थिएटर के कुछ मशहूर नामों का ज़िक्र जब भी आता है. उसमें से एक होते हैं हबीब तनवीर. हबीब तनवीर ख़ुद को आदि-रंगकर्मी कहते थे. ‘चरणदास चोर’ नाटक को क्लासिक बनाने में हबीब तनवीर की कोशिशें काम आईं. इसके अलावा हबीब तनवीर के मुख्य नाटक ‘आगरा बाज़ार’ और ‘शतरंज के मोहरे’ रहे. दिल्ली आने के बाद हबीब तनवीर बाक़ी लेखकों के साथ करोलबाग के मद्रास कैफे में बैठकी लगाते थे. देखिए वीडियो.
इबारत: हबीब तनवीर की वो 10 बातें, जो आज भी उतनी ही वज़नदार हैं जितनी तब थीं
‘चरणदास चोर’ नाटक को क्लासिक बनाने के पीछे हबीब तनवीर ही थे.
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