अगर डेस्क सजाने का कोई राष्ट्रीय पुरस्कार होता, तो सबसे सुंदर डेस्क का पुरस्कार पक्का अभिषेक को ही मिलता. खिलौने बहुत पसंद हैं. गुड्डा-गुड़िया, रिक्शा, गाड़ी मोटर सब मिल जाएगा इनकी डेस्क पर. काम की कोई चीज़ भले न मिले. धीर-गंभीर व्यक्तित्व और आशिक़-मिज़ाज आदमी. लल्लनटॉप में सोनू कहलाते हैं. खाना बनाने और खिलाने के शौक़ीन. दुनिया-भर की मिठाई खाए हुए हैं और केवल इसी लालच से दुनियादारी के सरपरस्त हैं. क्रिकेट और फ़िल्मों पर ख़ूब बतियाते हैं. वीकेंड में या तो अपने घुप्प अंधेरे कमरे में या मंडी हाउस में कोई नाटक देखते पाए जाते हैं. आधे बिहारी हैं, आधे बनारसी. लेकिन न बिहार की 'बेचारगी' को हवा देते हैं, न बनारस के सौंदर्य का गुणगान करते हैं. और हां साजिद को छुट्टी देने वाले यही हैं!