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पहले घूमा, फिर खाई में गिरा, केदारनाथ में हुई हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, VIDEO वायरल

उत्तराखंड के केदारनाथ में तीर्थयात्रियों को ले जा रहे हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. हैलीकॉप्टर में 6 यात्री सवार थे. हादसे में किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

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तकनीकी खराबी के कारण हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. क्रेडिट - एक्स

उत्तराखंड के केदारनाथ में पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया. तीर्थयात्रियों को केदारनाथ ले जा रहे हेलीकॉप्टर (Kedarnath Helicopter Video) में तकनीकी खराबी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. हेलीकॉप्टर में 6 यात्री सवार थे. हादसे में किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं. यह घटना 23 मई की सुबह लगभग सात बजे की है. हेलीकॉप्टर केंस्ट्रेल एविएशन कंपनी का बताया जा रहा है.

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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टर सिरसी हेलीपैड से 5 यात्रियों को लेकर केदारनाथ धाम जा रहा था. इसी दौरान अचानक हेलीकॉप्टर में एक तकनीकी परेशानी सामने आई. जिसके बाद हेलीकॉप्टर को केदारनाथ धाम के हेलीपैड से लगभग 100 मीटर पहले इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. लैंडिंग के वक्त हेलीकॉप्टर को सीधे जमीन पर उतारा गया. इस दौरान हेलीकॉप्टर के पीछे के हिस्से में नुकसान हुआ है. 

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इस घटना की सूचना मिलने के बाद DGCA की टीम ने घटना की जांच शुरू कर दी है. हेलीकॉप्टर के पायलट कल्पेश के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टर में बैठे सभी यात्री सुरक्षित हैं.

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बता दें कि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 10 मई को शुरू हुई यात्रा के पहले 10 दिनों में अब तक 3 लाख 19 हजार श्रद्धालु पहुंचे हैं. पिछले साल की तुलना में यात्रियों की संख्या में यमुनोत्री में 127% और केदारनाथ में 156% की वृद्धि हई है. उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने 23 मई को एक वर्चुअल बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को ये जानकारी दी.

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इस बैठक में यात्री सुविधाओं के बारे में बताते हुए मुख्य सचिव ने बताया कि पुलिस ने 56 पर्यटन सहायता केंद्र बनाए हैं. और यात्रा की निगरानी के लिए 850 CCTV कैमरे और 8 ड्रोन लगाए गए हैं. उन्होंने आगे बताया कि केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 1,495 वाहनों की क्षमता वाले बीस पार्किंग स्थल बनाए गए हैं. उन्होंने पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली शुरू की गई है.

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