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उत्तरकाशी में सुरंग ढहने से फंसे 40 मज़दूर, पाइप से दी जा रही है ऑक्सीजन

स्टेट डिज़ास्टर रिलीफ़ फ़ोर्स, पुलिस और लोकल प्रशासन की टीमें मलबा हटाने में जुटी हुई हैं.

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राहत कार्य जारी है.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi) में एक निर्माणाधीन सुरंग के ढह जाने से कम से कम 36 मज़दूर फंसे हुए हैं. यमुनोत्री नैशनल हाईवे (NH) के सिल्क्यारा से डंडालगांव के बीच भूस्खलन की वजह से सुरंग का एक हिस्सा ढह गया है. स्टेट डिज़ास्टर रिलीफ़ फ़ोर्स (SDRF), पुलिस और लोकल प्रशासन की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं.

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SDRF की मीडिया प्रभारी ललिता नेगी ने स्थानीय मीडिया को बताया,

“हमें सुबह 9.15 बजे के आसपास सूचना मिली कि उत्तरकाशी में सिल्क्यारा से डंडलगांव तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग का एक हिस्सा ढह गया है. हमने स्थानीय चौकियों से अपनी टीमें भेजीं. हमारा बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है. सिल्क्यारा की ओर मलबा जमा हो गया है. वहां छत्तीस मज़दूरों के फंसे होने की आशंका है."

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प्राथमिक जानकारी के मुताबिक़, भूस्खलन सुरंग के प्रवेश द्वार से 200 मीटर की दूरी पर हुई और मज़दूर प्रवेश द्वार से 2,800 मीटर सुरंद के अंदर थे. SDRF ने बताया कि बचाव दल ने फंसे हुए मज़दूरों को ऑक्सीजन देने के लिए मलबे के बीच एक पाइप भी डाली है.

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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी हालात का जायज़ा लिया. फंसे हुए लोगों के लिए प्रार्थना की. कहा,

"जब से मुझे घटना के बारे में पता चला है, तब से मैं अधिकारियों के संपर्क में हूं. NDRF और SDRF मौक़े पर हैं. हम भगवान से सभी की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना करते हैं."

जो सुरंग ढही है, वो ऑल-वेदर-रोड प्रोजेक्ट के तहत बन रही है. राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) की देख-रेख में नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ये 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बना रही है. और, इस वक़्त बचाव टीमों के साथ कंपनी भी मलबा हटाने में जुटी हुई है.

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