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ममता के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को रेड के बाद ED ने किया अरेस्ट, जाते-जाते क्या बोल गए मंत्री?

पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को जिस घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उस मामले में कुछ ही दिनों पहले कोलकाता से एक व्यापारी को भी गिरफ्तार किया गया था. क्या है ये घोटाला?

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टीएमसी मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को ED ने गिरफ्तार कर लिया है. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ममता सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के पहले ED ने मंत्री के कम से कम 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. मलिक पश्चिम बंगाल सरकार में वन मंत्री हैं. इससे पहले वो खाद्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे. इंडिया टुडे से जुड़े अनुपम मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री को कथित राशन घोटाले मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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पकड़े जाने के समय उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर मीडिया से कहा,

“मैं बड़ी साजिश का शिकार हो गया हूं”

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26 अक्टूबर की सुबह ED की टीम ने राशन वितरण से संबंधित घोटाले मामले में मंत्री के 12 ठिकानों पर छापा मारा था. ईडी की टीम मंत्री के साल्ट लेक स्थित आवास पर भी पहुंची थी. साथ ही नागरबाजार क्षेत्र में मंत्री के पीए के एक फ्लैट पर भी ED की टीम ने छापा मारा था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कथित तौर पर राशन घोटाला करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का मामला है. इसकी जांच ED कर रही है. इसी मामले में ईडी ने बीते दिनों कोलकाता के एक कारोबारी बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था.

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कौन है बकीबुर रहमान

ईडी ने बकीबुर रहमान के पास से 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का पता लगाया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 53 घंटे की तलाशी और 11 घंटे की पुछताछ के बाद मंत्री के करीबी माने जाने वाले रहमान को गिरफ्तार किया गया था. उसने 2004 में एक चावल मिल मालिक के रूप में अपना व्यापार शुरू किया था. रहमान ने अगले दो सालों में तीन और कंपनियां बना लीं. 

आज तक ने ED के अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि रहमान ने पैसे निकालने के लिए कथित तौर पर शेल कंपनियों की श्रृंखला खोली थी. रहमान ने खाद्य विभाग में अपने रैकेट के जरिए अवैध रूप से राशन बेचकर पैसों की हेराफेरी की थी. जिस समय बकीबुर रहमान कथित तौर पर घोटाले में शामिल थे, उस दौरान ज्योतिप्रिय मलिक खाद्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे.

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