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क्या है ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स, जिसमें हमारी उम्र बढ़ रही लेकिन पढ़ाई-लिखाई घट रही

ये भी जानिए कि इसमें भारत की क्या पोजीशन है.

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भारत में जब कोई बच्चा पैदा होता है तो उसकी संभावित स्कूलिंग 12.2 साल की होती है. (सांकेतिक फोटो- PTI)
ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स-2020 में भारत 131वें नंबर पर है. पिछले साल यानी कि 2019 में हम लिस्ट में 129वें नंबर पर थे. यानी इस साल दो पायदान नीचे आ गए हैं. ये कौन सी लिस्ट है? किस आधार पर तैयार होती है? पहले नंबर पर कौन सा देश है? जिन देशों से हम प्रत्यक्ष तौर पर बा-वास्ता हैं, उनकी क्या स्थिति है? आइए जानते हैं.

ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स है क्या?

अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज कहते हैं –
“विकास का मतलब केवल GDP या लोगों की आय को बढ़ा देना नहीं है. ये तो आर्थिक वृद्धि हुई. लेकिन विकास का मतलब है कि स्वास्थ्य, शिक्षा, लोकतंत्र, सामाजिक सुरक्षा जैसे मसलों पर हम कितना आगे बढ़े.”
दुनिया के अलग-अलग देशों में विकास को इन्हीं पैरामीटर्स पर परखा जा सके, इसके लिए हर साल तैयार किया जाता है- ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स (HDI). इसे जारी किया जाता है संयुक्त राष्ट्र डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) की ओर से. HDI की वेबसाइट है- http://hdr.undp.org/en. यहां जाएंगे तो आपको इंडेक्स जारी करने का मकसद जानने को मिलेगा. लिखा है –
“HDI तैयार किया जाता है ताकि किसी देश के विकास को सिर्फ उसकी आर्थिक वृद्धि से न तौला जाए. बल्कि ये देखा जाए कि वहां के लोगों की क्षमताओं का कितना इस्तेमाल किया जा रहा है. इंडेक्स के जरिए ये भी पता चलता है कि अलग-अलग देशों में सरकार की नीतियां कितना कारगर हैं. इससे ये पता चलता है कि अलग-अलग देशों में लोग कितनी लंबी और सेहतमंद ज़िंदगी जी रहे हैं. उनके पास कितना ज्ञान है और रहने-सहने का स्तर कैसा है.”

कैसे तैयार होता है इंडेक्स?

ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स तैयार करने के तीन पैरामीटर होते हैं. 1. Life – किसी देश के लोगों की जीवन प्रत्याशा देखी जाती है. अंग्रेज़ीदां लोगों के लिए- Life Expectancy. माने उस देश में जब कोई बच्चा पैदा होता है तो उसकी औसतन कितनी आयु होने की उम्मीद रहती है. 2. Knowledge – देश के लोग औसतन कितने साल स्कूलिंग कर रहे हैं. 3. Living – रहने-सहने का स्तर. इसको ग्रॉस नेशनल इनकम (GNI) पर कैपिटा से तौला जाता है. इन तीन कैटेगरी को मिलाकर बनता है इंडेक्स.

भारत की स्थिति

भारत 131वें नंबर पर है. Life Expectancy at birth यानी जन्म के समय जीवन प्रत्याशा है 69.7 बरस. ये 2019 में 69.4 साल थी. यानी जीवन प्रत्याशा में मामूली सी बेहतरी हुई है. भारत में जब कोई बच्चा पैदा होता है तो उसकी संभावित स्कूलिंग 12.2 साल की होती है. 2019 में ये नंबर था- 12.3 साल. यानी पढ़ाई-लिखाई में हम थोड़ा पीछे खिसके हैं.  ग्रॉस नेशनल इनकम (GNI) पर कैपिटा है- 6,681 डॉलर सालाना. यानी करीब 4.91 लाख रुपए प्रति व्यक्ति सालाना कमाई (टैक्स देने से पहले). ये भी पिछली बार की तुलना में कम हुई है.

साल

जीवन प्रत्याशा

स्कूलिंग

GNI पर कैपिटा

2020
69.7
12.2
4.91
2019
69.4
12.3
 5.02
(जीवन प्रत्याशा और संभावित स्कूलिंग- बरस में. GNI पर कैपिटा- लाख रुपए में.)

बाकी देशों की स्थिति

इंडेक्स में इस साल टॉप-3 देश हैं- नॉर्वे, आयरलैंड और स्विट्जरलैंड. पिछले साल भी नॉर्वे ही नंबर-1 था. स्विट्जरलैंड नंबर-2 और आयरलैंड नंबर-3 पर था. UK और USA पिछले साल नंबर-15 और नंबर-16 थे. इस साल UK नंबर-13 पर आ गया है, जबकि USA नंबर-17 पर चला गया है. चाइना पिछले साल भी नंबर-85 पर था, इस साल भी. पाकिस्तान 152वें नंबर से गिरकर 154 पर आ गया है. अफ्रीकी देश नाइजर 189 देशों की इस लिस्ट में आख़िरी पायदान पर है.

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