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'जंग चाहिए तो हम तैयार हैं...', भारत दौरे से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ऐलान

India Visit से पहले President Vladimir Putin लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि Russia और India किसी दबाव में नहीं, बल्कि स्वतंत्र आर्थिक नीति पर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि PM Modi के साथ मीटिंग में दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार और आयात पर विस्तृत चर्चा होगी.

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प्रेसिडेंट पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत में होंगे (PHOTO-AFP)

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) 4-5 दिसंबर, 2025 को भारत में होंगे. इस दो दिवसीय दौरे पर प्रेसिडेंट पुतिन दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात करेगे और 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. प्रेसिडेंट पुतिन की इस यात्रा के दौरान कई अहम समझौतों पर बात होगी. साथ ही इस दौरान भारत-रूस के बीच कई अहम रक्षा सौदे भी संभव हैं.

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स्वतंत्र होगी आर्थिक नीति

भारत यात्रा से पहले प्रेसिडेंट पुतिन रूस के दूसरे सबसे बड़े बैंक वीटीबी के कॉन्फ्रेंस में लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि रूस और भारत किसी दबाव में नहीं, बल्कि स्वतंत्र आर्थिक नीति पर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के साथ मीटिंग में दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार और आयात पर विस्तृत चर्चा होगी. इस दौरान प्रेसिडेंट पुतिन ने चीन के साथ होने वाले व्यापार का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बीते तीन सालों में चीन और रूस के बीच होने वाले व्यापार में भी बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान यूरोप और यूक्रेन से चल रहे युद्ध पर भी बात हुई. यूरोप को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा,

अगर यूरोप जंग लड़ना चाहता है, तो हम अब तैयार हैं. यूरोपीय देशों की शांति की कोई योजना नहीं है. वो युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं.

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अधिकारों का गलत इस्तेमाल 

प्रेसिडेंट पुतिन ने कहा कि आज की दुनिया 'भारी उथल-पुथल' के दौर से गुजर रही है. इसकी वजह ये है कि कुछ देश अपने 'एकाधिकार वाले दबदबे' का इस्तेमाल करके दूसरों पर दबाव डाल रहे हैं. उन्होंने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाते हुए आरोप लगाया कि इस प्रेशर टैकटिक्स के इस्तेमाल में वो (पश्चिमी देश) नाकाम होते आए हैं और आगे भी होते रहेंगे.

हथियारों की डील संभव

इससे पहले, क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति भवन) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा था कि इस दौरे के दौरान और S-400 लंबी दूरी की एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों की बिक्री एजेंडा में हो सकती है. पेसकोव ने कहा, 

यह एजेंडा में सबसे ऊपर है और इस पर चर्चा हो सकती है. हमारी मिलिट्री इंडस्ट्री बहुत अच्छा काम कर रही है. भारतीय सेना में 36% रूसी हथियार हैं और उम्मीद है कि यह जारी रहेगा.

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मिसाइल डिफेंस सिस्टम के अलावा रूस को भारत के Su-57 पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर खरीदने की संभावना पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. Su-57 पर पेसकोव ने कहा, 

SU-57 दुनिया का सबसे अच्छा प्लेन है. Su-57 एजेंडा में होगा. जहां तक ​​डिफेंस इंडस्ट्री में हमारे सहयोग की बात है, तो मशहूर ब्रह्मोस मिसाइलों को याद करें. यह सिर्फ प्रोडक्शन या सिर्फ खरीदने या बेचने का काम नहीं है, यह हाई टेक्नोलॉजी का लेन-देन है, और यह सच में सहयोग के इस क्षेत्र में एक अच्छे भविष्य का रास्ता बनाता है. हम काफी, काफी तरह के बहुत मुश्किल सिस्टम बना रहे हैं. और इस मायने में, बेशक, हमारे पास काबिलियत है. हम इसे अपने भारतीय दोस्तों के साथ, अपना अनुभव शेयर करने के लिए तैयार हैं.

प्रवक्ता पेसकोव ने यह भी कहा कि प्रेसिडेंट के दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच न्यूक्लियर एनर्जी पर एक एग्रीमेंट की संभावना भी है.

वीडियो: 'भारत तथा चीन जैसे देश दबाव के आगे नहीं झुकेंगे' , पुतिन ने चीन से अमेरिका को बड़ा संदेश दिया है

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