90 का दशक अभी शुरू हुआ था. मुजफ्फरनगर में एक दवाखाना हुआ करता था. शंकर दवाखाना. दवाखाने का दावा था कि शराब छुड़ा देंगे. यहीं एक लड़का काम करता था. दवाओं की पुड़िया बनाता. काम कंपाउंडर का था, लेकिन लोग उसे डॉक्टर कहते थे. लड़का थोड़ा दबंग था. देखें वीडियो.
AK 47 बेचने वाले गैंगस्टर संजीव जीवा की कहानी, जिसे अपराधी 'डॉक्टर' बुलाते हैं
संजीव जीवा को लेकर पश्चिमी यूपी के शामली जिले से एक खबर आई है.