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ईरान ने जिस अस्पताल पर मिसाइल गिराई, उसके सामने खड़े होकर नेतन्याहू बोले- 'मेरे बेटे की शादी नहीं हो रही'

इज़रायल-ईरान संघर्ष का आज आठवां दिन है. दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष तब शुरू हुआ था जब 12-13 जून की रात इज़रायल ने अचानक एक बड़ा हवाई हमला किया था, जिसमें ईरानी सैन्य ठिकानों, वरिष्ठ अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया था.

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नेतन्याहू ने अपनी पीड़ा की तुलना ब्लिट्ज़ से की. (Reuters)

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध के दौरान अपने पारिवारिक ‘बलिदान’ की गाथा गाई है. नेतन्याहू का कहना है कि युद्ध की वजह से उनके बेटे अवनेर नेतन्याहू की शादी दूसरी बार टालनी पड़ी है. बेर्शेवा के मिसाइल हमले से क्षतिग्रस्त अस्पताल के बाहर खड़े नेतन्याहू ने कहा,

“लोग मारे गए हैं, परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है. मैं इस दर्द को समझता हूं. मेरा परिवार भी इससे अछूता नहीं रहा है. यह दूसरी बार है जब मेरे बेटे अवनेर को शादी रद्द करनी पड़ी है... उसकी मंगेतर भी दुखी है, और मेरी पत्नी सारा व्यक्तिगत पीड़ा सह रही है.”

नेतन्याहू ने अपनी पीड़ा की तुलना 'ब्लिट्ज़' से की. वर्ल्ड वॉर II के दौरान नाज़ी जर्मनी ने ब्रिटेन पर सैन्य अभियान के तहत लगातार बम बरसाए थे. इसी दौर को ब्लिट्ज़ कहा जाता है. इजरायल के हमले के बाद अब ईरान का जवाबी हमला नेतन्याहू को ब्लिट्ज लग रहा है. उन्होंने कहा कि यह संघर्ष उन्हें ब्रिटेन के लोगों की याद दिलाता है जब वे ब्लिट्ज के दौर से गुज़र रहे थे. 

द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू के इस बयान खुद इजरायल के नागरिकों को हैरान कर दिया है. आम लोगों से लेकर युद्ध पीड़ितों और पत्रकारों ने उन पर तंज कसा है. एक इजरायली पत्रकार अमीर टिबोन ने कहा,

“नेतन्याहू ने ये कह कर हमें बिल्कुल हैरान नहीं किया है. जिस वक्त उन्हें निजी तौर पर उदाहरण पेश करने की जरूरत थी, तब वे सबसे पहले अपने लिए ही चिंतित दिखे.”

ईरान ने दक्षिणी इज़रायल के बेर्शेवा शहर में स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर को निशाना बनाया था. हालांकि ईरान का तर्क है कि उसने इस अस्पताल के नजदीक बने सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया. हमले के बाद नेतन्याहू इसी अस्पताल के दौरे पर गए थे. यह अस्पताल पूरे दक्षिणी इलाके का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां 1,000 से ज्यादा बेड हैं और यह लगभग 10 लाख लोगों को इलाज मुहैया कराता है.

इज़रायल-ईरान संघर्ष का आज आठवां दिन है. दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष तब शुरू हुआ था जब 12-13 जून की रात इज़रायल ने अचानक एक बड़ा हवाई हमला किया जिसमें ईरानी सैन्य ठिकानों, वरिष्ठ अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया था. 

19 जून को द हिंदू अखबार ने वॉशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार संगठन के हवाले से लिखा था कि ईरान में कम से कम 639 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 263 आम नागरिक शामिल हैं. इसके अलावा 1,300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. वहीं इजरायली सरकार के मुताबिक ईरान की तरफ से दागी गई मिसाइलों और ड्रोन्स से कम से कम 24 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.

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