The Lallantop

NIRF रैंकिंग 2025: IIT मद्रास फिर टॉप पर, दिल्ली AIIMS और BHU भी टॉप 10 में

ओवरऑल इंस्टीट्यूट्स की टॉप-10 लिस्ट में सात IIT शामिल हैं. इस लिस्ट में IISc बेंगलुरू, AIIMS Delhi और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने भी अपनी जगह टॉप-10 में बनाई है.

Advertisement
post-main-image
AIIMS दिल्ली 8वें स्थान पर है. IISc बेंगलुरु दूसरे नंबर पर है. (फोटो- X)

शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क, यानी NIRF की रैंकिंग जारी कर दी है. इस साल फिर से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास ने इसमें टॉप किया. इंस्टीट्यूट पिछले 7 साल से पहले स्थान पर काबिज है. ये रैंकिंग 17 अलग-अलग कैटेगरी के लिए जारी की गई है. जिसमें यूनिवर्सिटी, कॉलेज, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, और मेडिकल डेंटल जैसी कैटेगरी शामिल हैं.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

ओवरऑल इंस्टीट्यूट्स की टॉप-10 लिस्ट में सात IIT शामिल हैं. इस लिस्ट में IISc बेंगलुरू, AIIMS Delhi और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने भी अपनी जगह टॉप-10 में बनाई है. AIIMS दिल्ली 8वें स्थान पर है. IISc बेंगलुरु दूसरे नंबर पर है.

Advertisement

ओवरऑल रैंकिंग में टॉप-10 इंस्टीट्यूट्स की लिस्ट इस प्रकार है-

नामरैंक
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास1
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु2
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे3
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) दिल्ली4
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) कानपुर5
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) खड़गपुर6
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) रुड़की7
AIIMS, नई दिल्ली8
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) (BHU) वाराणसी9
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU)10

टॉप-3 यूनिवर्सिटीज इस प्रकार हैं-

नामरैंक
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु1
JNU2
मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, मणिपाल3

टॉप-3 मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट इस प्रकार हैं-

Advertisement
नामरैंक
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) अहमदाबाद 1
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) बैंगलोर2
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) कोझिकोड3

टॉप-5 कॉलेज इस प्रकार हैं-

नामरैंक
हिंदू कॉलेज1
मिरांडा हाउस2
हंसराज कॉलेज3
किरोड़ी मल कॉलेज4
सेंट स्टीफेंस कॉलेज5
NIRF क्या है?

भारत सरकार देश भर के हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की परफॉरमेंस के आधार पर उनकी रैंक तय करती है. यानी हमें ये बताती है कि पढ़ाई के लिए देश के टॉप इंस्टीट्यूट्स कौन-कौन से हैं. इंजीनियरिंग के लिए कौन सा IIT सबसे बढ़िया है और किस मेडिकल कॉलेज से तैयार होते हैं सबसे बढ़िया डॉक्टर.

साल 2016 में इसकी शुरुआत हुई थी. 2016 से पहले देश में प्राइवेट एजेंसीज या मीडिया द्वारा ही हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की रैंक तय की जाती थी. इसकी शुरुआत हुई थी ग्लोबल रैंकिंग्स से. हमें ऐसी खबरें पढ़ने को मिलती थीं कि भारत का कोई भी इंस्टीट्यूट, दुनिया के टॉप-200 या टॉप-300 में नहीं है. फिर वो बात चाहे QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी की रैंकिंग हो या टाइम्स हायर एजुकेशन की.

इसके पीछे जो सबसे बड़ी वजह बताई जाती है वो ये कि इन एजेंसीज द्वारा रैंकिंग तैयार करने में जो क्राइटेरिया अपनाई जाती है वो चुनिंदा लोगों के परसेप्सन पर आधारित होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए साल 2015 में भारत सरकार ने तय किया कि वो अपने संस्थानों की रैंकिंग खुद तय करेगा और ये रैंकिंग भारतीय संस्थानों के लिए उपयुक्त पैरामीटर्स पर तय की जाएगी.

2003 में चीन ने भी शंघाई रैंकिग्स शुरू की थी. हालांकि, NIRF और शंघाई रैंकिंग्स में अंतर ये है कि शंघाई रैंकिंग में दुनिया भर के 500 संस्थान शामिल होते हैं जबकि NIRF में केवल भारतीय संस्थान शामिल होते हैं.

कैसे तय होती है रैंकिंग?

रैंकिंग तय करने के लिए NIRF ने सीधे और सपाट नियम बना रखे हैं. कुछ पैरामीटर्स हैं हर इंस्टीट्यूट को उन पैरामीटर्स पर परखा जाता है. जिसका जितना स्कोर बनता है उसी हिसाब से उसकी रैंकिंग तय की जाती है. इन पैरामीटर्स में सबसे पहले आता है टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज यानी TLR . इसमें फैकल्टी-स्टूडेंट रेशियो, फैकल्टी एक्सपीरियंस, फाइनेंसियल रिसोर्सेज और उनका उपयोग जैसी चीजें शामिल हैं.

दूसरा है रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस. इसके अंतर्गत संस्थान को रिसर्च, पब्लिकेशन मीट्रिक, IPR और पेटेंट्स के आधार पर परखा जाता है. तीसरा पैरामीटर है ग्रेजुएशन आउटकम्स. इसमें यूनिवर्सिटी के एग्जाम्स और PhD स्कॉलर्स की संख्या को देखा जाता है.

चौथा पैरामीटर है आउटरीच एंड इन्क्लूसिविटी. इसमें देखा जाता है कि कितने छात्र दूसरे राज्यों से विदेश से पढ़ने के लिए आए हैं. कैंपस में महिलाओं की कितनी भागीदारी है? आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े छात्रों की क्या संख्या है? शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों के लिए क्या व्यवस्था है?

पांचवा और आखिरी पैरामीटर है पीयर परसेप्शन. इसमें एकेडमिक पीयर और एम्प्लायर्स के आधार पर इंस्टीट्यूट की रैंक तय की जाती है.

वीडियो: JNU ने आलोचकों को जवाब देते हुए फिर से IIT के बीच खुद को कैसे साबित कर दिया?

Advertisement