सर्विकल कैंसर. माने बच्चेदानी के मुंह का कैंसर. औरतों को होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर. पहले नंबर पर ब्रेस्ट कैंसर है. HPV सेंटर के ताज़ा एस्टिमेट के मुताबिक, भारत में हर साल एक लाख 23 हज़ार से ज्यादा औरतें इस कैंसर का शिकार होती हैं और 77 हज़ार से ज्यादा औरतों की मौत इससे होती है. आज सर्विकल कैंसर पर बात क्यों? क्योंकि DCGI यानी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 12 जुलाई को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को सर्विकल कैंसर से बचाने वाला वैक्सीन बनाने की अनुमति दे दी है. ये भारत की पहली क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावाइरस (qHPV) वैक्सीन होगी. आसान भाषा में कहें तो ये भारत में बनने वाली पहली ऐसी वैक्सीन होगी जो सर्विकल कैंसर से बचाएगी.वैक्सीन का नाम होगा- सर्वावैक. अब तक भारत में विदेशों में बनने वाले वैक्सीन्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनकी कीमत काफी ज्यादा है.
बच्चेदानी के मुंह में होने वाले कैंसर की वैक्सीन पुरुषों के लिए क्यों ज़रूरी?
अदार पूनावाला ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट इस साल के अंत में सर्विकल कैंसर की वैक्सीन लॉन्च करेगा.

सर्विकल कैंसर यानी बच्चेदानी या गर्भाशय के मुंह का कैंसर. गर्भाशय का मुंह यानी वो जगह जहां से बच्चा बाहर आता है. ये एक खतरनाक कैंसर है, जिसके बढ़ने पर जान जाने का रिस्क भी बना रहता है. सेहत के एक एपिसोड में कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर विभोर महेंद्रू ने बताया था,
"सर्विकल कैंसर में बच्चेदानी के मुंह पर एक गांठ बनती है जो आसपास के टिश्यूज़ को नष्ट करती है. सर्विकल कैंसर एक वायरस की वजह से होता है. वायरस का नाम है ह्यूमन पैपिलोमा वायरस. HPV. इसके शरीर में घुसने के बाद कैंसर में डेवलप होने में 10-15 साल लगते हैं."
एक बार अगर कैंसर सेल्स बन जाएं तो वो शरीर के अंदर खतरनाक रूप से बढ़ते हैं. डॉक्टर विभोर महेंद्रू ने बताया था कि सर्विकल कैंसर का एक प्री-कैंसर स्टेज भी होता है. और प्री-स्टेज में कैंसर का पता चलने पर उसका इलाज आसानी से हो जाता है. इस कैंसर का पता लगाने के लिए पैप-स्मीयर टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में सर्विक्स के आसापास के लिक्विड को इकट्ठा करके उसकी जांच की जाती है. देखा जाता है कि उसमें कैंसर के सेल्स हैं या नहीं. कैंसर सेल्स का पता चलने पर शुरुआती स्टेज में ही महिला का इलाज शुरू हो जाता है.
यदि कोई महिला सेक्शुअली एक्टिव है तो डॉक्टर हर तीन साल में पैप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह देते हैं.इससे हर तीन साल में स्क्रीनिंग हो जाती है कि सर्विक्स के आसपास के सेल्स में कैंसर के लक्षण तो नहीं हैं.

सर्विकल कैंसर से बचाव के लिए HPV वैक्सीन लगाई जाती है.भारत में फिलहाल दो वैक्सीन्स महिलाओं को लगाई जाती है. दोनों वैक्सीन विदेशी कंपनियों की है. एक है मर्क कंपनी की गार्डासिल और दूसरी है GSK की सर्वरिक्स.
ये वैक्सीन क्या हैं, किसको लगाई जाती हैं, कब लगाई जातीं हैं और इसकी कीमत क्या है, ये जानने के लिए हमने बात की गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर करिश्मा भाटिया से. उन्होंने बताया,
“एचपीवी वैक्सीन वजाइनल वार्ट्स और सर्विकल कैंसर के लिए लगाया जाता है. ये वैक्सीन प्यूबर्टी आने के बाद किसी भी लड़की को लगाई जा सकती है. जितनी जल्दी वैक्सीन लगाई जाए, उतना ज्यादा ये इफेक्टिव होती है. लड़की के सेक्शुअली एक्टिव होने से पहले वैक्सीन लगे तो असर ज्यादा बेहतर होता है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि सेक्शुअली एक्टिव लड़की या महिला ये वैक्सीन नहीं लगवा सकती है. इस वैक्सीन को 11 से 46 की उम्र के बीच की किसी भी महिला को लगाया जा सकता है.”
डॉक्टर करिश्मा ने बताया कि ये वैक्सीन अगर 14 साल से पहले लगाई जाए इसके केवल दो डोज़ काफी होते हैं. हालांकि, उसके बाद तीन डोज़ लगानी पड़ती है. कीमत की बात करें तो डॉक्टर करिश्मा ने बताया कि अभी इंडिया में दो कंपनियों की वैक्सीन्स को वैक्सीन्स को मान्यता मिली हुई है. गार्डासिल और सर्वरिक्स की एक डोज़ 2500 से 3500 रुपये में आती. वहीं, उन्होंने बताया कि भारत में इस वक्त सबसे एडवांस्ड वैक्सीन गार्डासिल 9 है. इस वैक्सीन की कीमत 10,850 है.
क्या वैक्सीन लगाने के बाद कैंसर होने के चांसेस खत्म हो जाते हैं. इस पर डॉक्टर करिश्मा ने कहा,
“ऐसा बिल्कुल नहीं है. वैक्सीन लगाने के बाद भी आपको समय-समय पर कैंसर की स्क्रीनिंग कराते रहना चाहिए. सेक्शुअली एक्टिव महिलाओं को हर तीन साल में पैप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है.”
इसके साथ ही डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि HPV वैक्सीन केवल महिलाओं के लिए नहीं है, पुरुषों को भी ये वैक्सीन लगवानी चाहिए. HPV से सर्विक्स के साथ-साथ वजाइना, वल्वा, पीनस, एनस में भी कैंसर हो सकता है. यानी HPV वैक्सीन आपको केवल सर्विकल कैंसर नहीं, कई और कैंसर्स से बचाती है.
अब सवाल आता है कि क्या Cervavac आम लोगों की बजट में आएगी?जैसा कि डॉक्टर करिश्मा ने बताया गार्डासिल और सर्वरिक्स दोनों ही महंगी वैक्सीन्स हैं. ऐसे में सबसे ज़रूरी सवाल ये है कि क्या सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन लोगों की बजट में आएगी?
सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने अपनी कंपनी के वैक्सीन को लेकर ट्वीट किया था,
"पहली बार एक भारतीय HPV वैक्सीन से सर्विकल कैंसर का इलाज किया जाएगा. ये वैक्सीन अफॉर्डेबल भी होगी और सबकी पहुंच में भी होगी.हम इस वैक्सीन को हम इस साल के अंत में लॉन्च करने वाले हैं. वैक्सीन को अप्रूवल देने के लिए DGCI और स्वास्थ्य मंत्रालय का आभार."
वहां भारत के वैक्सीन थिंक टैंक NTAGI माने नैशनल टेक्निकल एडवाइज़री ग्रुप ऑन इम्युनाइज़ेशन के प्रमुख डॉक्टर एनके अरोड़ा ने सीरम की वैक्सीन को लेकर कहा,
"इस वैक्सीन को लॉन्च करने से पहले केंद्र सरकार पेरेंट्स और स्कूलों के लिए बड़े स्तर पर एक जागरूकता अभियान चलाएगी.फिलहाल HPV वैक्सीन केवल प्राइवेट सेक्टर में उपलब्ध है और एक डोज़ की कीमत 3500 से 4000 रुपये है. हालांकि, वैक्सीन के लिए दो डोज़ ज़रूरी हैं. इसके महंगे होने की वजह से कई लोग अपनी टीनेज बेटियों के लिए इसे खरीद नहीं सकते हैं."
अदार पूनावाला और डॉक्टर अरोड़ा की बात से ये तो साफ है कि सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन आम लोगों की बजट में आएगी. इसके साथ ही इस वैक्सीन को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवा लड़कियां वैक्सीन लगवा सकें और सर्विकल कैंसर से बच सकें.
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