ईरान और इजरायल विवाद (Iran Israel Conflict) के बीच कतर में मौजूद एक अहम अमेरिकी एयरबेस से अमेरिका ने अपने विमानों को हटाना शुरू कर दिया है. कहा जा रहा है कि यह ईरानी हमलों से अपने मिलिट्री विमानों को बचाने के लिए उठाया गया एक कदम है. 5 जून से 19 जून के बीच ली गई प्लैनेट लैब्स पीबीसी की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि कभी खचाखच भरा क़तर का अल उदीद एयरबेस (Al Udeid Air Base) अब लगभग पूरी तरह से खाली हो गया है. ये मिडिल-ईस्ट में अमेरिका का सबसे बड़ा मिलिट्री बेस है. 5 जून को यहां सी-130 हरक्यूलिस (C-130 Hercules) ट्रांसपोर्ट विमानों और उन्नत टोही जेट्स सहित लगभग 40 विमान खड़े थे. 19 जून आते-आते यहां केवल तीन विमान ही बचे थे.
अमेरिका को सताने लगा ईरानी मिसाइलों का डर? मिडिल ईस्ट के सबसे बड़े एयरबेस से हटा लिए विमान
कतर में अपने एयरबेस से अमेरिका ने विमानों को हटाना शुरू कर दिया है. कहा जा रहा है कि यह ईरानी हमलों से अपने मिलिट्री विमानों को बचाने के लिए उठाया गया एक कदम है.

इंडिया टुडे ने समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया कि इस बीच कतर में मौजूद अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को घोषणा की कि क्षेत्र में चल रही दुश्मनी के मद्देनजर एयरबेस तक विमानों की पहुंच को सीमित कर दिया जाएगा. अमेरिका ने सभी कर्मचारियों से ‘अधिक सतर्कता बरतने’ का आग्रह किया है.
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मिडिल-ईस्ट में अमेरिकी सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं. सैन्य परिवारों को संभावित ईरानी हमले के खिलाफ एहतियात के तौर पर स्वेच्छा से ठिकानों को छोड़ने का विकल्प दिया गया है. पूरे क्षेत्र में लगभग 40 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. आमतौर पर इस क्षेत्र में 30 हजार के लगभग सैनिक मौजूद रहते हैं.
अक्टूबर 2024 में इजरायल और ईरान के बीच हुए तनाव के दौरान और लाल सागर में मर्चेंट और मिलिट्री जहाजों पर बार-बार हूती हमलों के जवाब में इस संख्या को कुछ समय के लिए बढ़ाकर 43 हजार किया गया था. अभी तक पेंटागन ने अतिरिक्त बलों के मूवमेंट पर टिप्पणी नहीं की है. लेकिन इस बात पर जोर दिया है कि ईरान के साथ जो भी स्थिति होगी, उसके आधार पर अमेरिकी कर्मचारी तेजी से किसी भी बदलाव के लिए तैयार हैं.
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