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UPTET 2021 : कोर्ट का आदेश, फिर भी 20 हज़ार लोगों का रिजल्ट क्यों रुक गया?

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी UP TET.

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UPTET 2021

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी UP TET. एक बार फिर से चर्चा में है. वजह हैं UP TET 2021 की परीक्षा देने वाले ऐसे परीक्षार्थी, जिन्होंने NIOS से डीएलएड किया हुआ है. इन हजारों परीक्षार्थियों का रिजल्ट नहीं जारी किया गया है. जिसकी वजह से ये लोग सोशल मीडिया पर प्रोटेस्ट कर जल्द से जल्द रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं. 

 

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क्या है पूरा मामला?

शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी TET पास करनी होती है. और TET देने के लिए वही लोग योग्य होते हैं जिनके पास डीएलएड या बीएड (पास/अपीयर्ड) की डिग्री होती है. अब हुआ ये कि 4 अक्टूबर 2021 को परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश की ओर से UP TET 2021 की विज्ञप्ति जारी की गई. लेकिन इस परीक्षा के लिए वे परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने उन अभ्यर्थियों को योग्य नहीं माना था जिन्होंने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान से डीएलएड की डिग्री ली थी. NIOS से डीएलएड करने वाले महेश यादव बताते हैं, 

2017 से पहले प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में अनट्रेंड टीचर पढ़ा रहे थे. उनके लिए सरकार एक योजना लेकर आई. जिसके तहत उन सभी टीचर को ट्रेनिंग दी गई. इन सभी टीचर्स को NIOS से डीएलएड कराया गया. ये डीएलएड NCTE और MHRD से मान्यता प्राप्त है. इसी कोर्स को कर कई लोग पटना और त्रिपुरा के सरकारी स्कूलों में नौकरी भी कर रहे हैं. सिर्फ उत्तर प्रदेश में अभ्यर्थियों को प्रताड़ित किया जा रहा है. लेकिन उन्होंने हमें न तो UP TET देने के पात्र माना और न ही किसी वैकेंसी में भाग लेने के. जबकि NCTE इस संबंध में 6 जनवरी 2021 को एक लेटर भी इश्यू कर चुकी है. जिसमें ये साफतौर से कहा गया है कि ये सभी अभ्यर्थी रेगुलर डीएलएड के बराबर हैं. 

NCTE का नोटिस

परीक्षा नियामक प्राधिकारी की विज्ञप्ति के खिलाफ NIOS डीएलएड अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने NIOS डीएलएड अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया. जिसके बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने एक नोटिस जारी किया. इसमें कहा गया कि NIOS से डिग्री लेने वाले अभ्यर्थी परीक्षा में तो शामिल हो सकते हैं लेकिन परीक्षा का रिजल्ट कोर्ट के आदेश के खिलाफ विभाग की अपील पर आने वाले अंतिम आदेश पर निर्भर करेगा.

 

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20 हजार अभ्यर्थियों का नहीं आया रिजल्ट

बीते 8 अप्रैल को UP TET 2022 का रिजल्ट आया. NIOS से डीएलएड करने वाले परीक्षार्थियों ने अपना रिजल्ट चेक किया तो वहां कोर्ट केस लिखा आने लगा. आजतक की खबर के मुताबिक ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या 20 हजार है. जिनके रिजल्ट में कोर्ट केस लिखा आ रहा है. NIOS से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का जब फैसला आया था तो कहा गया था कि  फैसले के समय विभाग ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही थी. लेकिन 6 महीने का वक्त बीत गया और कोई अपील नहीं की गई. NIOS से ही डीएलएड करने वाले एक और अभ्यर्थी मकसूद आलम बताते हैं, 

एनसीटीई के मुताबिक टीचर बनने के लिए डीएलएड और टीईटी क्वालीफाई होना चाहिए. हम 2019 टीईटी क्वालीफाई कर चुके हैं, लेकिन इसी दौरान उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक की तरफ से एक नोटिस आता है जिसमें  हमारी डिग्री को वैलिड नहीं बताया जाता है और उसके पीछे तर्क दिया जाता है कि इन्होंने एनआईओएस से डीएलएड किया है. इसके बाद जब हम कोर्ट गए तो कोर्ट ने भी हमारी डिग्री को वैलिड बताया. सरकार हमारे साथ जानबूझकर ऐसा कर रही है ताकि भविष्य में सुपर टेट के लिए फॉर्म न डाल पाएं. 

अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार एक तरफ कोर्ट केस के बहाने रिजल्ट नहीं जारी कर रही है. वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील भी नहीं कर रही है. इस पूरे मामले पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी का पक्ष जानने के लिए हमने प्राधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध फोन नंबर्स पर कॉल किया लेकिन कोई कॉल रिसीव नहीं हुई.

परीक्षा में हुई थी देरी 

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट इसी महीने 8 अप्रैल 2022 को updeled.gov.in  पर अपलोड किया गया था. दरअसल उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए हर साल यूपी टीईटी परीक्षा कराई जाती है. ये एग्जाम 23 जनवरी को राज्य के 75 जनपदों में हुआ था.  इस दौरान कोरोना के सभी नियमों का पालन किया गया था. इस परीक्षा में  लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए थे. बता दें कि साल 2021 में 28 नवंबर को यूपी टीईटी पेपर लीक हो जाने की वजह से परीक्षा का रद्द कर दी गई थी. इस वजह से परीक्षा में देरी हुई और एग्जाम 2022 में फिर आयोजित किया गया. आजतक की खबर के मुताबिक, यूपीटीईटी प्राथमिक स्तर पर 4 लाख 43 हजार 598 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं. उच्च प्राथमिक स्तर पर 2 लाख 16 हजार 994 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं.