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मनसुख मंडाविया के इंग्लिश ट्वीट्स में क्या गलतियां थीं कि उनकी ट्रोलिंग रुक नहीं रही?

इस ट्रोलिंग ने मनसुख मंडाविया का पीछा 8 जुलाई को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस तक नहीं छोड़ा.

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बुधवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पीएम मोदी और नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया. (तस्वीर- पीटीआई)
बुधवार 7 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव और विस्तार किया. इसके तहत कई मंत्रियों से इस्तीफे लिए गए और नए मंत्री कैबिनेट में शामिल किए गए. उन्हीं में से एक हैं गुजरात से राज्यसभा सांसद मनसुख मंडाविया. कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद मनसुख मंडाविया काफी चर्चा में हैं. इसकी दो वजहें हैं. पहली, उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार देने के लिए मोदी सरकार ने डॉ. हर्षवर्धन को हटा दिया. दूसरी वजह है उनके कुछ पुराने ट्वीट्स, जिन्हें उन्होंने शपथ से पहले अपने ट्विटर हैंडल से हटा दिया. इन ट्वीट्स को लेकर मनसुख मंडाविया का काफी मजाक उड़ाया जा रहा है. गुरुवार 8 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी मनसुख मंडाविया से उनके पुराने ट्वीट्स को लेकर सवाल किया गया. मंडाविया ने मुस्कुरा कर सवाल टाल दिया. ऐसे में दिलचस्पी पैदा होना लाजमी है कि आखिर इतने महत्वपूर्ण मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले व्यक्ति का मजाक क्यों उड़ाया जा रहा है. आइए जानते हैं. शपथ लेते ही लोगों ने शुरू की ट्रोलिंग मनसुख मंडाविया के शपथ लेते ही ट्विटर पर 'ट्रोल प्रजाति' के लोगों ने उनके पुराने ट्वीट खोदने शुरू कर दिए. उन्होंने मंडाविया के 8-10 साल पुराने कुछ ट्वीट्स ढूंढ निकाले. ये सभी ट्वीट्स इंग्लिश में किए गए थे. इनमें से कुछ में व्याकरण की गलतियां थीं तो किसी में वाक्य विन्यास की. ट्रोल सेना के लिए इतना काफ़ी थी. उसके सदस्यों ने लिखना शुरू किया कि जो आदमी इंग्लिश में एक लाइन तक नहीं लिख सकता, मोदी सरकार ने उसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बना दिया. कुछ मिसालें देखें, राइटर, ऐक्टर वैभव विशाल ने व्यंग्य करते हुए लिखा,
डॉ. हर्षवर्धन हटा दिए गए. मनसुख मंडाविया हमारे नए स्वास्थ्य मंत्री हैं. अब हम पूरी तरह सुरक्षित हाथों में हैं.
जॉय नाम के ट्विटर यूजर ने भी तंज कसते हुए लिखा,
मनसुख मंडाविया हमारे मंत्री के स्वास्थ्य हैं.
  आशीष गौर ने कहा,
मनसुख मंडाविया राजनीतिक विज्ञान में एमए हैं. अब मेडिकल साइंस में धूम मचाने के लिए तैयार हैं. इंग्लिश की आत्मा को शांति मिले.
लेकिन कई लोग मनसुख के सपोर्ट में भी आए. कहा कि मनसुख की भाषा को लेकर लोगों को पंच बनने से बचना चाहिए और काम के आधार पर उनकी आलोचना की जानी चाहिए. इन लोगों ने कहा कि अगर नए स्वास्थ्य मंत्री ने पहले कभी कुछ गलत किया हो या भविष्य में बेहतर ढंग से काम नहीं करते हैं तो आप उनकी आलोचना कर सकते हैं, लेकिन किसी के ट्वीट में टाइपो या व्याकरण की गलती के कारण ट्रोल करना गलत है. इन लोगों में तहसीन पूनावाला भी शामिल हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई लोग मनसुख मंडाविया जी को इसलिए ट्रोल कर रहे हैं, क्योंकि उनकी अंग्रेजी अच्छी नहीं है. उनकी आलोचना काम के आधार पर करें.
  वरुण कुमार राणा नाम के ट्विटर यूजर ने कहा,   'ऐसे लोगों पर आप धारणा बनाओ' प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए गए सवाल पर मनसुख मंडाविया ज्यादा नहीं बोले. वे केवल मुस्कुराए और कहा कि उन्हें ऐसे लोगों को कुछ नहीं कहना. हालांकि उनके साथ मौजूद नरेंद्र तोमर ने जरूर जवाब दिया. पत्रकारों को ब्रीफिंग देने के बाद वार्ता से उठते हुए तोमर ने कहा,
ऐसे लोगों (ट्रोल्स) पर आप धारणा बनाओ.
इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार शिव अरूर का यह विडियो ट्वीट देखिए. undefined मनसुख के बारे में जानते जाइए मनसुख मंडाविया को प्रमोशन मिला है. कैबिनेट मंत्री बनने से पहले वह पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय में  राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रासायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री थे. अब वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए हैं. मनसुख पदयात्राओं के लिए जाने जाते हैं. वह जागरूकता फैलाने के लिए पैदल लंबी दूरी तय करते रहे हैं. मनसुख का जन्म गुजरात के पलिताना जिले के एक किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने भावनगर यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में मास्टर्स किया हुआ है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य बनकर वह युवावस्था में ही सक्रिय राजनीति से जुड़ गए थे. साल 2002 में 28 साल की उम्र में उन्होंने पलिताना से चुनाव लड़ा और गुजरात में सबसे कम उम्र के विधायक बने. साल 2012 में उन्हें गुजरात से राज्यसभा के लिए चुना गया.