छत्तीसगढ़: सीएम भूपेश बघेल अपने हेलीकॉप्टर में वेडिंग शूट करने वाले कपल के लिए क्या बोले?
कांग्रेस ने तो जांच की मांग की है.

सुरक्षा में चूक की जानकारी तब मिली जब सोशल मीडिया पर फोटोज़ वायरल होने शुरू हुए.
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरकारी हेलिकॉप्टर में वेडिंग फोटोशूट किए जाने का मामला सामने आने के बाद से बवाल मचा हुआ है. रिपोर्टों के मुताबिक, तस्वीरें वायरल होने के बाद कांग्रेस ने सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगने के आरोप लगाए हैं. मामला बढ़ता देख सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने आदेश के तहत जांच कर ये सुनिश्चित करने को कहा है कि ऐसी चूक भविष्य में न हो. हालांकि उन्होंने शूट कराने वाले नव-दंपती को सुखमय वैवाहिक जीवन की शुभकामना दी और मामले को अधिक तूल न देने की भी अपील की.
संदेह में ड्राइवर सस्पेंड टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट मुताबिक, इस घटना का पता चलने के बाद छत्तीसगढ़ डायरेक्टरेट ऑफ़ एविएशन में कार्यरत एक ड्राइवर को संस्पेंड कर दिया गया है. अखबार ने बताया कि अधिकारियों को संदेह है कि ड्राइवर ने ही कपल को हेलिकॉप्टर तक पहुंचने में मदद की थी. इस बारे में एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने टीओआई से कहा कि ये फोटोशूट जनवरी की शुरुआत में हुआ था. अधिकारी के मुताबिक, निलंबित ड्राइवर शूट कराने वाले कपल का रिश्तेदार है. बकौल अधिकारी ये संभव है कि ड्राइवर ने दंपती से कहा हो कि वो उन्हें हेलिकॉप्टर तक ले जा सकता है. उधर, डायरेक्टरेट ऑफ़ एविएशन द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि एविएशन डिपार्टमेंट के योगेश साई (ड्राइवर) को सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. आदेश के मुताबिक, योगेश ने सिविल सर्विसेज़ एक्ट के नियमों की अवहेलना की है. उसने निजी उपयोग के लिए सरकारी परिसर में अनधिकृत लोगों को आने दिया. कांग्रेस ने जांच की मांग की इस बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने मामले को लेकर चिंता जताई है और जांच की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने डीजीपी डीएम अवस्थी को पत्र लिखकर कहा है कि सीएम की सुरक्षा में चूक गंभीर और चिंताजनक है, क्योंकि प्रदेश माओवाद प्रभावित है जहां प्रदेश कांग्रेस ने 2013 में हुए एक हमले में अपने शीर्ष नेताओं को खोया था. कांग्रेस ने सवाल किया कि सीएम इस हेलिकॉप्टर का अधिकतर इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में अज्ञात लोग वहां तक कैसे पहुंच सकते हैं. अब मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमिटी चीफ़ पायलट पंकज जायसवाल के नेतृत्व में बनाई गई है. ये कमिटी सात दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.