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2 कंपनियां, 7 राज्य, ठगे 2280 करोड़ रुपये, किसी को भनक न लगी, अब ऐसे खुला राज

MP STF Busts 2280 Crore Investment Scam: मध्य प्रदेश की STF ने सोशल मीडिया के जरिए निवेशकों को लालच देकर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. दिल्ली से दो मुख्य आरोपियों मदन मोहन कुमार और दीपक शर्मा को गिरफ्तार किया गया है. STF ने और क्या-क्या बताया?

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दिल्ली से दो लोगों की गिरफ़्तारी हुई है. (प्रतीकात्मक फ़ोटो- PTI)

मध्य प्रदेश स्पेशल टास्क फ़ोर्स (STF) ने ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट से जुड़ी ठगी के आरोप में दो लोगों को गिरफ़्तार किया है. आरोप है कि इन ठगों ने निवेशकों से 2283 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है. STF ने क़रीब 90 करोड़ रुपये को फ्रीज भी किया है. जो अलग-अलग कंपनियों के 20 से ज़्यादा संदिग्ध बैंक अकाउंट्स में जमा थे.

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STF अधिकारियों के मुताबिक़, आरोपी बॉटब्रो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के ज़रिए छह से आठ फ़ीसदी मासिक रिटर्न का झूठा वादा करते थे. गिरफ़्तार आरोपियों के नाम दीपक शर्मा और मदन मोहन कुमार हैं. इन्होंने मध्य प्रदेश समेत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, असम में करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया है.

कैसे खुला मामला?

दैनिक भास्कर इंग्लिश के इनपुट के मुताबिक़, इंदौर के रहने वाले ईशान सलूजा ने सबसे पहले इसकी शिकायत की थी. ईशान ने आरोप लगाया कि उसे यॉर्कर FX और यॉर्कर कैपिटल नाम की कंपनियों में निवेश करने के लिए कहा गया. झांसा दिया गया कि अगर वो इसमें निवेश करता है, तो उसे हर महीने छह से आठ फ़ीसदी का ‘निश्चित मुनाफा’ होगा.

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आजतक से जुड़े रवीश पाल सिंह की ख़बर के मुताबिक़, आरोपियों ने ईशान से रैनेट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड में 10 हज़ार जमा कराए. वहीं, किंडेंट बिजनेस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड में 8 हज़ार रुपये जमा कराए. इसके अलावा, दिल्ली से इंदौर आने के बाद उससे 20.18 लाख रुपये नकद ले लिए.

शिकायत मिलने के बाद, BNS की धारा 318 (4), 111, 61 और अन्य क़ानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया. स्पेशल डीजी पंकज कुमार श्रीवास्तव और इंदौर के STF एसपी नवीन कुमार चौधरी के नेतृत्व में जांच शुरू हुई. जिसमें पता चला कि आरोपियों ने फॉरेक्स ट्रेडिंग में फ़ायदे का वादा करके कई निवेशकों को धोखा दिया.

एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक़, जनवरी, 2023 से दिसंबर, 2024 के बीच रैनेट को करीब 1,580 करोड़ रुपये मिले. जबकि किंडेंट ने 702 करोड़ रुपये की रकम ली. हालांकि दोनों कंपनियों ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) को काफी कम फाइनेंशियल एक्टिविटी की सूचना दी.

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आरोप है कि ये लोग ठगी से मिली रकम को डॉलर में कन्वर्ट कर फोरेक्स मार्केट में ट्रेडिंग करते थे. आरोपियों के संदिग्ध बैंक अकाउंट्स में जमा राशि लगभग 90 करोड़ रुपये एसटीएफ ने फ्रीज किए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि कोई भी कंपनी RBI या सेबी के पास NBFC या भुगतान एग्रीगेटर के रूप में रजिस्टर्ड नहीं थी. इस सम्बन्ध में ED भी FEMA एक्ट के अंतर्गत जांच कर रही है. इस संबंध में सात राज्यों में 12 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं. STF अधिकारियों ने कहा कि जांच चल रही है. इन कंपनियों के संभावित अंतरराष्ट्रीय संबंधों की भी जांच की जा रही है.

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