कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) IPL में जब दिल्ली कैपिटल्स (DC) के लिए खेल रहे थे, उनके दिमाग में इंग्लैंड टूर (India Tour of England) ही घूम रहा था. ये संयोग ही था कि केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) इस फ्रेंचाइजी के मेंटॉर थे. इंग्लैंड के महान बैटर स्पिन बॉलिंग को बहुत अच्छे से समझते हैं. कुलदीप ने इस अवसर को नहीं गंवाया. उन्होंने पीटरसन से मदद ली. दोनों ने इंग्लैंड की पूरी बैटिंग लाइनअप को एक-एक कर एनेलाइज किया. उनके स्ट्रेंथ और वीकनेस पर घंटों चर्चा की. कुलदीप उनसे सवाल पूछते और पीटरसन उसका जवाब देते. इस पूरे डिस्कशन के बाद पीटरसन ने कुलदीप को सिंपल मंत्र भी दिया.
कुलदीप ने इंग्लैंड की तैयारी IPL में ही शुरू कर दी थी, और मदद की पीटरसन ने
Kuldeep Yadav ने IPL के दौरान ही India Tour of England की तैयारी कर ली थी. इसके लिए उन्होंने DC के मेंटॉर Kevin Pietersen की भी मदद ली थी.

The Indian Express को दिए इंटरव्यू में कुलदीप ने बताया,
DC में केविन पीटरसन हमारी टीम का हिस्सा थे. उन्होंने इंग्लैंड टूर के लिए मुझे बहुत सारे इनपुट दिए. उन्होंने मुझे फील्डिंग पोजीशंस के बारे में बताया. पिच और बैटर्स के बारे में बताया. हमने पूरी बैटिंग लाइनअप पर चर्चा की. उन्होंने मुझे बताया कि इंग्लैंड में क्या माइंडसेट चाहिए. पीटरसन ने कहा कि अमूमन स्पिनर्स इंग्लैंड में डिफेंसिव माइंडसेट के साथ आते हैं. वो सोचते हैं कि इंग्लैंड में फास्ट बॉलर्स को विकेट मिलेगी और वो सपोर्टिंग रोल में होंगे. पीटरसन ने मुझे अटैकिंग माइंडसेट से मैदान में उतरने को कहा. अगर मुझे मौका मिले और 15 से 20 ओवर बॉलिंग करने को मिले, तो मुझे हमेशा ये सोचना है कि बैटर को मैं कैसे आउट कर सकता हूं.
कुलदीप को विकेट लेने का महत्व पता है. उन्होंने कहा,
अपन को कुछ आता नहीं है बॉलिंग के अलावा. अगर आप विकेट नहीं लेंगे, आप इंग्लैंड में अपनी जगह को जस्टिफाई नहीं कर सकते. टीम में आपकी जगह नहीं बनती. मुझे एक बात पता है, आप इंग्लैंड में खेलें या घर पर मुझे बॉल में वो रेव्स और ड्रिफ्ट लाना होगा जिससे मुझे विकेट मिले.
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इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम बार टेस्ट में कुलदीप धर्मशाला में खेले थे. इंडियन टीम ने वो मैच जीता था और कुलदीप ने उस मैच में फाइवफर लिया था. ये भी कुलदीप को पहली पसंद बनाता है. कुलदीप के अनुसार, इंग्लैंड के बैजबॉल अंदाज के खिलाफ वो बहुत असरदार होंगे. कुलदीप ने उस सीरीज को याद करते हुए कहा,
एजबेस्टन में असरदार हो सकतेे हैं कुलदीपउस सीरीज में भी पिच बैटिंग फ्रेंडली थी. टेस्ट मैच 4-5 दिनों के हो रहे थे. इंग्लैंड में कंडीशंस अलग हैं, लेकिन बतौर स्पिनर ये उतना अलग नहीं होगा. इसके अलावा जिस तरह इंग्लैंड की बैटिंग है, मुझे लगता है कि स्पिनर्स बहुत असरदार साबित होंगे.
कुलदीप को आमतौर पर खेलना बैटर्स के लिए आसान नहीं होता. अब ये देखना अहम होगा कि एजबेस्टन में उन्हें प्लेइंग XI में जगह मिलती है या नहीं. टीम इंडिया सीरीज में 0-1 से पिछड़ रही है. टीम के सबसे असरदार बॉलर जसप्रीत बुमराह का एजबेस्टन में खेलना संदिग्ध है. ऐसे में टीम इंडिया को विकेट लेने वाले बॉलर की सख्त जरूरत होगी. कुलदीप का नया आक्रामक बॉलिंग अप्रोच और रिफाइन्ड एक्शन उन्हें पहली पसंद बनाता है. वाइट बॉल से हमने उन्हें इंपैक्ट डालते देखा है. लेकिन, क्या डीप बैटिंग को तरजीह देने वाला इंडियन टीम मैनेजमेंट एक बैटर या ऑलराउंडर को ड्रॉप कर विकेट लेने वाले बॉलर को टीम में जगह देगा ये देखने लायक होगा?
स्थानीय लोगों के अनुसार, एजबेस्टन की पिच धीरे-धीरे स्लो हो जाती है. हेडिंग्ले की पिच जिसमें कोई मदद नहीं थी, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर स्ट्रगल करते नजर आए थे. ऐसे में जब हमारी टीम के पेसर्स असरदार साबित नहीं हो रहे हैं, क्या टीम इंडिया जडेजा और कुलदीप की स्पिन जोड़ी को आजमाएगी? दोनों लेफ्ट आर्मर्स की बॉलिंग शैली बिल्कुल अलग है और यही कारण है कि सीरीज में वह बहुत इंपैक्ट डाल सकते हैं.
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