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'ये गलत होगा' बिहार में हुए जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कुमार सरकार पर क्या टिप्पणी की?

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा था कि डेटा गैर-कानूनी तरीके से इकट्ठा किये गए और इसका कोई वैध उद्देश्य भी नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी करने या उन आंकड़ों को लेकर सरकार की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. जाति सर्वे की वैधता के खिलाफ दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वो राज्य सरकार या किसी भी सरकार के नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. इस सुनवाई से पहले बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर को जाति सर्वे का आंकड़ा जारी कर दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर बिहार सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. इस मामले पर अगली सुनवाई जनवरी 2024 में होगी. देखें वीडियो.