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'क्रिकेट हो रहा लेकिन करतारपुर साहिब की यात्रा नहीं', पंजाब के नेताओं ने पूछा- 'ये कैसी दोहरी नीति?'

गृह मंत्रालय की तरफ से यह एडवाइज़री 12 सितंबर को जारी की गई थी. सरकार ने इसके पीछे सुरक्षा कारण बताए. उसने खास तौर पर पाकिस्तान से बढ़े तनाव का हवाला दिया. इसी साल अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी बनी हुई है.

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गृह मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देकर यात्रा रोकने की एजवाइज़री जारी की है.
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कमलजीत संधू

“पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच हो सकता है तो करतारपुर साहिब और ननकाना साहिब की यात्रा क्यों नहीं हो सकती?”

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यह सवाल आया है पंजाब से. क्योंकि केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है कि सिख जत्थे नवंबर में गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर पाकिस्तान के ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब ना जाएं.

गृह मंत्रालय की तरफ से यह एडवाइज़री 12 सितंबर को जारी की गई थी. सरकार ने इसके पीछे सुरक्षा कारण बताए. उसने खास तौर पर पाकिस्तान से बढ़े तनाव का हवाला दिया. इसी साल अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी बनी हुई है.

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14 सितंबर को ही दुबई में भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमों के बीच एशिया कप का मैच खेला गया. इसी वजह से पंजाब के राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने करतारपुर साहिब को लेकर सरकार की एडवाइजरी पर सवाल उठाया. कहा गया कि सरकार क्रिकेट खेलने की इजाजत तो देती है, लेकिन धार्मिक यात्रा पर रोक लगा रही है. इन नेताओं का कहना है कि इससे हजारों श्रद्धालु प्रभावित होंगे, जो हर साल गुरपुरब पर पड़ोसी मुल्क के इन पवित्र स्थलों की यात्रा करते हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र 'दोहरी नीति' अपना रहा है. मान ने सवाल किया,

“जब पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच हो सकते हैं तो फिर श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब और ननकाना साहिब जाने से क्यों रोका जा रहा है?”

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सीएम मान ने कहा कि ये दोनों स्थल आस्था के केंद्र हैं, न कि राजनीति या कारोबार की जगह. उन्होंने कहा, 'राजनीति और क्रिकेट इंतजार कर सकते हैं, लेकिन भक्ति नहीं.'

वहीं शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर अपील की कि इस आदेश पर दोबारा विचार किया जाए. उन्होंने कहा कि सिख श्रद्धालुओं को रोकना उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा. बादल ने मांग की है कि करतारपुर कॉरिडोर फिर से खोला जाए ताकि श्रद्धालु वहां जा सकें.

कांग्रेस नेता और पूर्व ओलंपियन परगट सिंह ने भी केंद्र सरकार पर “दोहरा रवैया” अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार कभी क्रिकेट, व्यापार और फिल्मों में पाकिस्तान से रिश्ते बना लेती है और कभी तोड़ देती है, लेकिन सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्राओं में दखल देती है.

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने भी करतारपुर कॉरिडोर खोलने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह पवित्र स्थल सिखों की आस्था और भावनाओं से जुड़ा है और यह आपसी प्यार और सांझी विरासत का प्रतीक है. भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों को चाहिए कि वे श्रद्धालुओं को इस यात्रा की अनुमति दें.

इस पूरे मसले पर बीजेपी प्रवक्ता आरपी सिंह का बयान भी आया. उन्होंने कहा, “इस मामले में राजनीति करना ठीक नहीं है. क्या पंजाब की सरकार लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगी? जो लोग क्रिकेट मैच को धार्मिक यात्रा से जोड़ रहे हैं उन्हें ये मालूम होना चाहिए कि मैच दुबई में था पाकिस्तान में नहीं.”

बीजेपी प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि अगर कोई असुरक्षा की स्थिति पैदा होती है तो जिम्मेदारी कौन लेगा.

वीडियो: क्या है करतारपुर कॉरिडोर जिस पर हल्ला मचा है और नवजोत सिद्धू लपेटे में आ गए!

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