हमें सेहत पर आप लोगों के कई सारे ईमेल आते हैं. इस समय आ रहे ईमेल्स में 90 प्रतिशत कोविड से जुड़ी जानकारी के लिए होते हैं. हम कोशिश करते हैं कि आपकी सारी हेल्थ प्रॉब्लम्स का एक्सपर्ट से पूछकर जवाब दें. पिछले एक महीने में हमें हेयर लॉस यानी बाल झड़ने की समस्या से जुड़े कई मेल मिले. ये थोड़ा अजीब था. इतने सारे लोगों को एक साथ हेयर लॉस कैसे हो रहा है. एक बात और, ये सभी लोग कोविड से रिकवर हुए थे.
हमने जब इस पर रिसर्च की तो पता चला ये वाकई कोविड के दौरान होने वाला एक साइड इफ़ेक्ट है. दुनियाभर में कोविड पर जीत हासिल करने के बाद कई लोगों को ज़बरदस्त हेयर लॉस हो रहा है. बाल झड़ रहे हैं. गुच्छों में बाल टूट रहे हैं. कई लोगों को अलग-अलग तरह के स्किन इन्फेक्शन हो रहे हैं. हम ब्लैक फंगस या वाइट फंगस की बात नहीं कर रहे. ये रैशेज की तरह हैं. तो हमने एक्सपर्ट्स से पूछा- क्या हेयर लॉस, स्किन इन्फेक्शन और कोविड के बीच में कोई कनेक्शन है क्या? जवाब जान लीजिए. कोविड के बाद हेयर लॉस क्यों हो रहा है? ये हमें बताया डॉक्टर पंकज ने.

डॉक्टर पंकज चतुर्वेदी, एमडी, डर्मेटोलॉजिस्ट, मेडलिंक्स, नई दिल्ली
-कोविड से ठीक होने के बाद हेयर लॉस एक बड़ी समस्या है
-इसके पीछे कारण है एक कंडीशन, जिसे कहते हैं टीलोजेन एफ्लुवियम
-बालों का जो साइकिल है, उसमें डिस्टर्बेन्स होने की वजह से बाल गिरते हैं
-ये समस्या कोविड के छह से आठ हफ़्ते बाद शुरू होती है और दो से तीन महीने तक चलती है
-सिर्फ़ कोविड ही नहीं, हर वह बीमारी जिसमें तेज़ बुखार आता है, शरीर कमज़ोर होता है, उनमें ये प्रॉब्लम देखने को मिलती है
-अगर कोविड के लक्षण गंभीर या मध्यम दर्जे के रहे हैं तो ऐसा होगा
-जब बुखार होता है तब बालों का ग्रोइंग फेज़ एकदम से शेडिंग फेज़ में चला जाता है
-क्योंकि उस वक्त शरीर को बालों की सख्त ज़रूरत नहीं होती है इसलिए शरीर अपनी सारी एनर्जी ज़रूरी अंगों की तरफ़ भेजती है और बालों को छोड़ देती है
-ये समस्या 3 से 6 महीने में खुद ठीक हो जाती है
-इसके लिए किसी ख़ास इलाज की ज़रूरत नहीं होती
-बस, अपनी डाइट का ध्यान रखें
-प्रोटीन, विटामिंस, हरी सब्जियां खाएं
-ज़्यादातर बाल जो गिरे हैं, वो वापस आ जाते हैं
-कुछ प्रतिशत लोग हैं, जिनका हेयर फॉल रुकता नहीं है, उनको इलाज की ज़रूरत पड़ती है
-इसके लिए कई तरह के इलाज उपलब्ध हैं

-सबसे अच्छा इलाज है PRP थेरेपी यानी प्लेटलेट रिच प्लाज्मा
-इसमें ब्लड सैंपल लिया जाता है, ग्रोथ फैक्टर को अलग किया जाता है
-फिर इन ग्रोथ फैक्टर को इंजेक्शन से खोपड़ी में इंजेक्ट किया जाता है
-ये ग्रोथ फैक्टर आपके बालों की साइकिल को रीसेट करते हैं
-इनके अलावा कई मल्टीविटामिंस और सप्लीमेंट भी सजेस्ट किए जाते हैं
-इसका इलाज मुमकिन है, परेशान न हों कोविड के बाद कैसे स्किन इन्फेक्शन हो रहे? -कोविड के बाद कोई ख़ास तरह का स्किन इन्फेक्शन आमतौर पर देखने को नहीं मिलता
-लेकिन कई लोगों को एक्ने, पीठ और चेहरे पर पर दाने हो गए हैं, वो ठीक नहीं हो रहे, निशान छोड़ रहे हैं
-जिन लोगों को परेशानी हो रही हैं, उसके पीछे ज़्यादातर कोविड का इलाज ज़िम्मेदार है
-कोविड के इलाज में स्टेरॉयड दिए जा रहे हैं जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है
-इसके लिए इलाज उपलब्ध है
-कुछ दवाइयां जो बाज़ार में मिलती हैं जैसे बेंजोइल पेरोक्साइड, क्लींडामाइसिन, सैलिसिलिक एसिड वाले फ़ेस वॉश

-अगर ये एक्ने ज़्यादा है और ऐसे दवाइयों से ठीक नहीं हो रहा तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें
-कई लोगों में एलर्जी भी हो रही है, जिसे अर्टिकरिया बोलते हैं. अर्टिकरिया यानी पित्ती उछलना, ये इम्यून रिस्पांस की वजह से होता है
-ये उन लोगों में भी देखा गया है जो कोविड से रिकवर हो रहे हैं और उन लोगों में भी जो वैक्सीन लगवा रहे हैं
-कोविड की बीमारी इम्यून सिस्टम को बहुत प्रभावित करती है
-कुछ लोगों में रैशेज होना, खुजली होना भी देखा गया है. इम्युनिटी कमज़ोर पड़ने पर इस तरह के रैशेज आते हैं
-अर्टिकरिया समय के साथ ठीक भी हो जाती है
-अगर सीवियर अर्टिकरिया है, रात में नींद नहीं आती है, होंठो-आंखों में सूजन है तो स्किन डॉक्टर से मिलें
-इसके अलावा, एक और कंडीशन है हर्पीस जौस्टर. ये एक तरह का रैश होता है
-ये रैश स्किन के एक हिस्से पर होता है. इसमें स्किन पर पानी से भरे छाले हो जाते हैं, जिनमें तेज दर्द होता है
-इसके लिए तुरंत डॉक्टर से मिलें. समय पर इलाज न हुआ तो दर्द महीनों या सालों तक रहता है
-चेहरे पर होने की वजह से अंधापन, बहरापन होने का भी खतरा हो सकता है
अगर आपके साथ भी कोविड के बाद ऐसा हो रहा है तो उसे हरगिज़ इग्नोर न करें.
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