सीएम योगी आदित्यनाथ के ये तगड़े नियम जानकर उनके मंत्रियों ने अकेले में गाल ना फुला लिए हों
इन नियमों की चर्चा हर तरफ हो रही है.
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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों के लिए नए नियम बनाए हैं. (फोटो: पीटीआई)
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का शपथग्रहण हो चुका है. मंत्रियों को उनके विभाग भी दे दिए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उनकी सरकार प्रदेश के विकास के लिए पूरी तरह से समर्पित होगी. इस बीच योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों के लिए नए नियम बनाए हैं. मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक इन नियमों की चर्चा हो रही है.
बिना जानकारी यूपी से बाहर नहीं
नियमों के मुताबिक यूपी सरकार के मंत्रियों को अब बिना जानकारी दिए राज्य से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी. अगर मंत्रियों को यूपी से बाहर जाना है, तो ऐसा करने से पहले उन्हें इसकी जानकारी सरकार और पार्टी को देनी होगी. साथ ही साथ मंत्री अब अपने मन मुताबिक बड़ी गाड़ियों, घरों और दफ्तरों में फर्नीचर पर पैसे नहीं खर्च कर पाएंगे. इंडिया टुडे से जुड़े कुमार अभिषेक की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी सरकार के मंत्रियों को उनके काम का टारगेट दे दिया गया है. उनको 100 दिन के भीतर अपने काम की स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रियों के कार्यों की समीक्षा करेंगे और उन्हें बताएंगे कि आगे क्या और कैसे करना है. मंत्रियों के लिए एक नियम ये भी बनाया गया है कि उन्हें कैबिनेट में पेश होने वाले प्रस्तावों को खुद की पेश करना होगा. उनके विभाग के प्रमुख और उनके सचिव ऐसा नहीं करेंगे. वो अब सिर्फ सहायता के लिए मौजूद रहेंगे.
नहीं मिलेंगे पसंद के सचिव
मुख्यमंत्री की बैठकों से जुड़ा भी एक नियम बनाया गया है. इस नियम के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ होने वाली बैठकों में सिर्फ अपर सचिव और प्रमुख सचिव ही विभाग की जानकारी देंगे. सचिव स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री के सामने ब्रीफिंग नहीं करेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रियों को अब उनकी पसंद के निजी सचिव भी नहीं मिलेंगे. उनको निजी सचिव देने के लिए अधिकारियों का एक पूल बनाया गया है. इसके तहत मंत्रियों को रोटेशन के आधार पर निजी सचिव दिए जाएंगे. कहा जा रहा है कि ये व्यवस्था मंत्रियों और अफसरों के स्तर पर भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए बनाई गई है. एक और नियम है. लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक योगी सरकार के मंत्रियों को अपनी पसंद का निजी स्टाफ रखने की अनुमति नहीं होगी. उन्हें एक खास सूची दी जाएगी. उसी से उन्हें अपना स्टाफ चुनना होगा. खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से इस नई व्यवस्था को हरी झंडी भी मिल गई है. इसमें स्टाफ का चुनाव डिजिटल तरीके से किए जाएगा और मंत्रियों को उम्मीदवारों की सूची में से ही अपना स्टाफ चुनना होगा. खबर के मुताबिक ये सूची कंप्यूटरी लॉटरी के जरिए तैयार की गई है. इसमें बीते पांच सालों में किसी भी मंत्री के साथ काम कर चुके सपोर्ट स्टाफ को शामिल नहीं किया गया है.
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