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फिर आतंकी कैंप-लॉन्च पैड्स बनाने जुटा पाकिस्तान, रडार से बचने की तैयारी

Operation Sindoor: नई रणनीति के तहत Pakistan के आतंकवादी संगठन ISI की मदद से हाइटेक और छोटे Terror Launch Pads बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इन लॉन्च पैड्स को PoK के पास घने जंगलों में बनाया जा रहा है.

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PoK में भारत के मिसाइल हमले से तबाह इमारत की जांच करते पाकिस्तानी अधिकारी. (PTI)
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जितेंद्र बहादुर सिंह

Operation Sindoor Against Pakistan: पाकिस्तान अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है. मई में भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत तबाह किए गए आतंकी लॉन्च पैड्स और कैंप्स को पाकिस्तान एक बार फिर से खड़ा करने में जुटा हुआ है. खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना, उसकी खुफिया एजेंसी ISI और सरकार मिलकर इन आतंकवादी ढांचों को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और उससे सटे इलाकों में फिर से तैयार कर रहे हैं.

6-7 मई की दम्यानी रात को भारत ने पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिद्दीन के नौ ठिकानों पर स्ट्राइक की थी. इनमें बहावलपुर में जैश का हेडक्वार्टर भी शामिल था.

इंडिया टुडे से जुड़े जितेंद्र बहादुर सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, अब नई रणनीति के तहत पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ISI की मदद से हाइटेक और छोटे लॉन्च पैड्स बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इन्हें निगरानी और स्ट्राइक से बचाया जा सके. इन लॉन्च पैड्स को PoK के पास घने जंगलों में बनाया जा रहा है.

SUBHAN ALLAH MOSQUE, Jaish e Mohammed
सुभान अल्लाह मस्जिद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर है. (India Today)

सूत्रों की मानें तो लुनी, पुतवाल, तैयपू पोस्ट, जमीला पोस्ट, उमरानवाली, चपरार, फॉरवर्ड कहूटा, चोटा चाक और जंगलोरा जैसे क्षेत्रों में ये कैंप दोबारा बन रहे हैं. ये नए कैंप एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस होंगे, जो सैटेलाइट सर्विलॉन्स, थर्मल इमेजर्स और फोलिएज-पेनेट्रेटिंग रडार से भी बचने के लिए डिजाइन किए गए हैं.

इसके अलावा पाकिस्तानी सेना और ISI पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 13 लॉन्चिंग पैड्स बना रही है, जिनमें केल, शारदी, दुधनियाल, अथमुकाम, जुरा, लीपा घाटी, पचीबन चमन, टंडपानी, नियाली, जानकोट, चकोटी, निकेल और फॉरवर्ड कहुटा जैसे इलाके शामिल हैं.

अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर भी चार टेरर लॉन्च पैड्स को फिर से एक्टिव किया जा रहा है, जो ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हो गए थे. ISI कथित तौर पर जम्मू सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर चार लॉन्चपैड्स को फिर खड़ा कर रही है, जिनमें मसरूर बड़ा भाई, चपरार, लूनी और शकरगढ़ में एक ड्रोन सेंटर शामिल हैं.

पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी ने बड़े आतंकी कैंप्स को छोटे-छोटे 'मिनी कैंप्स' में बदलने का प्लान बनाया है, जिससे स्ट्राइक के समय नुकसान कम हो. इन कैंप्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी खास तौर पर ट्रेंनिंग हासिल कर चुके पाकिस्तानी सैनिकों को दी गई है. ये सैनिक थर्मल सेंसर्स, एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी और लो-फ्रीक्वेंसी रडार से लैस होंगे.

इंडियन इंटेलिजेंस ने बहावलपुर में हाल ही में हुई एक हाई-लेवल मीटिंग की बातचीत को भी इंटरसेप्ट किया है. जैश, लश्कर, हिजबुल और TRF के कमांडरों और ISI अधिकारियों ने कथित तौर पर इस मीटिंग में शिरकत की.

इस मीटिंग में ISI की तरफ से कथित तौर पर आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए भारी फंडिंग और मैनपावर देने का वादा किया गया. नतीजतन, कई जगहों पर मरम्मत का काम चल रहा है और नई और ज्यादा सुरक्षित फैसिलिटी बनाने की कोशिश की जा रही है.

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