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IS आतंकी नहीं सीरियाई सैनिक था US मिलिट्री बेस पर हमला करने वाला, 3 लोगों की मौत हुई थी

US Central Palmyra attack में तीन Americans की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. Syrian Interior Ministry के मुताबिक हमला करने वाला gunman Syrian security forces का सदस्य था, जिसे extremist ideology और violent behavior के कारण job से हटाने की तैयारी थी. इस terrorist attack में दो US soldiers और एक translator मारे गए थे.

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सीरिया में अमेरिकी सैनिक (PHOTO-AP)

अमेरिका के सेंट्रल पालमायरा इलाके में हुए खौफनाक हमले की परतें अब धीरे धीरे खुल रही हैं. तीन अमेरिकियों की जान लेने वाला बंदूकधारी कोई बाहरी चेहरा नहीं, बल्कि सीरियन सुरक्षा बलों का ही सदस्य निकला. सीरिया के गृह मंत्रालय (Syrian Interior Ministry) ने बताया कि यह शख्स पहले से ही रडार पर था और उसके चरमपंथी व हिंसक झुकाव के चलते उसे नौकरी से बाहर करने की तैयारी चल रही थी. 13 दिसंबर को सीरियाई सरकार ने इस हमले को सीधा आतंकवादी हमला करार दिया था. इस वारदात में दो अमेरिकी सैनिकों और एक ट्रांसलेटर की मौत हुई, जबकि अमेरिका का दावा है कि हमला इस्लामिक स्टेट ग्रुप (Islamic State) के एक आतंकी ने किया था, जिसे बाद में ढेर कर दिया गया.

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सरकारी टीवी पर गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नूरेद्दीन अल बाबा ने बताया कि आरोपी के कट्टर इस्लामिक विचार काफी समय से चिंता का विषय बने हुए थे. अधिकारियों का कहना है कि हमले से पहले ही उसे सुरक्षा बलों से हटाने का फैसला ले लिया गया था. वहीं 14 दिसंबर को एक सीरियाई सुरक्षा अधिकारी ने AFP को बताया कि इस हमले के बाद जनरल सुरक्षा बलों के 11 सदस्यों को हिरासत में लिया गया है और उनसे गहन पूछताछ चल रही है. मामला सिर्फ एक हमले का नहीं, बल्कि सिस्टम के भीतर पनप रहे खतरे का भी बनता जा रहा है.

एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर AFP को बताया कि हमलावर 10 महीने से अधिक समय से सुरक्षा बलों में था और पाल्मायरा में ट्रांसफर होने से पहले उसे कई शहरों में तैनात किया गया था. पाल्मायरा वो जगह है जहां UNESCO की लिस्ट में शामिल पुराने खंडहर हैं. सीरिया में अपने इलाके के विस्तार के चरम पर ये जगह IS के कंट्रोल में थी. यह घटना पिछले साल दिसंबर में इस्लामी ताकतों द्वारा लंबे समय से सीरिया के शासक बशर अल-असद को सत्ता से हटाने और देश के अमेरिका के साथ संबंधों को फिर से शुरू करने के बाद इस तरह की पहली घटना है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने हमले के बाद ‘बहुत गंभीर जवाबी कार्रवाई’ करने का वादा किया था. सीरियाई रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने AFP को नाम न बताने की शर्त पर बताया कि हमले से पहले, अमेरिकी सेना दक्षिण-पूर्वी सीरिया में, जॉर्डन की सीमा के पास, अल-तनफ मिलिट्री बेस की दिशा से जमीन के रास्ते पहुंची थी. सूत्र ने आगे बताया, 

सीरियाई-अमेरिकी संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने पहले पाल्मायरा शहर का दौरा किया, फिर T-4 एयरबेस गया और उसके बाद पाल्मायरा में एक बेस पर लौट आया.

एक सीरियाई मिलिट्री अधिकारी ने, जिन्होंने अपना नाम न बताने की शर्त पर शनिवार को बताया कि पल्मायरा में एक सीरियाई बेस पर सीरियाई और अमेरिकी अधिकारियों के बीच एक मीटिंग के दौरान गोलियां चलाई गईं. हालांकि, पेंटागन के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर AFP को बताया कि यह हमला ऐसे इलाके में हुआ जहां सीरियाई राष्ट्रपति का कंट्रोल नहीं है. सीरियाई सरकारी टेलीविजन के मुताबकि इस हमले के जवाब में, अधिकारियों ने होम्स प्रांत में IS के ठिकानों के खिलाफ एक ऑपरेशन शुरू किया.

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