इजरायल ने ईरान के एक और न्यूक्लियर साइंटिस्ट को मारने का दावा किया है. उसने बताया है कि शुक्रवार 20 जून को तेहरान में एक बिल्डिंग पर हुए हमले में ईरान के परमाणु वैज्ञानिक की मौत हो गई. इजरायल के सरकारी चैनल KAN और कुछ दूसरे मीडिया चैनल को इजरायल के एक अधिकारी ने बताया कि ये हमला तेहरान के गीशा इलाके में IDF ने किया था. इसका मकसद ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम से जुड़े वैज्ञानिक को निशाना बनाना था. हालांकि, इजरायली सेना ने इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
इजरायल ने ईरान के एक और परमाणु वैज्ञानिक को मारने का दावा किया, नाम पूछा तो नहीं बताया
इजरायल के हमले में ईरान के एक परमाणु वैज्ञानिक की मौत हो गई. तेहरान के गीशा इलाके में एक बिल्डिंग पर ये हमला किया गया था.

‘टाइम्स ऑफ इजरायल’ ने वॉलस्ट्रीट जर्नल के हवाले से बताया कि जिस परमाणु वैज्ञानिक पर हमला हुआ, वह हथियारों के एक्सपर्ट थे. उन्हें सेफहाउस में रखा गया था. हालांकि, जर्नल से बात करने वाले अधिकारी ने मारे गए साइंटिस्ट का नाम बताने से इनकार कर दिया.
परमाणु वैज्ञानिक की हत्या का ये मामला इजरायल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ के उस आदेश के बाद आया है, जिसमें उन्होंने सेना को तेहरान में ‘शासन के निशानों’ (Symbols of regime) पर हमले और तेज करने को कहा है ताकि अयातुल्ला खामेनेई की सरकार को कमजोर किया जा सके.
काट्ज ने कहा,
हमें ईरान सरकार के हर निशान और जनता पर जुल्म करने वाले तंत्रों जैसे- बसीज मिलिशिया और रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स जैसी ताकतों पर हमला करना होगा.
ये हमला तब हुआ है जब एक दिन पहले सूत्रों ने ‘The Jerusalem Post’ को बताया था कि इजरायली सेना ने ईरान के लगभग आधे (50 से 70 प्रतिशत तक) बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर तबाह कर दिए हैं. इसका मतलब ये है कि अगर ईरान के पास अभी भी 15 हजार मिसाइलें बची हैं, तब भी वो एक बार में सिर्फ 10-30 मिसाइलें ही चला पाएगा.
ईरान और इजरायल के बीच जंग के हालात अभी और बिगड़ने के आसार हैं. इजरायल के समर्थन में अमेरिका लगातार ईरान को ‘चेतावनी’ दे रहा है. बताया जा रहा है कि अगले दो हफ्तों में अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ये तय करेंगे कि अमेरिका इस जंग में शामिल होगा या नहीं. ट्रंप ने बीते दिनों धमकी भरे लहजे में कहा था कि अमेरिका और इजरायल दोनों को पता है कि खामेनेई कहां छिपे हुए हैं. लेकिन वह उन्हें अभी मारने नहीं जा रहे हैं.
इसके बाद अपने गोपनीय ठिकाने से ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका को चेतावनी दी कि अगर वह इस जंग में कूदा तो उसे ऐसा नुकसान झेलना पड़ेगा, जिसकी भरपाई नहीं हो पाएगी. खामेनेई ने ट्रंप से ये भी कहा कि वह धमकियां देना बंद करें क्योंकि ईरान धमकियों से नहीं डरता.
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