The Lallantop

अमेरिकी यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए भारतीय छात्र ने पिता की मौत की कहानी बना दी

छात्र ने लेह यूनिवर्सिटी में फुल स्कॉलरशिप लेने के लिए ट्रांसक्रिप्ट, फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स और यहां तक ​​कि अपने पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र में भी जालसाजी से बनवाया.

post-main-image
छात्र ने लेह यूनिवर्सिटी में फुल स्कॉलरशिप लेने के लिए ट्रांसक्रिप्ट, फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स और यहां तक ​​कि अपने पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र में भी जालसाजी से बनवाया. (फ़ोटो/Lehigh University)

अमेरिका में एक भारतीय छात्र को पहले गिरफ़्तार किया गया. और बाद में भारत वापस भेज दिया गया. छात्र पर आरोप है कि उसने एक बड़ी यूनिवर्सिटी में फुल स्कॉलरशिप लेने के लिए अपने पिता की मृत्यु का नाटक किया. अपने डॉक्युमेंट्स में हेराफेरी की. छात्र ने ये सारी जानकारी एक रेडिट पोस्ट में बताई थी. बाद में उसने वो पोस्ट डिलीट कर दिया. इसके बाद रेडिट मॉडरेटर ने उस पोस्ट को फ़्लैग किया.

अंग्रेज़ी न्यूज़ पोर्टल 6abc की रिपोर्ट के मुताब़िक छात्र का नाम आनंद आर्यन है. 19 साल के आनंद ने साल 2023 में पेंसिल्वेनिया में लेह यूनिवर्सिटी (Lehigh University in Pennsylvania) में एडमिशन लिया था.

रेडिट पर क्या लिखा था?

न्यूज़ पोर्टल के मुताब़िक आनंद ने रेडिट पर लिखा था,

“मैंने अपना जीवन और करियर झूठ पर बनाया है.”

अपनी पोस्ट में आनंद ने आगे बताया कि कैसे उसका पूरा आवेदन फर्जीवाड़ा करके बनाया गया था ताकि वह अमेरिकी कॉलेज में दाखिला ले सके. उसने लिखा, 

"मैंने किसी को नहीं बताया कि मैं इस मुकाम पर कैसे पहुंचा, जहां मैं अभी हूं. इससे मेरा सब कुछ बर्बाद हो जाएगा." 

खुलासा कैसे हुआ?

6abc न्यूज के  मुताब़िक, आनंद ने लेह यूनिवर्सिटी में फुल स्कॉलरशिप लेने के लिए ट्रांसक्रिप्ट, फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स और यहां तक ​​कि अपने पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र भी जालसाजी से बनवाया. डॉक्युमेंट्स और अपने पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र में हेराफेरी करने के अलावा, आनंद ने खुद के स्कूल के प्रिंसिपल की फर्जी ईमेल आईडी भी बनाई थी.

रिपोर्ट के मुताबिक़ आनंद की ये पोस्ट एक रेडिट मॉडरेटर ने देखी, कुछ खोजबीन की और पता लगाया कि आनंद लेह यूनिवर्सिटी का छात्र था. मॉडरेटर ने यूनिवर्सिटी को इसके बारे में बताया और कुछ सबूत भी दिए. यूनिवर्सिटी में बाद में जांच की गई. दो महीने पहले आनंद को गिरफ़्तार किया गया था. 12 जून 2024 को आनंद को जालसाजी का दोषी पाया गया. उसे यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया.

आनंद के अपराध के लिए 10 से 20 साल की जेल की सजा हो सकती थी. लेकिन यूनिवर्सिटी ने उसे निकालकर, भारत वापस भेज दिया. 

वीडियो: पिता की मौत के बाद वीडियो शूट कराने पर चिराग पासवान ने चुप्पी तोड़ी?