर देते हैं. बहुत पीछे ना जाइए. 2019 का वनडे वर्ल्ड कप याद कर लीजिए. वही वाला, जहां हमें हार्टब्रेक मिला. सेमीफाइनल तक हमने ऐसी आंधी चला रखी थी कि कोई सामने खड़ा भी ना हो पा रहा था. लेकिन सेमी में सही वाली आंधी-पानी आ गई. नतीजा, हम हार गए.

फिर आया पहली ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल. भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में कमाल का प्रदर्शन कर फाइनल तक पहुंची थी. और यहां क्या हुआ? बारिश ने पहले दिन का पूरा खेल ही खराब कर दिया. एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी. दूसरे दिन किसी तरह 64 ओवर फेंके गए. यहां भारत ने तीन विकेट खोए. तीसरे दिन भी बारिश का खेल जारी रहा.

चौथा दिन बारिश से धुल गया. पांचवें दिन भी थोड़ा-बहुत खेल हुआ. और फिर छठे यानी एक्स्ट्रा दिन कहीं जाकर मैच का रिजल्ट आया. इस मैच का हाल ऐसा था कि यहां एक्शन से ज्यादा बारिश और गीली आउटफील्ड की अपडेट्स आई थीं. बारिश ना होती तो क्या होता, इस बहस में नहीं पड़ेंगे. लेकिन बारिश हुई तो क्या हुआ, ये दुनिया जानती है.

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और अब T20 वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में हो रहा है. जहां इंडिया वर्सेज पाकिस्तान मैच से पहले सभी की हालत खराब थी. मेलबर्न में खूब बारिश हुई. मैच पर अंत तक संकट रहा. बाद में इंद्रदेव सहाय हुए और किसी तरह पूरा मैच खेला गया. लेकिन समस्या यहीं नहीं खत्म हुई. 26 तारीख, दिन बुधवार को बारिश फिर लौटी. ऐसी लौटी कि धमाकेदार शुरुआत करने वाली इंग्लैंड का नुकसान करा गई.

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पूरे 20 ओवर खेलते तो शायद अंग्रेज जीत भी जाते. लेकिन जब बारिश आई तब वो डकवर्थ लुइस नियम के आधार पर पूरे पांच रन पीछे थे. शायद उन्होंने स्पिरिट ऑफ द गेम का ख्याल रखते हुए इतनी गुंजाइश छोड़ रखी थी. अब इस हार के कई गुनहगार हो सकते हैं. किसी भी प्लेयर की टोपी उछाली जा सकती है. लेकिन भीतर ही भीतर दुनिया जानती है कि पूरे 20 ओवर होते तो कुछ भी हो सकता था.

और यही नहीं, अभी और सुनिए. ये मैच तो गया ही गया. इसके बाद होने वाला अफ़ग़ानिस्तान वर्सेज न्यूज़ीलैंड मैच में तो एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी. ये मैच ऐसे ही रद्द हो गया. न्यूज़ीलैंड का तो ठीक है, लेकिन अपने पहले मैच में हारे अफ़ग़ानिस्तान का तो नुकसान हो गया है? आखिर इस मैच में उन्हें बराबरी का मौका कहां मिला? यहां तो ऐसे ही पॉइंट्स बंट गए. और इसके साथ ही अभी आने वाले मैचेज पर भी संकट के असली वाले बादल मंडरा ही रहे हैं.

इतनी विवेचना के बाद सवाल कायम है, क्या ICC वाले बिना प्लानिंग के इतने बड़े टूर्नामेंट का होस्ट तय कर देते हैं? और अगर ये इनकी प्लानिंग है, तो ठीक ही है. सहते रहेंगे थोड़ा. और कर ही क्या सकते हैं. ICC में कोई अपना बंदा तो है नहीं कि फोन घुमाएं और बोलें- केमोन आचो दादा?

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