इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई (Iran Supreme Leader Khamenei) के कुछ पुराने एक्स पोस्ट वायरल हैं. सोशल मीडिया यूजर्स संकट की स्थिति में शामिल इस नेता की एक अलग छवि पेश कर रहे हैं. उनके पुराने पोस्ट में औरतों की आजादी और उनके अधिकारों का जिक्र है. साथ ही उन्होंने कविताओं और अश्वेत लोगों के अधिकारों के लिए भी लिखा था. एक पोस्ट में तो वो ‘लव गुरु’ के अंदाज में प्रेम से जुड़ी सलाह भी दे रहे हैं.
'औरत फूल की तरह... ', युद्ध के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई का ये बयान क्यों वायरल हो रहा?
Iran के सुप्रीम लीडर Ayatollah Ali Khamenei के कुछ पुराने पोस्ट वायरल हैं. वो प्रेम, महिलाएं, कविताएं और पंडित जवाहरलाल नेहरू की किताब के बारे में लिख चुके हैं. लेकिन ये सब अब क्यों वायरल हो रहा.

इजरायल और ईरान लगातार एक-दूसरे को खत्म कर देने की धमकी दे रहे हैं. इस स्थिति में सोशल मीडिया पर लोगों ने खामेनेई के पुराने बयानों को खोज निकाला है. मसलन कि 16 सितंबर 2013 को उन्होंने लिखा था,
आदमी की ये जिम्मेदारी है कि वो औरतों की भावनाओं और उनकी जरूरतों को समझे. उनकी भावनात्मक स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा,
औरतें मर्दों से ज्यादा ताकतवर हैं. वो अपनी बुद्धि और विनम्रता से मर्दों को पूरी तरह नियंत्रित और प्रभावित कर सकती हैं.

26 अप्रैल 2015 को खामेनेई ने अश्वेत लोगों के बारे में लिखा,
वो गुलामी खत्म होने की खुशी मनाते हैं लेकिन इस तरह के अपराध अश्वेतों के खिलाफ किए जाते हैं.

एक और पुराने पोस्ट में खामेनेई औरतों की बात करते हुए लिखते हैं,
औरतें फूल की तरह होती हैं. पुरुष उस फूल की प्रशंसा करने की बजाए उसके साथ हिंसा करता है, ये कितनी बुरी बात है.
इस पुराने पोस्ट पर 20 जून 2025 को एक यूजर ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा,
आशिक बनने के लिए पैदा हुए थे (खामेनेई), लेकिन मजबूरी में सुप्रीम लीडर बनना पड़ा.

एक पोस्ट में खामेनेई अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए लिखते हैं,
जब मैं पहले दिन स्कूल में क्लोक (ड्रेस के ऊपर पहने जाने वाला एक ढीला-ढाला कपड़ा) पहनकर गया, तो बच्चों के सामने बहुत असहज हो गया था. लेकिन मैंने अपनी शरारत और चंचलता से स्थिति को सामान्य बना दिया.

2015 में ईरानी सुप्रीम लीडर ने लिखा,
सिनेमा और विजुअल आर्ट्स में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है. लेकिन जब कविता और उपन्यास की बात आती है तो मैं कोई आम दर्शक नहीं रह जाता.

2013 के एक पोस्ट में खामेनेई ने पंडित जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया था. उन्होंने लिखा,
पंडित जवाहरलाल नेहरू की किताब ‘ग्लिमसेस ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री’ पढ़ने से पहले मुझे पता ही नहीं था कि भारत के उपनिवेश बनने से पहले उसकी इतनी उन्नति हुई थी.

खामेनेई कई दशकों से ईरान के सुप्रीम लीडर बने हुए हैं.
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