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UK के लेजर हथियार का वीडियो डराने वाला, आसमान में सिक्के जैसे टारगेट को भी कर सकता है ढेर

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार, 11 मार्च को अपने पहले लेजर हथियार के टेस्ट का वीडियो शेयर किया. इसका नाम ड्रैगन फायर (DragonFire) रखा गया है.

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ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने अपने पहले लेजर हथियार ड्रैगन फायर का वीडियो शेयर किया है. (तस्वीर-X)

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार, 11 मार्च को अपने पहले लेजर हथियार के टेस्ट का वीडियो शेयर किया (UK's first laser weapon video). इसका नाम ड्रैगन फायर (Dragon Fire) रखा गया है. ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि कम कीमत वाला ये हथियार आने वाले समय में मिसाइल की जगह लेने जा रहा है. इस लेजर हथियार से ड्रोन को आसमान में ही आसानी से मार गिराया जा सकता है. मंत्रालय ने हथियार की क्षमता का एक उदाहरण भी दिया है. उसने बताया कि ड्रैगन फायर आसमान की तरफ एक किलोमीटर दूर सिक्के जितने आकार के टारगेट को भी आसानी से हिट कर सकता है.

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UK के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी किए गए 31 मिनट के वीडियो में हथियार की विशेषताओं के बारे में बताया गया है.

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BBC की रिपोर्ट के मुताबिक इस हथियार का परीक्षण जनवरी में स्कॉटलैंड की हर्ब्राइड्स रेंज में किया गया था. सफल परीक्षण के बाद रक्षा सचिव ग्रांट शाप्स ने कहा था, ये टेक्नोलॉजी महंगे गोला-बारूद पर निर्भरता को कम कर सकती है. साथ ही युद्ध के दौरान होने वाले नुकसान और दूसरे जोखिमों को भी कम कर सकती है. ड्रैगन फायर का उपयोग वहां की आर्मी और रॉयल नेवी दोनों अपने भविष्य की वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए करेंगी.”

मिनिस्ट्री के मुताबिक, हथियार को चलाने की लागत प्रति शॉट 10 पाउंड से कम है. अगर भारतीय रुपये में बात करें तो करीब 1057 रुपये. मंत्रालय ने अभी तक इस हथियार की अधिकतम मारक क्षमता का खुलासा नहीं किया है. लेकिन सेना की तरफ से कहा गया है कि यह किसी भी नज़र आ रहे लक्ष्य पर हमला कर सकता है.

ड्रैगन फायर को ब्रिटेन की रक्षा विज्ञान और टेक्नोलॉजी प्रयोगशाला (DSTL) ने बनाया है. इसके प्रमुख पॉल हॉलिंस हेड का कहना है कि इन ट्रायल्स के जरिये उन्होंने ऊर्जा हथियारों से उत्पन्न खतरों को समझने और उन्हें काउंटर करने के संबंध में बड़ा कदम बढ़ाया है.

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UK ने इस लेजर हथियार का निर्माण ऐसे समय में किया है, जब रूस-यूक्रेन युद्ध जारी और अमेरिका, जर्मनी और इजरायल जैसे देश ड्रोन और खतरनाक मिसाइलों का लगातार निर्माण कर रहे हैं. दुनिया भर में युद्ध में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है, इसलिए ऐसी लेजर तकनीक की मांग भी होने लगी है.

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