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दुनियादारी: टुवालू पर अमेरिका-चीन भिड़ जाएंगे? 12 हज़ार की आबादी वाले देश की कहानी

Tuvalu में कोई पोलिटिकल पार्टी नहीं है. इसलिए सभी लोग स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ते हैं. देश में कुल 16 सीट वाली संसद है. चुनाव के बाद इन्हीं 16 लोगों में से एक को PM बनाया जाता है.

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टुवालू, इस देश का नाम हमें बहुत कम ही सुनने को मिलता है. ये देश साउथ पैसिफ़िक में पड़ने वाला नौ छोटे द्वीपों का समूह है. आबादी लगभग 12 हज़ार, और क्षेत्रफल 26 वर्ग किलोमीटर. लेकिन हम  टुवालू के बारे में क्यों बात कर रहे हैं? क्योंकि टुवालू में सत्ता-परिवर्तन हुआ है. यहां फ़ेलेती तियो को नया प्रधानमंत्री चुना गया है. और, इस बदलाव ने अमेरिका, ताइवान और ऑस्ट्रेलिया की नींद उड़ा दी है. दरअसल, टुवालू ताइवान को मान्यता देने वाले 12 देशों में से एक है. मगर नए प्रधानमंत्री के आने के बाद समीकरण बदलने की आशंका है. कहा जा रहा है कि नई सरकार ताइवान को मान्यता देने पर पुनर्विचार कर सकती है. टुवालू, चीन की ओर झुक सकता है. तो, आज हम जानेंगे,
- टुवालू देश की पूरी कहानी क्या है?
- फ़ेलेती तियो के पीएम बनने से क्या बदलेगा?
- टुवालू की जियो-पॉलिटिक्स में कितनी अहमियत है?

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